07-09-2020, 08:50 PM
“ओह गॉड! कितना मोटा और लंबा लौड़ा है तुम्हारा”, मिली ने अब आगे आकर मेरे लंड को अपने हाथों में जकड़ते हुए कहा। “तुम्हारा लंड तो महेश से भी लंबा है।”
“साली कुत्तिया! मेरे पीछे तुम महेश से चुदवाती रही हो?” एम-डी ने हँसते हुए कहा।
“हाँ... उसी तरह जैसे तुम उसकी बीवी को चोदते रहते थे”, कहकर मिली मेरे लंड को हिलाने लगी।
“योगिता क्या तुम इसके लिये तैयार हो?”
“नहीं! बिल्कुल नहीं!” योगिता बोली।
“योगिता प्लीज़ मान जाओ! नहीं तो मुझे राज के लिये किसी और चूत का इंतज़ाम करना होगा, रजनी की चूत कैसी रहेगी? मुझे मालूम है कि राज को रजनी की कुँवारी चूत चोदने में मज़ा आयेगा।” एम-डी हँसते हुए बोला।
“मेरी बेटी को इन सबसे दूर रखो! समझे?” योगिता जोर से चिल्लायी।
“तुम सोच लो, या तो तुम्हारी चूत या फिर रजनी की चूत, फैसला तुम्हारे हाथ में है।”
एम-डी की बात सुन कर योगिता भी सोफ़े के पीछे से बाहर आ गयी। सिर्फ काले रंग के हाई हील के सैंडल पहने, बिल्कुल नंगी, योगिता बहुत ही सैक्सी लग रही थी। एम-डी उसे देख कर बोला, “अच्छा अब तुम मान ही गयी हो तो राज का जरा अलग अंदाज़ में स्वागत करो।”
योगिता घुटने के बल मेरे पास बैठ गयी और मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने और चाटने लगी।
“चलो अब बेडरूम में चलते हैं”, एम-डी सोफ़े पर से उठते हुए बोला। हम चारों बेडरूम में आ गये। पहले हम सबने दो-दो पैग पीये और फिर मैंने दोनों को खूब चोदा। इतनी उम्र होने के बाद भी दोनों में सैक्स की आग भरी हुई थी। एम-डी सब कुछ देखता रहा। फिर एम-डी के कहने पर मैंने उन दोनों की गाँड भी मारी।
मैंने रात को घर पहुँच कर प्रीती को सब बताया तो वो खुश हुई और बोली, “अच्छा है! आज से एम-डी तुम्हें अपने बराबर समझेगा..... नौकर नहीं।”
एम-डी जब बिमार था तो रजनी बराबर आती रहती थी और मैं प्रीती के साथ उसकी भी जम कर चुदाई करता था, लेकिन जबसे मैंने उसकी माँ योगिता को चोदा, उसने आना बंद कर दिया था।
एक दिन मैं घर पहुँचा तो देखता हूँ कि रजनी और प्रीती शराब की चुस्कियाँ लेती हुई बातें कर रही हैं।
“हाय राज! कैसे हो और आज कल क्या कर रहे हो.... मेरी मम्मी को चोदने के अलावा?” रजनी बोली।
“तो तुम्हें पता चल गया”, मैंने कहा।
“साली कुत्तिया! मेरे पीछे तुम महेश से चुदवाती रही हो?” एम-डी ने हँसते हुए कहा।
“हाँ... उसी तरह जैसे तुम उसकी बीवी को चोदते रहते थे”, कहकर मिली मेरे लंड को हिलाने लगी।
“योगिता क्या तुम इसके लिये तैयार हो?”
“नहीं! बिल्कुल नहीं!” योगिता बोली।
“योगिता प्लीज़ मान जाओ! नहीं तो मुझे राज के लिये किसी और चूत का इंतज़ाम करना होगा, रजनी की चूत कैसी रहेगी? मुझे मालूम है कि राज को रजनी की कुँवारी चूत चोदने में मज़ा आयेगा।” एम-डी हँसते हुए बोला।
“मेरी बेटी को इन सबसे दूर रखो! समझे?” योगिता जोर से चिल्लायी।
“तुम सोच लो, या तो तुम्हारी चूत या फिर रजनी की चूत, फैसला तुम्हारे हाथ में है।”
एम-डी की बात सुन कर योगिता भी सोफ़े के पीछे से बाहर आ गयी। सिर्फ काले रंग के हाई हील के सैंडल पहने, बिल्कुल नंगी, योगिता बहुत ही सैक्सी लग रही थी। एम-डी उसे देख कर बोला, “अच्छा अब तुम मान ही गयी हो तो राज का जरा अलग अंदाज़ में स्वागत करो।”
योगिता घुटने के बल मेरे पास बैठ गयी और मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने और चाटने लगी।
“चलो अब बेडरूम में चलते हैं”, एम-डी सोफ़े पर से उठते हुए बोला। हम चारों बेडरूम में आ गये। पहले हम सबने दो-दो पैग पीये और फिर मैंने दोनों को खूब चोदा। इतनी उम्र होने के बाद भी दोनों में सैक्स की आग भरी हुई थी। एम-डी सब कुछ देखता रहा। फिर एम-डी के कहने पर मैंने उन दोनों की गाँड भी मारी।
मैंने रात को घर पहुँच कर प्रीती को सब बताया तो वो खुश हुई और बोली, “अच्छा है! आज से एम-डी तुम्हें अपने बराबर समझेगा..... नौकर नहीं।”
एम-डी जब बिमार था तो रजनी बराबर आती रहती थी और मैं प्रीती के साथ उसकी भी जम कर चुदाई करता था, लेकिन जबसे मैंने उसकी माँ योगिता को चोदा, उसने आना बंद कर दिया था।
एक दिन मैं घर पहुँचा तो देखता हूँ कि रजनी और प्रीती शराब की चुस्कियाँ लेती हुई बातें कर रही हैं।
“हाय राज! कैसे हो और आज कल क्या कर रहे हो.... मेरी मम्मी को चोदने के अलावा?” रजनी बोली।
“तो तुम्हें पता चल गया”, मैंने कहा।