02-08-2020, 12:44 AM
“ये ठीक वैसा ही है जैसा तुम्हारी बीवी की चूत में घुसा हुआ है।” उसने मेरे हाथों का दबाव अपनी चूत पे बढ़ाते हुए कहा। मैं समझ गया कि ये सब प्रशाँत का काम है। उसने दो औरतों को इतना उत्तेजित कर दिया था कि वो चुदाने के लिए कुछ भी कर सकती थीं।
नाचते हुए मैंने प्रीती और अविनाश की और देखा। अविनाश का एक हाथ मेरी बीवी की चूत पर था और वो उस डिल्डो को और अंदर तक उसकी चूत में घुसा रहा था। फिर मैंने देखा कि प्रीती उसका हाथ पकड़ कर उसे हाल के बाहर ले जा रही है। मैं सोच रहा था कि पता नहीं अब आगे क्या होने वाला है? मैं भी मिनी को अपने साथ ले उनके पीछे चल दिया।
प्रीती और अविनाश कमरे में पहुँचे और उनके पीछे-पीछे प्रशाँत और बबीता और फिर मैं और मिनी भी कमरे में आ गये। अब ये बात सब पे खुलासा हो चुकी थी कि आज सब एक दूसरे की चुदाई करेंगे।
मिनी मेरे पास आकर मुझसे सट कर खड़ी हो गयी। उसकी आँखों में भी उत्तेजना के भाव थे। लगता था कि प्रशाँत ने उसे भी डिल्डो को छूने की मनाई की हुई थी। बेटरी पे चलता डिल्डो उसकी चूत में आग लगाये हुए था। पता नहीं प्रशाँत ने क्या जादू इन दोनों पे किया हुआ था।
प्रशाँत ने भी शायद उनकी आँखों में छिपी वेदना को पढ़ लिया था, “तुम दोनों चिंता मत करो, आज तुम दोनों की चूत से पानी की ऐसे बौछार छुटेगी जैसे इस कमरे में बाढ़ आ गयी हो। आज तुम को चुदाई का वो आनंद आयेगा कि तुम दोनों जीवन भर याद करोगी।”
“लेकिन प्रीती की पहली बारी है, क्योंकि आज की दावत उसकी तरफ़ से थी। लेकिन ये बाद में... पहले मैं चाहता हूँ कि प्रीती अपने काबिल-ए-तारीफ़ मुँह से अविनाश के लंड से एक एक बूँद पानी निचोड़ ले। लेकिन वो अपनी जींस नहीं उतारेगी और ना ही अपनी चूत पर हाथ रख सकेगी। अगर अविनाश ने इसके काम की तारीफ़ की तो मैं इस विषय पर सोचूँगा। राज और मिनी खड़े होकर इनहें देख सकते हैं लेकिन यही बात मिनी पर भी लागू होती है। तब तक मैं और बबीता मेहमानों का खयाल रखेंगे। जब अविनाश का काम हो जाये तो राज मेरे पास आकर, आगे क्या करना है, पूछ सकता है।” इतना कहकर प्रशाँत और बबीता वापस हाल में चले गये।
प्रीती अविनाश का हाथ पकड़ कर उसे गेस्ट बेडरूम मे ले गयी। मुझे विश्वास नहीं आ रहा था कि थोड़े दिन पहले तक जिस औरत ने शादी के बाद सिवाय मेरे किसी से नहीं चुदवाया था... आज वो फिर एक गैर मर्द का लंड चूसने जा रही है।
मैंने मुड़ कर मिनी की तरफ़ देखा। उसकी भी हालत खराब थी। मिनी भी रूम की तरफ़ बढ़ी तो मैं उसके चूत्तड़ को देखने लगा। कितने गोल और भरे हुए थे। मैं जानता था कि उसकी चूत में डिल्डो होने की वजह से वो अपनी टाँगें सिकोड़ कर चल रही थी।
जैसे ही हम रूम में पहुँचे मैंने दरवाज़ा लॉक कर दिया। प्रीती उत्तेजना में इतनी पागल थी कि बिना समय बिताये वो घुटनों के बल बैठ कर अविनाश की जींस के बटन खोलने लगी। वो जानती थी कि जितनी जल्दी वो अविनाश का लंड चूस कर उसका पानी छुड़ायेगी, उतनी जल्दी ही उसकी चूत को पानी छोड़ने का मौका मिलेगा।
