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Misc. Erotica हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह
प्रीती ने प्रशाँत को बिस्तर पर लिटा दिया। उसका लंड पूरा तन कर एक दम तंबू के डंडे की तरह खड़ा था। प्रीती उसकी टाँगों को फैला कर बीच में आ गयी और उसके लंड को चूमने लगी। मैं पीछे खड़ा ये नज़ारा देख रहा था। प्रीती के झुकते ही उसकी गोरे चूत्तड़ ऊपर उठ गये थे और उसकी गुलाबी चूत साफ दिखायी दे रही थी।

मैं देख रहा था की प्रीती प्रशाँत के लंड को अपने हाथों से पकड़ कर उसके सुपाड़े को चाट रही थी। फिर उसने अपना पूरा मुँह खोल कर उसके लंड को अपने गले तक ले लिया। 
 
इतना कामुक और उत्तेजित नज़ारा देख कर मुझसे रहा नहीं जा रहा था। मेरा लंड मेरी पैंट में पूरा तन गया था। मैं भी अपने कपड़े उतार कर अपने लंड को सहलाने लगा। प्रीती एक कामुक औरत की तरह प्रशाँत के लंड की चूसाई कर रही थी। प्रशाँत ने जब मुझे अपने लंड से खेलते देखा तो कहा,राज ऐसा करो, तुम अपनी बीवी को थोड़ी देर चोद कर उसकी चूत को मेरे लंड के लिये तैयार करो।
 
मुझे एक बार तो बहुत बुरा लगा कि एक दूसरा मर्द मुझे ही मेरी बीवी को चोदने के लिये आज्ञा दे रहा है पर लंड की अपनी भूख होती है और ऊपर से हमारी शर्त। मैं झट से प्रीती के पास पहुँचा और उसके चूत्तड़ पकड़ कर एक ही झटके में अपना पूरा लंड उसकी बिना बालों की चूत में पेल दिया।
 
मेरे लंड के अंदर घुसते ही प्रीती ने अपने चूत्तड़ और पीछे की और करते हुए मेरे लंड को और अंदर तक ले लिया। मैं जोर के धक्के लगा कर प्रीती को चोद रहा था और वो हर धक्के के साथ उतनी ही तेजी से प्रशाँत के लंड को चूस रही थी।
 
राज लगता है अब प्रीती तैयार हो गयी है। प्रशाँत ने प्रीती की चूचियों को मसलते हुए मुझे हटने का इशारा किया। प्रीती ने अभी आखिरी बार उसके लंड को चूमा और उठ कर घूम कर बैठ गयी। प्रीती अपने दोनों पाँव प्रशाँत के शरीर के अगल बगल रख कर बैठ गयी। उसकी पीठ प्रशाँत की और थी और उसका चेहरा मेरे सामने था। प्रीती मुझे आँख मार कर थोड़ा सा उठी और प्रशाँत का लंड अपने हाथों में ले कर उसे अपनी चूत पे रगड़ने लगी। थोड़ी देर लंड को अपनी चूत पे रगड़ने के बाद वो एक हाथ से अपनी चूत का मुँह फ़ैलाते हुए नीचे की और बैठने लगी। प्रशाँत का पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में समा चुका था।
 
अब प्रीती अपनी दोनों चूचियों को पकड़ कर एक ब्लू फ़िल्म की अदाकारा की तरह उछल-उछल कर प्रशाँत को चोद रही थी। जैसे ही वो ऊपर की और उठती तो उसकी चूत थोड़ा सुकड़ जाती और जब वो जोर से उसके लंड पे बैठती तो चूत खुल कर लंड को अपने में समेट लेती। दोनों उत्तेजना में भर चुके थे, प्रशाँत के हाथ उसकी कमर पर थे और धक्के लगाने में सहायता कर रहे थे।
 
उनके शरीर की अकड़न देख कर मैं समझ गया कि दोनों का पानी छूटने वाला है। इतने में प्रशाँत ने प्रीती को रुकने के लिये कहा। प्रीती रुक गयी। प्रशाँत ने उसे खींच कर अपनी छाती पे लिटा लिया। प्रीती अब प्रशाँत की छाती पर पीठ के बल लेती थी। प्रशाँत ने प्रीती की टाँगों को सीधा कर के फैला दिया जिससे उसका लंड चूत में घुसा हुआ साफ दिखायी दे रहा था।
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RE: हिंदी की कामुक कहानियों का संग्रह - by rohitkapoor - 05-07-2020, 09:30 PM



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