05-07-2020, 08:55 PM
शनिवार को महेश ने मुझे होटल शेराटन के सूईट में पहुँचने को कहा। शाम को मैंने प्रीती को बताया, तो उसने कहा, “तुम्हारा सही इनाम मिलने का वक्त आ गया है, शायद कोई बिना चुदी चूत हो...”
“मेरा दिल नहीं कर रहा जाने के लिये”, मैंने कहा।
“नहीं राज तुम्हें जाना चाहिये! जाओ और चुदाई का मजा लो, मैं बुरा नहीं मानूँगी, कसम से, वैसे भी हम तीनों बिज़ी हैं...” प्रीती ने कहा।
जब मैं होटल के सूईट में पहुँचा तो एम-डी और महेश को मेरा इंतज़ार करते पाया, “आओ राज बैठो और अपने लिये ड्रिंक बना लो।”
मैं अपने लिये ड्रिंक बना कर सोफ़े पर बैठ गया और शक की निगाहों से उन्हें देखने लगा।
“डरो मत राज! आज हमने तुमसे कुछ लेने नहीं, बल्कि तुम्हें तुम्हारे काम का इनाम देने के लिये बुलाया है, इसलिये निश्चिंत हो जाओ”, एम-डी ने अपने ग्लास में से घूँट भरते हुए कहा।
“राज तुमने सुना तो होगा कि मैंने अपनी ऑफिस की हर औरत को चोदा है?” एम-डी ने मुझसे पूछा।
“हाँ सर! कुछ ऐसी अफ़वाह सुनी तो है...” मैंने जवाब दिया।
“ये अफ़वाह नहीं, हकीकत है राज! मैंने और महेश ने ऑफिस में काम करने वाली हर लड़की या औरत को खूब चोदा है। नयी-नयी लड़कियों को चोदने के बाद यहाँ काम पर लगाया है। आज हम दोनों तुम्हें अपना राज़दार और हिस्सेदार बनाना चाहते हैं”, एम-डी ने गर्व से कहा, मगर मैंने ये नहीं सोच था।
“इसका मतलब है कि तुम ऑफिस की किसी भी औरत को अपने नये केबिन में बुला कर उसे चोद सकते हो, तुम्हें मेरी परमिशन है इस काम के लिये।”
“थैंक यू सर”, मैंने जवाब दिया।
मेरे ऑफिस में कई लड़कियाँ थीं जिन्हें मैं चोदना चाहता था। इस बात ने मेरा काम और आसान कर दिया था। ये सोच मेरे चेहरे पर मुस्कान आ गयी थी।
महेश ने ताली बजाते हुए कहा, “राज... कल का क्यों इंतज़ार करें! आओ आज से ही शुरू करते हैं।”
महेश के ताली बजते ही बेडरूम से दो निहायत ही सुंदर लड़कियाँ बाहर निकल कर आयी। दोनों के हाथों में शराब के ग्लास और सिगरेट थीं। “ये रेहाना है, हमारे डिसपैच डिपार्टमेंट से और ये नसरीन है हमारी ब्राँच ऑफिस से”, महेश ने मेरा उनसे परिचय कराते हुए कहा।
“पहले कभी इन्हें देखा है? मैंने आज की रात सबसे बेहतरीन लड़कियों को अपनी ऑफिस और ब्रन्च ऑफिस से चुना है...” एम-डी ने कहा।
“मेरा दिल नहीं कर रहा जाने के लिये”, मैंने कहा।
“नहीं राज तुम्हें जाना चाहिये! जाओ और चुदाई का मजा लो, मैं बुरा नहीं मानूँगी, कसम से, वैसे भी हम तीनों बिज़ी हैं...” प्रीती ने कहा।
जब मैं होटल के सूईट में पहुँचा तो एम-डी और महेश को मेरा इंतज़ार करते पाया, “आओ राज बैठो और अपने लिये ड्रिंक बना लो।”
मैं अपने लिये ड्रिंक बना कर सोफ़े पर बैठ गया और शक की निगाहों से उन्हें देखने लगा।
“डरो मत राज! आज हमने तुमसे कुछ लेने नहीं, बल्कि तुम्हें तुम्हारे काम का इनाम देने के लिये बुलाया है, इसलिये निश्चिंत हो जाओ”, एम-डी ने अपने ग्लास में से घूँट भरते हुए कहा।
“राज तुमने सुना तो होगा कि मैंने अपनी ऑफिस की हर औरत को चोदा है?” एम-डी ने मुझसे पूछा।
“हाँ सर! कुछ ऐसी अफ़वाह सुनी तो है...” मैंने जवाब दिया।
“ये अफ़वाह नहीं, हकीकत है राज! मैंने और महेश ने ऑफिस में काम करने वाली हर लड़की या औरत को खूब चोदा है। नयी-नयी लड़कियों को चोदने के बाद यहाँ काम पर लगाया है। आज हम दोनों तुम्हें अपना राज़दार और हिस्सेदार बनाना चाहते हैं”, एम-डी ने गर्व से कहा, मगर मैंने ये नहीं सोच था।
“इसका मतलब है कि तुम ऑफिस की किसी भी औरत को अपने नये केबिन में बुला कर उसे चोद सकते हो, तुम्हें मेरी परमिशन है इस काम के लिये।”
“थैंक यू सर”, मैंने जवाब दिया।
मेरे ऑफिस में कई लड़कियाँ थीं जिन्हें मैं चोदना चाहता था। इस बात ने मेरा काम और आसान कर दिया था। ये सोच मेरे चेहरे पर मुस्कान आ गयी थी।
महेश ने ताली बजाते हुए कहा, “राज... कल का क्यों इंतज़ार करें! आओ आज से ही शुरू करते हैं।”
महेश के ताली बजते ही बेडरूम से दो निहायत ही सुंदर लड़कियाँ बाहर निकल कर आयी। दोनों के हाथों में शराब के ग्लास और सिगरेट थीं। “ये रेहाना है, हमारे डिसपैच डिपार्टमेंट से और ये नसरीन है हमारी ब्राँच ऑफिस से”, महेश ने मेरा उनसे परिचय कराते हुए कहा।
“पहले कभी इन्हें देखा है? मैंने आज की रात सबसे बेहतरीन लड़कियों को अपनी ऑफिस और ब्रन्च ऑफिस से चुना है...” एम-डी ने कहा।