नाचते हुए मैंने प्रीती और अविनाश की और देखा। अविनाश का एक हाथ मेरी बीवी की चूत पर था और वो उस डिल्डो को और अंदर तक उसकी चूत में घुसा रहा था। फिर मैंने देखा कि प्रीती उसका हाथ पकड़ कर उसे हाल के बाहर ले जा रही है। मैं सोच रहा था कि पता नहीं अब आगे क्या होने वाला है? मैं भी मिनी को अपने साथ ले उनके पीछे चल दिया।
प्रीती और अविनाश कमरे में पहुँचे और उनके पीछे-पीछे प्रशाँत और बबीता और फिर मैं और मिनी भी कमरे में आ गये। अब ये बात सब पे खुलासा हो चुकी थी कि आज सब एक दूसरे की चुदाई करेंगे।
मिनी मेरे पास आकर मुझसे सट कर खड़ी हो गयी। उसकी आँखों में भी उत्तेजना के भाव थे। लगता था कि प्रशाँत ने उसे भी डिल्डो को छूने की मनाई की हुई थी। बेटरी पे चलता डिल्डो उसकी चूत में आग लगाये हुए था। पता नहीं प्रशाँत ने क्या जादू इन दोनों पे किया हुआ था।
प्रशाँत ने भी शायद उनकी आँखों में छिपी वेदना को पढ़ लिया था, “तुम दोनों चिंता मत करो, आज तुम दोनों की चूत से पानी की ऐसे बौछार छुटेगी जैसे इस कमरे में बाढ़ आ गयी हो। आज तुम को चुदाई का वो आनंद आयेगा कि तुम दोनों जीवन भर याद करोगी।”
“लेकिन प्रीती की पहली बारी है, क्योंकि आज की दावत उसकी तरफ़ से थी। लेकिन ये बाद में... पहले मैं चाहता हूँ कि प्रीती अपने काबिल-ए-तारीफ़ मुँह से अविनाश के लंड से एक एक बूँद पानी निचोड़ ले। लेकिन वो अपनी जींस नहीं उतारेगी और ना ही अपनी चूत पर हाथ रख सकेगी। अगर अविनाश ने इसके काम की तारीफ़ की तो मैं इस विषय पर सोचूँगा। राज और मिनी खड़े होकर इनहें देख सकते हैं लेकिन यही बात मिनी पर भी लागू होती है। तब तक मैं और बबीता मेहमानों का खयाल रखेंगे। जब अविनाश का काम हो जाये तो राज मेरे पास आकर, आगे क्या करना है, पूछ सकता है।” इतना कहकर प्रशाँत और बबीता वापस हाल में चले गये।
प्रीती अविनाश का हाथ पकड़ कर उसे गेस्ट बेडरूम मे ले गयी। मुझे विश्वास नहीं आ रहा था कि थोड़े दिन पहले तक जिस औरत ने शादी के बाद सिवाय मेरे किसी से नहीं चुदवाया था... आज वो फिर एक गैर मर्द का लंड चूसने जा रही है।
मैंने मुड़ कर मिनी की तरफ़ देखा। उसकी भी हालत खराब थी। मिनी भी रूम की तरफ़ बढ़ी तो मैं उसके चूत्तड़ को देखने लगा। कितने गोल और भरे हुए थे। मैं जानता था कि उसकी चूत में डिल्डो होने की वजह से वो अपनी टाँगें सिकोड़ कर चल रही थी।
जैसे ही हम रूम में पहुँचे मैंने दरवाज़ा लॉक कर दिया। प्रीती उत्तेजना में इतनी पागल थी कि बिना समय बिताये वो घुटनों के बल बैठ कर अविनाश की जींस के बटन खोलने लगी। वो जानती थी कि जितनी जल्दी वो अविनाश का लंड चूस कर उसका पानी छुड़ायेगी, उतनी जल्दी ही उसकी चूत को पानी छोड़ने का मौका मिलेगा।