05-07-2020, 10:15 PM
बबीता बिना कुछ कहे गेस्ट रूम की और बढ़ गयी। मगर मेरा इरादा केवल बबीता को चोदने का नहीं था बल्कि मैं चाहता था कि उसकी चुदाई प्रशाँत अपनी आँखों से देखे। मैं उसके पास गया और उसे साईड मे ले जाकर उससे कहा, “प्रशाँत आज मैं तुम्हारी बीवी की गाँड मारूँगा और मैं चाहता हूँ कि तुम ये सब अपनी आँखों से देखो। ऐसा करना तुम खिड़की के पीछे छिप कर सब देखो, मैंने खिड़की के पट थोड़े खुले छोड़ दिए हैं।” इतना कहकर मैं गेस्ट रूम की तरफ़ बढ़ गया।
मैं कमरे मे पहुँचा तो बबीता मेरा इंतज़ार कर रही थी। मैंने दरवाज़ा बंद किया और उसे बांहों मे भर कर उसके होंठों को चूमने लगा। मैंने उसके बदन को सहलाते हुए उसकी पीठ पर लगी ज़िप खोल दी, “बबीता अपनी ड्रेस उतार दो।”
बबीता ने अपनी ड्रेस उतार दी। उसने नीचे कुछ नहीं पहना था। अब वो सिर्फ काले रंग के हाई हील के सैंडल पहने नंगी खड़ी मेरी और देख रही थी। बबीता उन सैंडलों में नंगी इतनी सुंदर लग रही थी कि किसी भी मर्द को मदहोश कर सकती थी।
मैंने अपने दोनों हाथों से उसकी चूचियाँ पकड़ कर उसे अपने नज़दीक खींच लिया, और उसके कान में फुसफुसाया, “बबीता आज मैं तुम्हारी गाँड मारना चाहता हूँ।”
मेरी बात सुनकर वो मुस्कुरा दी और बोली, “राज मैं पूरी तरह से तुम्हारी हूँ। तुम्हारा जो जी चाहे तुम कर सकते हो।”
बबीता अब घुटनों के बल बैठ कर मेरी पैंट के बटन खोलने लगी। बटन खुलते ही मेरा लंड फुँकार मार कर बाहर निकल आया। बबीता बड़े प्यार से उसे अपने मुँह में ले कर चूसने लगी। वो इतने प्यार से चूस रही थी जैसे वो मेरे लंड को अपनी गाँड के लिये तैयार कर रही हो।
मैंने अपनी ज़िंदगी में कभी किसी औरत की गाँड नहीं मारी थी। मैंने कई बार प्रीती को इसके लिए कहा पर हर बार उसने साफ़ मना कर दिया। एक बार मेरी काफी जिद करने पर वो तैयार हो गयी। पर मेरी किस्मत, जैसे ही मैंने अपना लंड उसकी गाँड में घुसाया, वो दर्द के मारे इतनी जोर की चींखी, कि घबरा कर मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया। उसके बाद मैंने दोबारा कभी इस बात की हिम्मत नहीं की।
मगर आज लग रहा था कि मेरी बरसों की मुराद पूरी होने वाली है। मैंने बिना समय बिताय अपने कपड़े उतार दिए और नंगा हो गया और बबीता से कहा, “बबिता अब तुम मेरे लंड को अपनी गाँड के लिए तैयार करो?”
वो खड़ी हो गयी और मेरे लंड को पकड़ कर मुझे बाथरूम की तरफ़ घसीटने लगी, “राज तुम्हारे पास कोई क्रीम है?”
