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Misc. Erotica मैं हसीना गज़ब की
“उन्होंने निकाह में तुम्हें देखा था।” 

“तो???” मुझे अपनी साँस रुकती सी लगी और एक अजीब तरह का खौफ पूरे जिस्म में छाने लगा। 
 
“उन्हें सिर्फ तुम चाहिये।”
 
“क्या?” मैं लगभग चींख उठी, “उन हरामजादों ने समझा क्या है मुझे? कोई रंडी?”
 
वो सर झुकाये हुए बैठे रहे। मैं गुस्से से बिफ़र रही थी और उनको गालियाँ दे रही थी और कोस रही थी। मैंने अपना गुस्सा शांत करने के लिये किचन में जाकर एक पैग व्हिस्की का पिया। फिर वापस आकर उनके पास बैठ गयी और कहा, “फिर???” मैंने अपने गुस्से को दबाते हुए उनसे धीरे-धीरे पूछा।
 
“कुछ नहीं हो सकता!” उन्होंने कहा, “उन्होंने साफ़ साफ़ कहा है कि या तो तुम उनके साथ एक रात गुजारो या मैं इलाईट ग्रुप से अपना कांट्रेक्ट खत्म समझूँ”, उन्होंने नीचे कार्पेट की ओर देखते हुए कहा।
 
“हो जाने दो कांट्रेक्ट खत्म। ऐसे लोगों से संबंध तोड़ लेने में ही भलाई होती है। तुम परेशान मत हो। एक जाता है तो दूसरा आ जाता है।”
 
“बात अगर यहाँ तक होती तो भी कोई परेशानी नहीं थी।” उन्होंने अपना सिर उठाया और मेरी आँखों में झाँकते हुए कहा, बात इससे कहीं ज्यादा संजीदा है। “अगर वो अलग हो गये तो एक तो हमारे माल की खपत बंद हो जायेगी जिससे कंपनी बंद हो जायेगी… दूसरा उनसे संबंध तोड़ते ही मुझे उन्हें १५ करोड़ रुपये देने पड़ेंगे जो उन्होंने हमारी फर्म में इनवेस्ट कर रखे हैं।”
 
मैं चुपचाप उनकी बातों को सुन रही थी लेकिन मेरे दिमाग में एक लड़ाई छिड़ी हुई थी।
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RE: मैं हसीना गज़ब की - by rohitkapoor - 29-06-2020, 02:22 AM



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