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Adultery तरक्की का सफ़र
पहले प्रीती को चोदो, कहकर रजनी ने मेरे लंड को प्रीती की चूत के छेद पर लगा दिया। 

उस दिन मैंने कई बार बदल-बदल कर दोनों को चोदा। 
 
तो फिर कब मिलना है?” रजनी ने कपड़े पहनते हुए कहा।
 
शनिवार की रात को, क्यों ठीक रहेगा ना?”
 
ठीक है! शनिवार को मिलेंगे, कहकर रजनी अपने घर चली गयी।
 
शनिवार की शाम को मैंने सूईट के सब बल्ब निकाल दिये और खिड़की पर काले पर्दे चढ़ा दिये जिससे कमरे में अंधेरा हो और एम-डी रजनी को पहचान नहीं पाये।
 
सर! आप अपने कपड़े उतार कर रूम में जा सकते हैं, नयी चूत आपका इंतज़ार कर रही है! प्रीती ने एम-डी से कहा।
 
अपने कपड़े उतार कर एम-डी बेडरूम में दाखिल हो गया। राज! मैं सब सुनना चाहती हूँ और रिकॉर्ड भी करना चाहती हूँ, प्रीती ने अपने लिये एक बड़ा पैग ले कर सोफ़े पर बैठते हुए कहा।
 
मैंने टीवी का स्विच ऑन किया और देखने लगा। एम-डी अपना लंड रजनी की चूत में घुसा चुका था। मैं तुम्हारी चूत के भी पैसे दे देता अगर तुम मेरे पास पहले आ जाती, कहते हुए एम-डी रजनी की चूत को चोद रहा था।
 
रजनी के मुँह से कामुक सिसकरियाँ निकल रही थी। एम-डी अपना पूरा जोर लगा कर रजनी की चूत को चोद रहा था।
 
तुझे चुदाई अच्छी लग रही है ना?” एम-डी ने पूछा।
 
हाँआँआआ”, रजनी बोली।
 
लगता है रजनी को मज़ा आ रहा है! मैंने प्रीती से कहा।
 
हाँ! एम-डी चुदाई बहुत अच्छे तरीके से करता है, प्रीती ने सिगरेट का कश लेकर मेरे लंड को पैंट के ऊपर से ही दबाते हुए कहा।
 
टीवी पर रजनी की सिसकरियाँ गूँज रही थी, ओहहहहहहह हाँआँआआआआआ जोर से... हाँआँआँ ऐसे ही।
 
थोड़ी देर बाद कमरे में एक दम खामोशी सी छा गयी थी। सिर्फ़ उन दोनों की साँसों की आवाज़ आ रही थी।
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RE: तरक्की का सफ़र - by rohitkapoor - 07-09-2020, 08:45 PM



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