05-07-2020, 10:12 PM
मैंने सोच लिया था कि मैं बबीता को वो सब करने को कहुँगा जो वो नहीं करना चाहती। अगर उसने ना कहा तो मैं शर्त जीत जाऊँगा। पार्टी के दिन मैं ऑफिस में यही सोचता रहा और शाम तक मैंने सब कुछ सोच लिया था कि मुझे क्या करना है।
बबीता के खयालों में खोया हुआ जब मैं शाम को घर पहुँचा तो मेरा लंड पूरा खंबे के जैसे तना हुआ था। प्रीती ने मुस्कुराते हुए दरवाज़ा खोला और मुझे बांहों मे भर कर चूम लिया। मेरा लंड उसकी चूत पे ठोकर मार रहा था। प्रीती ने दरवाज़ा बंद किया और घुटनों के बल बैठते हुए मेरी पैंट के बटन खोलने लगी।
मैं दीवार का सहारा ले कर खड़ा हो गया और प्रीती मेरे लंड को बाहर निकल चूसने लगी। वो मुझे जोर-जोर से चूस रही थी और मैं उसके बालों को पकड़ अपने लंड पर उसके मुँह को दबा रहा था। थोड़ी देर में मेरे लंड ने उसके मुँह में वीर्य छोड़ दिया जिसे वो सारा गटक गयी।
अपने होंठों पे लगे मेरे वीर्य को अपनी जीभ से साफ करते हुए वो बोली, “राज जानते हो आज मैं बाज़ार से क्या लेकर आयी हूँ?” इतना कह वो मुझे घसीट कर बेडरूम मे ले गयी। बेडरूम मे पहुँच कर मैंने देखा कि बिस्तर पर एक बहुत ही काले रंग का नौ इंच लंबा और तीन इंच मोटा डिल्डो पड़ा था।
प्रीती ने बताया कि वो ये डिल्डो बबीता के साथ बाज़ार से लायी है। ये बेटरी से चलता है। प्रीती इसे आजमाना चाहती थी। मैंने दराज से बेटरी निकाल कर उसमें लगा दी। प्रीती बिस्तर पर लेट गयी और अपने गाऊन को कमर तक उठा दिया और अपनी चूत को फैला दिया।
मैंने देखा की कई दिनों से प्रीती ने पैंटी पहनना छोड़ दिया था। “मैं चाहती हूँ कि तुम इसे मेरी चूत में डालकर मुझे इससे चोदो,” कहकर प्रीती ने डिल्डो मेरे हाथों में पकड़ा दिया। मैंने पहले उसकी सफ़ाचट चूत को चूमा और फिर डिल्डो को उसकी चूत के मुहाने पे रख दिया। डिल्डो मेरे लंड से भी मोटा था और मैं सोच रहा था कि वो प्रीती की चूत में कहाँ तक जायेगा।
मैंने डिल्डो उसकी चूत पे रखा और अंदर घुसाने लगा। प्रीती अपनी टाँगें हवा में उठाय हुए थी। थोड़ी देर में ही पूरा डिल्डो उसकी चूत में घुस गया और मैंने उसका का स्विच ऑन कर दिया। अब वो प्रीती को मज़े दे रहा था और उसके मुँह से सिस्करी निकल रही थी, “ओहहहहहहह आआआआआहहहहहह।”
इतने में ही फोन की घंटी बजी। प्रीती झट से बिस्तर पर से उठ कर फोन सुनने लगी। फोन पर उसकी फ्रेंड थी जो थोड़ी देर में हमारे घर आ रही थी। प्रीती ने अपने कपड़े दुरुस्त किए और डिल्डो को बेड के साईड ड्रावर (दराज) में रख दिया। दरवाज़े की घंटी बजी और प्रीती अपनी फ्रेंड को रिसीव करने चली गयी।
मैंने भी रात के कार्यक्रम को अंजाम देने की लिए बबीता का फोन मिलाया। उसने पहली घंटी पर ही फोन उठाया और हँसते हुए पूछा, “प्रीती को अपना नया खिलोना कैसा लगा?” मैंने उसकी बातों को नज़र-अंदाज़ कर दिया। मैंने उसे बताया कि उसे रात की पार्टी में टाईट काले रंग की ड्रेस पहन कर आनी थी और उसे नीचे कुछ भी नहीं पहनना था। ना ही किसी तरह की ब्रा और न ही पैंटी। और साथ ही सैंडल भी एक दम हाई हील की होनी चाहिए। उसने बताया कि ऐसी ही एक ड्रेस उसके पास है।