बाथरूम में पहुँच कर मैंने स्टैंड पर से वेसलीन की शीशी उठा कर उसे दे दी। मैंने सब तैयारी कल शाम को ही कर ली थी। बबीता मुस्कुराते हुए शीशी में से थोड़ी क्रीम ले कर मेरे लंड पर मसलने लगी। मेरे लंड को मसलते हुए वो मेरे सामने खड़ी बड़ी कामुक मुस्कान के साथ मुझे देखे जा रही थी।
बबीता शायद समझ चुकी थी कि मैंने अपनी ज़िंदगी मे कभी किसी की गाँड नहीं मारी है। उसने हँसते हुए मुझे बताया कि गाँड मरवाने में उसे बहुत मज़ा आता है। उसने बताया कि प्रशाँत भी अक्सर उसकी गाँड मारता रहता है।
मैं कमरे मे पहुँचा तो बबीता मेरा इंतज़ार कर रही थी। मैंने दरवाज़ा बंद किया और उसे बांहों मे भर कर उसके होंठों को चूमने लगा। मैंने उसके बदन को सहलाते हुए उसकी पीठ पर लगी ज़िप खोल दी, “बबीता अपनी ड्रेस उतार दो।”
बबीता ने अपनी ड्रेस उतार दी। उसने नीचे कुछ नहीं पहना था। अब वो सिर्फ काले रंग के हाई हील के सैंडल पहने नंगी खड़ी मेरी और देख रही थी। बबीता उन सैंडलों में नंगी इतनी सुंदर लग रही थी कि किसी भी मर्द को मदहोश कर सकती थी।
मैंने अपने दोनों हाथों से उसकी चूचियाँ पकड़ कर उसे अपने नज़दीक खींच लिया, और उसके कान में फुसफुसाया, “बबीता आज मैं तुम्हारी गाँड मारना चाहता हूँ।”
मेरी बात सुनकर वो मुस्कुरा दी और बोली, “राज मैं पूरी तरह से तुम्हारी हूँ। तुम्हारा जो जी चाहे तुम कर सकते हो।”
बबीता अब घुटनों के बल बैठ कर मेरी पैंट के बटन खोलने लगी। बटन खुलते ही मेरा लंड फुँकार मार कर बाहर निकल आया। बबीता बड़े प्यार से उसे अपने मुँह में ले कर चूसने लगी। वो इतने प्यार से चूस रही थी जैसे वो मेरे लंड को अपनी गाँड के लिये तैयार कर रही हो।
मैंने अपनी ज़िंदगी में कभी किसी औरत की गाँड नहीं मारी थी। मैंने कई बार प्रीती को इसके लिए कहा पर हर बार उसने साफ़ मना कर दिया। एक बार मेरी काफी जिद करने पर वो तैयार हो गयी। पर मेरी किस्मत, जैसे ही मैंने अपना लंड उसकी गाँड में घुसाया, वो दर्द के मारे इतनी जोर की चींखी, कि घबरा कर मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया। उसके बाद मैंने दोबारा कभी इस बात की हिम्मत नहीं की।
मगर आज लग रहा था कि मेरी बरसों की मुराद पूरी होने वाली है। मैंने बिना समय बिताय अपने कपड़े उतार दिए और नंगा हो गया और बबीता से कहा, “बबिता अब तुम मेरे लंड को अपनी गाँड के लिए तैयार करो?”
वो खड़ी हो गयी और मेरे लंड को पकड़ कर मुझे बाथरूम की तरफ़ घसीटने लगी, “राज तुम्हारे पास कोई क्रीम है?”
बाथरूम में पहुँच कर मैंने स्टैंड पर से वेसलीन की शीशी उठा कर उसे दे दी। मैंने सब तैयारी कल शाम को ही कर ली थी। बबीता मुस्कुराते हुए शीशी में से थोड़ी क्रीम ले कर मेरे लंड पर मसलने लगी। मेरे लंड को मसलते हुए वो मेरे सामने खड़ी बड़ी कामुक मुस्कान के साथ मुझे देखे जा रही थी।
बबीता शायद समझ चुकी थी कि मैंने अपनी ज़िंदगी मे कभी किसी की गाँड नहीं मारी है। उसने हँसते हुए मुझे बताया कि गाँड मरवाने में उसे बहुत मज़ा आता है। उसने बताया कि प्रशाँत भी अक्सर उसकी गाँड मारता रहता है।