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Adultery तरक्की का सफ़र
मीना! तुम्हारा पहला और इंपोर्टेंट काम समझा दूँ! अपने कपड़े उतार कर सोफ़े पेर लेट जाओ। 

पर सर! उस दिन तो आपने और एम-डी ने मेरा इंटरव्यू अच्छी तरह से लिया था, मीना ने शर्माते हुए कहा। 
 
मेरी जान! वो तो शुरुआत थी! इस कंपनी में ये इंटरव्यू रोज़ लिया जाता है, चलो जल्दी करो, मेरे पास समय नहीं है, मैंने कहा।
 
मीना शर्माते हुए अपने कपड़े उतारने लगी। मीना वाकय में बहुत सुंदर थी, उसके नंगे बदन दो देख कर मैंने कहा, मीना! कल ऑफिस आओ तो तुम्हारी चूत पर एक भी बल नहीं होना चाहिये, एम-डी को भी बिना झाँटों की चूत अच्छी लगती है। फिर मैंने उसके गोरे पैरों में ढाई-तीन इंच उँची हील के सैंडल देख कर कहा, हाँ! और इस ऑफिस में काम करने वाली हर औरत को कम से कम चार इंच ऊँची हील के सैंडल पहनना जरूरी है और चुदाई के समय इन्हें कभी मत उतारना। फिर अगले एक घंटे तक मैं उसके हर छेद का मज़ा लेता रहा।
 
उस दिन से एम-डी मीना को सुबह चोदता था और मैं शाम को मीना की चूत अपने पानी से भर देता था। मेरी तीनों एसिस्टेंट्स को ये अच्छा नहीं लगा और वो मीना को सताने लगी।
 
एक दिन मैंने उन तीनों को अपने केबिन में बुलाया और पूछा, तुम लोग मीना को क्यों सताते हो?”
 
जबसे वो आयी है, तुम हमें नज़र अंदाज़ कर रहे हो, शबनम ने कहा।
 
आज कल तुम ज्यादा समय उसके साथ गुजारते हो”, समीना ने शिकायत की।
 
या तो उसे नौकरी से निकाल दो, या उसे किसी और डिपार्टमेंट में ट्राँसफर कर दो, नीता ने कहा।
 
तुम तीनों सुनो! ना तो मैं उसे ट्राँसफर करूँगा ना मैं उसे नौकरी से निकालूँगा, आया समझ में?”
 
मेरी बात सुन तीनों सोच में पड़ गयीं। तो फिर हमारा क्या होगा, हम तुम्हारे लंड के बिना कैसे रहें?” शबनम ने कहा।
 
इसका एक उपाय है मेरे पास, मैंने मीना को अपने केबिन में बुलाया।
 
तुम तीनों इसके कपड़े उतारो! आज मैं तुम चारों को साथ में चोदूँगा, जिससे किसी को शिकायत ना हो।
 
तीनों ने मिलकर मीना को नंगा कर दिया। मीना के नंगे बदन को देख शबनम बोली, राज! मीना बेहद खूबसूरत है।
 
हाँ! इसके भरे भरे मम्मे तो देखो... और इसकी चिकनी चूत को! इसलिये राज इसकी चूत को ज्यादा चोदता है... हमें नहीं, समीना बोली।
 
तो क्या तुम इन तीनों को भी चोदते हो?” मीना ने सवाल किया।
 
हाँ! सिर्फ तीनों को ही नहीं मेर जान! बल्कि इस कंपनी की हर लड़की या औरत को चोदता है, कहकर नीता उसके बदन को सहलाने लगी।
 
चलो तुम सब अपने कपड़े उतारो और मीना का हमारे बीच स्वगत करो, मैंने चारों को साइड-बाय-साइड सोफ़े पर लिटा दिया और खुद भी कपड़े उतार कर नंगा हो गया। मैं अपने लंड से बारी-बारी चारों को चोदने लगा। तीन चार धक्के लगा कर दूसरी चूत में लंड डाल देता और फिर दूसरी चूत में। वो भी एक-दूसरे की चूचियाँ सहलाती और एक दूसरे के होंठ चूमती। इसी तरह मेरा लंड तीन बार झड़ा।
 
प्रीती बहुत खुश थी और वो अब एम-डी से बदला लेने का प्लैन बना रही थी।
 
॥॥। क्रमशः॥॥
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RE: तरक्की का सफ़र - by rohitkapoor - 07-09-2020, 08:39 PM



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