बबीता के खयालों में खोया हुआ जब मैं शाम को घर पहुँचा तो मेरा लंड पूरा खंबे के जैसे तना हुआ था। प्रीती ने मुस्कुराते हुए दरवाज़ा खोला और मुझे बांहों मे भर कर चूम लिया। मेरा लंड उसकी चूत पे ठोकर मार रहा था। प्रीती ने दरवाज़ा बंद किया और घुटनों के बल बैठते हुए मेरी पैंट के बटन खोलने लगी।
मैं दीवार का सहारा ले कर खड़ा हो गया और प्रीती मेरे लंड को बाहर निकल चूसने लगी। वो मुझे जोर-जोर से चूस रही थी और मैं उसके बालों को पकड़ अपने लंड पर उसके मुँह को दबा रहा था। थोड़ी देर में मेरे लंड ने उसके मुँह में वीर्य छोड़ दिया जिसे वो सारा गटक गयी।
अपने होंठों पे लगे मेरे वीर्य को अपनी जीभ से साफ करते हुए वो बोली, “राज जानते हो आज मैं बाज़ार से क्या लेकर आयी हूँ?” इतना कह वो मुझे घसीट कर बेडरूम मे ले गयी। बेडरूम मे पहुँच कर मैंने देखा कि बिस्तर पर एक बहुत ही काले रंग का नौ इंच लंबा और तीन इंच मोटा डिल्डो पड़ा था।
प्रीती ने बताया कि वो ये डिल्डो बबीता के साथ बाज़ार से लायी है। ये बेटरी से चलता है। प्रीती इसे आजमाना चाहती थी। मैंने दराज से बेटरी निकाल कर उसमें लगा दी। प्रीती बिस्तर पर लेट गयी और अपने गाऊन को कमर तक उठा दिया और अपनी चूत को फैला दिया।
मैंने देखा की कई दिनों से प्रीती ने पैंटी पहनना छोड़ दिया था। “मैं चाहती हूँ कि तुम इसे मेरी चूत में डालकर मुझे इससे चोदो,” कहकर प्रीती ने डिल्डो मेरे हाथों में पकड़ा दिया। मैंने पहले उसकी सफ़ाचट चूत को चूमा और फिर डिल्डो को उसकी चूत के मुहाने पे रख दिया। डिल्डो मेरे लंड से भी मोटा था और मैं सोच रहा था कि वो प्रीती की चूत में कहाँ तक जायेगा।
मैंने डिल्डो उसकी चूत पे रखा और अंदर घुसाने लगा। प्रीती अपनी टाँगें हवा में उठाय हुए थी। थोड़ी देर में ही पूरा डिल्डो उसकी चूत में घुस गया और मैंने उसका का स्विच ऑन कर दिया। अब वो प्रीती को मज़े दे रहा था और उसके मुँह से सिस्करी निकल रही थी, “ओहहहहहहह आआआआआहहहहहह।”
इतने में ही फोन की घंटी बजी। प्रीती झट से बिस्तर पर से उठ कर फोन सुनने लगी। फोन पर उसकी फ्रेंड थी जो थोड़ी देर में हमारे घर आ रही थी। प्रीती ने अपने कपड़े दुरुस्त किए और डिल्डो को बेड के साईड ड्रावर (दराज) में रख दिया। दरवाज़े की घंटी बजी और प्रीती अपनी फ्रेंड को रिसीव करने चली गयी।
मैंने भी रात के कार्यक्रम को अंजाम देने की लिए बबीता का फोन मिलाया। उसने पहली घंटी पर ही फोन उठाया और हँसते हुए पूछा, “प्रीती को अपना नया खिलोना कैसा लगा?” मैंने उसकी बातों को नज़र-अंदाज़ कर दिया। मैंने उसे बताया कि उसे रात की पार्टी में टाईट काले रंग की ड्रेस पहन कर आनी थी और उसे नीचे कुछ भी नहीं पहनना था। ना ही किसी तरह की ब्रा और न ही पैंटी। और साथ ही सैंडल भी एक दम हाई हील की होनी चाहिए। उसने बताया कि ऐसी ही एक ड्रेस उसके पास है।