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Misc. Erotica हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह
प्रशाँत ने प्रीती के कुल्हों को पकड़ कर उसकी गाँड के छेद को और फैला दिया। प्रशाँत के दोनों हाथ प्रीती के कुल्हों को पकड़े हुए थे। मिनी ने आगे बढ़ कर प्रशाँत के लंड को ठीक प्रीती की गाँड के छेद पर रख दिया और प्रशाँत अब अपने लंड को अंदर घुसाने लगा। मिनी अभी भी उसके लंड को पकड़े हुए थी। इतनी सारी क्रीम लगने से उसका लंड और प्रीती की गाँड पूरी तरह चिकनी हो गयी थी जिससे प्रशाँत के लंड का सुपाड़ा उसकी गाँड में आसानी से घुस गया।

 
मिनी ने अपना हाथ उसके लंड पर से हटा लिया। अब जबकि सुपाड़ा घुस चुका था,  प्रशाँत धीरे-धीरे अपने लंड को और अंदर तक घुसाने लगा। उसके हर धक्के के साथ प्रीती की सिस्कार गूँजती, ओहहहहहह..... आआआहहहहहहह.... थोड़ा धीरे.... दर्द हो रहाआआआआ है। थोड़ी देर में उसका पूरा लंड प्रीती की गाँड में घुस चुका था। अब उसकी गाँड कुँवारी नहीं रही थी।
 
प्रीती अब भी बबीता की चूत चूसे जा रही थी। जब प्रशाँत का पूरा लंड उसकी गाँड मे घुस गया तो जोर की सिस्करी निकली,ओहहहहह हँआँआँआँ। प्रशाँत का लंड प्रीती की गाँड की दीवारों को रौंदता हुआ जड़ तक समा गया था।
 
प्रशाँत ने मिनी और मेरा धन्यवाद दिया कि हम दोनों ने प्रीती की गाँड मारने में उसकी सहायता की और कैसे उसका लंड प्रीती की गाँड में अंदर तक घुसा हुआ है और कैसे प्रीती की गाँड उसके लंड को भींचे हुए है। उसने बताया कि उसे प्रीती की चूत में फँसे डिल्डो का भी एहसास हो रहा है और ये उत्तेजना उसके लंड से लेकर उसकी गोलियों तक जा रही थी। प्रशाँत जान बूझ कर ये सब बातें बता कर मुझे चिढ़ा रहा था। हरामी साला मेरे मुँह से गाली निकली।
 
लेकिन अब तक मैं अपना लंड अपनी पैंट में से निकाल कर सहला रहा था। सब जानते थे कि मेरी बीवी की गाँड की चुदाई ने मुझे भी उत्तेजित कर दिया था। पर जो होने वाला था उसके आगे ये कुछ भी नहीं था। मिनी अब उनसे दूर जा कर खड़ी हो गयी। प्रशाँत का लंड प्रीती की गाँड में अंदर बाहर हो रहा था। प्रशाँत अपने लंड को करीब तीन इंच बाहर खींचता और अपने आठ इंच के लंड को पूरा जड़ तक पेल देता।
 
प्रशाँत जानबूझ कर धीरे-धीरे धक्के लगा रहा था। पर समय के साथ उसकी रफ़्तार तेज हो रही थी। अब वो पाँच इंच लंड को बाहर निकालता और पूरा पेल देता। थोड़ी देर में वो अपने लंड का सुपाड़ा सिर्फ़ अंदर रहने देता और एक झटके में पूरा लंड प्रीती की गाँड में डाल देता। प्रीती की गाँड पूरी तरह खुल गयी थी और हर झटके को वो अपने कुल्हों को पीछे कर के ले रही थी, हाँ डाल दो पूरा लंड मेरी गाँड में.... ओहहहहहह हँआँआँ और जोर से.... हँआँआँ चोदो.... फाड़ दो मेरी गाँड को।
 
प्रीती उन मिंया-बीवी के बीच सैंडविच बनी हुई थी। नीचे से बबीता अपनी चूत को ऊपर उठा कर उसके मुँह में भर देती और पीछे से प्रशाँत उसके कुल्हों को पकड़ कर जोर से लंड पेल देता। जैसे ही उसका लंड अंदर तक जाता, प्रीती का मुँह बबीता की चूत पे और जोर से दब जाता। प्रशाँत उसकी गाँड भी मार रहा था और उसकी चूत में फँसे डिल्डो को और अंदर की और घुसा देता।
 
अब अविनाश भी इस खेल में शामिल होना चाहता था। उसने भी अपने कपड़े उतार दिए और अपने लंड को सहलाने लगा। अपने लंड को सहलाते हुए वो बबीता के चेहरे के पास आ गया। अविनाश अपने लंड को उसके मुँह के पास कर के उसके होंठों पर रगड़ने लगा। बबीता ने अपने हाथ से उसका लंड पकड़ कर अपने मुँह में ले लिया और वो जोरों से अविनाश के लंड को चूसने लगी।
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RE: हिंदी की कामुक कहानियों का संग्रह - by rohitkapoor - 02-08-2020, 12:53 AM



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