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Misc. Erotica हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह
मैं जोर से चिल्ला उठी। उसने धीरे से फिर अपना लंड मेरी चूत से निकाला और फिर झटके से डाल दिया। उसने अब मेरे बाल छोड़ दिये थे और अपना हाथ मेरे कुल्हों पे रख दिया था। अब वो एक पागल हैवान की तरह मेरी चूत के अंदर बाहर अपना लंड पेल रहा था और मैं उसके हाथों में एक खिलौने की तरह खेली जा रही थी। उसकी आवाज़ें मुझे सुनाई दे रही थी। वो एक जंगली जानवर की तरह कराहा रहा था। वो ऐसे मेरी चूत का पूरा लुत्फ़ उठाये जा रहा था जैसे कि ज़िंदगी में पहले चूत चोदी ही ना हो। 

आआघहह आहहहघहह कुत्तिया देख मेरा लंड कैसे जा रहा है तेरी चूत में देख वो कैसे फाड़ रहा है तेरी इस चूत को... देख रंडी देख।

मैंने बहुत कोशिश की कि उसको अपनी चुदाई में साथ ना दूँ पर मैंने ज़िंदगी में कभी खुद को इस कदर मुकम्मल महसूस नहीं किया था। मेरी चूत ने उसका तमाम लंड खा लिया था और फिर मुझे महसूस हुआ कि मेरी चूत ने मुझे धोखा देना शुरू कर दिया है और उसके लंड के आसपास एक दम सिकुड़ गयी है जैसे कि वो उसे पूरा चूस लेना चाहती हो। चुदाई की मस्ती का पूरा समँदर मेरे अंदर उमड़ पड़ा था। पता नहीं मेरे साथ ऐसा क्यों हो रहा था। अब उसने मुझे कार के बोनेट पे झुका के पूरी लिटा दिया और मेरी रसभरी चौड़ी चूत को तेजी से चोदने लगा। जब भी वो मेरे अंदर घुसता था तब मेरी चूत उसके लंड को गिरफ़्त में लेने की कोशिश करती थी और उसके आसपास टाईट हो जाती थी। हमारे भीगे जिस्मों के आपस में से टकराने ने मुझे बेहद चुदासी कर दिया था। उसकी आवाज़ अब एक घायल हुए भेड़िये जैसी हो गयी थी, जैसे उसे दर्द हो रहा हो। 
 
मममम..... आआआहहह..... बहुत मज़ा आ रहा है तुझे चोदने में...आहहह सबा कितनी ही पढ़ी-लिखी आधुनिक दिखने वाली औरतों को चोदा है... आहहह पर तेरे जैसी कोई नहींईंईंईं !!!”
 
वो बड़ी तेज़ रफ़्तार से अपना मोटा काला लंड मेरी चूत की गहराईयों में पेल रहा था। जब-जब वो अंदर पेलता था मेरा जिस्म कार के हुड पे ऊपर खिसक जाता था। उसके लंड का भार मेरी क्लिट को मसल रहा था। मेरी सूजी हुई क्लिट में अजीब सी चुभन और सेनसेशन थी।
 
ओहहह नहींईंईंईं आहहहहह... ओहह... ओहहहह अल्लाहहहह...! मैं झड़ने लगी थी और मेरी चूत थरथराने लगी थी। आह हा हाह हाह हाहाह...!
 
उसे पता चल गया था कि मैं झड़ चुकी हूँ और वो हँसने लगा।
 
मुझे मालूम है तुझ जैसी चुदासी औरतों को बड़े और मोटे लंड बहुत पसँद होते हैं...! हर शहरी आधुनिक औरत को लंड अपनी चूत में लेके अपनी चूत का भोंसड़ा बनाना पसँद होता है.. तू उनसे कोई अलग नहीं है। तू भी सब मॉडर्न औरतों की तरह चुदासी है। साली अगर तुम औरतों को मेरे जैसे देहातियों के तँदुरुस्त लंड मिल जावें तो तुम हमारी राँडें बन के रहो। तुझे तो अपने आप पे शर्म आनी चाहिये रंडी कि मेरे इस लंड के सैलाब में तेरी चूत जो झड़ गयी
 
मुझे खुद से घिन्न आने लगी और दिल ही दिल उसपे बहुत गुस्सा आया कि उसने मेरी चूत चोद के उसे झड़ने पे मजबूर कर दिया। उसने अपना लंड मेरी चूत में से निकाल के मेरी गाँड पे रख दिया। मैं तो जैसे नींद से जाग उठी और फिर काँप गयी जब मेरी गाँड के छेद पे धक्क लगा।
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RE: हिंदी की कामुक कहानियों का संग्रह - by rohitkapoor - 07-09-2020, 07:58 PM



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