05-07-2020, 09:09 PM
“नहीं ऐसे नहीं.... ड्रिंक्स की तरह भाभी ही सिगरेट सुलगा कर देंगी!” रस्तोगी ने कहा।
“ल…लेकिन मैं स्मोक नहीं करती!”
“अरे ये सिगरेट ही तो है। ड्रिंक्स के साथ स्मोक करने से और मज़ा आता है।”
“प्लीज़ रस्तोगी। इससे जबरदस्ती मत करो ये स्मोक नहीं करती है।” जावेद ने रस्तोगी को मनाया।
“कोई बात नहीं सिगरेट के फिलटर को चूम कर हल्का सा कश लेकर सुलगा तो सकती है। इसे बस सुलगा दो तो इसका मज़ा बढ़ जायेगा...... हम पूरी सिगरेट तो स्मोक करने को नहीं कह रहे!”
मैंने झिझकते हुए सिगरेट होंठों से लगायी और रस्तोगी ने बढ़ कर लाईटर सिगरेट के आगे जला दिया। मैंने हल्का सा ही कश लिया तो धुंआ मेरे फेफड़ों में भर गया और मेरी आँखों में पानी आ गया और मैं खाँसने लगी। स्वामी ने फटाफट मेरा ग्लास मेरे होंठों से लगा दिया और मैंने उस स्ट्रॉंग ड्रिंक का बड़ा सा घूँट पिया तो मेरी खाँसी बंद हुई। मैंने वो सिगरेट स्वामी को पकड़ा दी और फिर रस्तोगी और जावेद के लिये भी उसी तरह सिगरेट जलायीं पर उसमें मुझे पहले की तरह तकलीफ नहीं हुई। सब सिगरेट पीते हुए अपनी बीयर पीने लगे और मैं भी अपना कड़क कॉकटेल पीने लगी। स्वामी कुछ ज्यादा ही मूड में हो रहा था। उसने मेरे नंगे मम्मे को अपने हाथ से छू कर मेरे निप्पल को अपने ग्लास में भरे बीयर में डुबोया और फिर उसे अपने होंठों से लगा लिया। उसे ऐसा करते देख रस्तोगी भी मूड में आ गया। दोनों एक-एक मम्मे पर अपना हक जमाये उन्हें बुरी तरह मसल रहे थे और निचोड़ रहे थे। रस्तोगी ने अपने ग्लास से एक अँगुली से बीयर की झाग को उठा कर मेरे निप्पल पर लगा दिया फिर उसे अपनी जीभ से चाट कर साफ़ किया।
“म्म्म्म्म.. मज़ा आ गया!” रस्तोगी ने कहा, “जावेद तुम्हारी बीवी तो बहुत नशीली चीज़ है।”
मेरे निप्पल उत्तेजना में किसी बुलेट की तरह कड़े हो गये थे। मैंने सामने देखा। सामने जावेद अपनी जगह बैठे हुए एकटक मेरे साथ हो रही हरकतों को देख रहे थे। उनका अपनी जगह बैठे-बैठे कसमसाना ये दिखा रहा था कि वो भी किस तरह उत्तेजित होते जा रहे हैं। मुझे उनका इस तरह उत्तेजित होना बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा। ठीक है जान पहचान में स्वैपिंग एक अलग बात होती है लेकिन अपनी बीवी को किसी अंजान आदमी के हाथों मसले जाने का मज़ा लेना अलग होता है।
“ल…लेकिन मैं स्मोक नहीं करती!”
“अरे ये सिगरेट ही तो है। ड्रिंक्स के साथ स्मोक करने से और मज़ा आता है।”
“प्लीज़ रस्तोगी। इससे जबरदस्ती मत करो ये स्मोक नहीं करती है।” जावेद ने रस्तोगी को मनाया।
“कोई बात नहीं सिगरेट के फिलटर को चूम कर हल्का सा कश लेकर सुलगा तो सकती है। इसे बस सुलगा दो तो इसका मज़ा बढ़ जायेगा...... हम पूरी सिगरेट तो स्मोक करने को नहीं कह रहे!”
मैंने झिझकते हुए सिगरेट होंठों से लगायी और रस्तोगी ने बढ़ कर लाईटर सिगरेट के आगे जला दिया। मैंने हल्का सा ही कश लिया तो धुंआ मेरे फेफड़ों में भर गया और मेरी आँखों में पानी आ गया और मैं खाँसने लगी। स्वामी ने फटाफट मेरा ग्लास मेरे होंठों से लगा दिया और मैंने उस स्ट्रॉंग ड्रिंक का बड़ा सा घूँट पिया तो मेरी खाँसी बंद हुई। मैंने वो सिगरेट स्वामी को पकड़ा दी और फिर रस्तोगी और जावेद के लिये भी उसी तरह सिगरेट जलायीं पर उसमें मुझे पहले की तरह तकलीफ नहीं हुई। सब सिगरेट पीते हुए अपनी बीयर पीने लगे और मैं भी अपना कड़क कॉकटेल पीने लगी। स्वामी कुछ ज्यादा ही मूड में हो रहा था। उसने मेरे नंगे मम्मे को अपने हाथ से छू कर मेरे निप्पल को अपने ग्लास में भरे बीयर में डुबोया और फिर उसे अपने होंठों से लगा लिया। उसे ऐसा करते देख रस्तोगी भी मूड में आ गया। दोनों एक-एक मम्मे पर अपना हक जमाये उन्हें बुरी तरह मसल रहे थे और निचोड़ रहे थे। रस्तोगी ने अपने ग्लास से एक अँगुली से बीयर की झाग को उठा कर मेरे निप्पल पर लगा दिया फिर उसे अपनी जीभ से चाट कर साफ़ किया।
“म्म्म्म्म.. मज़ा आ गया!” रस्तोगी ने कहा, “जावेद तुम्हारी बीवी तो बहुत नशीली चीज़ है।”
मेरे निप्पल उत्तेजना में किसी बुलेट की तरह कड़े हो गये थे। मैंने सामने देखा। सामने जावेद अपनी जगह बैठे हुए एकटक मेरे साथ हो रही हरकतों को देख रहे थे। उनका अपनी जगह बैठे-बैठे कसमसाना ये दिखा रहा था कि वो भी किस तरह उत्तेजित होते जा रहे हैं। मुझे उनका इस तरह उत्तेजित होना बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा। ठीक है जान पहचान में स्वैपिंग एक अलग बात होती है लेकिन अपनी बीवी को किसी अंजान आदमी के हाथों मसले जाने का मज़ा लेना अलग होता है।