02-08-2020, 12:57 AM
प्रशाँत अभी तक उसी तरह अपना लंड प्रीती की गाँड में घुसाये लेटा था। फिर उसने अपनी आखिरी चाल चली, “अविनाश मेरा तो पानी अब छूटने वाला है, ऐसा दृश्य देख कर... क्यों नहीं तुम अपना लंड इसकी चूत में डाल देते हो।”
अब मेरे और अविनाश की समझ मे आया की प्रशाँत क्या चाहता था। अविनाश उछल कर प्रीती की टाँगों के बीच आ गया। उसने अपना हाथ प्रीती की चूत में फँसे डिल्डो पर रखा। पर उसे बाहर निकालने की बजाय वो उसे अंदर-बाहर करने लगा।
थोड़ी देर बाद अविनाश अपने लंड को प्रीती की चूत के मुँह पे लगा कर धीरे-धीरे अंदर करने लगा और साथ ही डिल्डो को बाहर खींचने लगा। जितना उसका लंड अंदर जाता उतना ही वो डिल्डो को बाहर खींच लेता। मैंने देखा कि डिल्डो पूरी तरह से प्रीती की चूत के पानी से लसा हुआ था और चमक रहा था। जब अविनाश का पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया तो उसने डिल्डो बाहर निकाल कर मेरे हाथ में पकड़ा दिया।
मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि जो डिल्डो मेरी बीवी की चूत में पिछले पाँच घंटे से घुसा हुआ था, वही अब उसके पानी से लसा हुआ मेरे हाथ में है। मैंने बिना हिचकिचाते हुए उसे अपने मुँह में ले चाटने लगा। मुझे उसकी चूत के पानी का स्वाद सही में अच्छा लग रहा था। जब मैंने उसे चाट कर साफ कर दिया तो उसे बिस्तर पर रख दिया।
मिनी अब तक मेरे लंड को पकड़े हुए थी। उसने मेरी तरफ देखा और घुटनों के बल बैठ कर मेरे लंड को अपने मुँह में ले कर चूसने लगी। वो एक हाथ से मेरा लंड पकड़ कर चूस रही थी और दूसरे हाथ की अँगुलियों से अपनी चूत को चोद रही थी। पर उसकी नज़रें वहीं गड़ी थीं जहाँ मेरी बीवी की दोहरी चुदाई हो रही थी।
मैंने अपना ध्यान मिनी से हटाया और फिर प्रीती पर केंद्रित कर दिया। मैंने देखा कि अविनाश आधा खड़ा हो अपने लंड को प्रीती के मुँह में दे कर धक्के मर रहा था। प्रीती भी पूरे जोर से उसे चूस रही थी। जब उसका लंड पूरी तरह से तन गया तो वो प्रीती के थूक से लसे अपने लंड को ले कर प्रीती की टाँगों के बीच आ गया।
प्रीती अपनी टाँगें थोड़ी और चौड़ी कर के पीछे को पसर गयी। अविनाश एक हाथ से अपने लंड को पकड़ कर प्रीती की चूत पे रगड़ने लगा। अब मेरी बीवी की दो लंड से चुदाई होने वाली थी। एक उसकी गाँड में और दूसरा उसकी चूत में।
अविनाश ने प्रीती की एक टाँग को जाँघों से पकड़ा और अपनी कोहनी पे रख दी। इससे प्रीती की चूत और खुल गयी। थोड़ी देर अपने लंड को रगड़ने के बाद उसने एक ही धक्के में अपना लंड उसकी चूत में पेल दिया। अब वो धक्के लगा कर उसकी चूत को चोद रहा था।
अब मेरे और अविनाश की समझ मे आया की प्रशाँत क्या चाहता था। अविनाश उछल कर प्रीती की टाँगों के बीच आ गया। उसने अपना हाथ प्रीती की चूत में फँसे डिल्डो पर रखा। पर उसे बाहर निकालने की बजाय वो उसे अंदर-बाहर करने लगा।
थोड़ी देर बाद अविनाश अपने लंड को प्रीती की चूत के मुँह पे लगा कर धीरे-धीरे अंदर करने लगा और साथ ही डिल्डो को बाहर खींचने लगा। जितना उसका लंड अंदर जाता उतना ही वो डिल्डो को बाहर खींच लेता। मैंने देखा कि डिल्डो पूरी तरह से प्रीती की चूत के पानी से लसा हुआ था और चमक रहा था। जब अविनाश का पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया तो उसने डिल्डो बाहर निकाल कर मेरे हाथ में पकड़ा दिया।
मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि जो डिल्डो मेरी बीवी की चूत में पिछले पाँच घंटे से घुसा हुआ था, वही अब उसके पानी से लसा हुआ मेरे हाथ में है। मैंने बिना हिचकिचाते हुए उसे अपने मुँह में ले चाटने लगा। मुझे उसकी चूत के पानी का स्वाद सही में अच्छा लग रहा था। जब मैंने उसे चाट कर साफ कर दिया तो उसे बिस्तर पर रख दिया।
मिनी अब तक मेरे लंड को पकड़े हुए थी। उसने मेरी तरफ देखा और घुटनों के बल बैठ कर मेरे लंड को अपने मुँह में ले कर चूसने लगी। वो एक हाथ से मेरा लंड पकड़ कर चूस रही थी और दूसरे हाथ की अँगुलियों से अपनी चूत को चोद रही थी। पर उसकी नज़रें वहीं गड़ी थीं जहाँ मेरी बीवी की दोहरी चुदाई हो रही थी।
मैंने अपना ध्यान मिनी से हटाया और फिर प्रीती पर केंद्रित कर दिया। मैंने देखा कि अविनाश आधा खड़ा हो अपने लंड को प्रीती के मुँह में दे कर धक्के मर रहा था। प्रीती भी पूरे जोर से उसे चूस रही थी। जब उसका लंड पूरी तरह से तन गया तो वो प्रीती के थूक से लसे अपने लंड को ले कर प्रीती की टाँगों के बीच आ गया।
प्रीती अपनी टाँगें थोड़ी और चौड़ी कर के पीछे को पसर गयी। अविनाश एक हाथ से अपने लंड को पकड़ कर प्रीती की चूत पे रगड़ने लगा। अब मेरी बीवी की दो लंड से चुदाई होने वाली थी। एक उसकी गाँड में और दूसरा उसकी चूत में।
अविनाश ने प्रीती की एक टाँग को जाँघों से पकड़ा और अपनी कोहनी पे रख दी। इससे प्रीती की चूत और खुल गयी। थोड़ी देर अपने लंड को रगड़ने के बाद उसने एक ही धक्के में अपना लंड उसकी चूत में पेल दिया। अब वो धक्के लगा कर उसकी चूत को चोद रहा था।