Thread Rating:
  • 13 Vote(s) - 2.62 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Misc. Erotica हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह
प्रशाँत कुछ देर सोचते हुए बोला, मैं तैयार हूँ... पर हम लोग आपस में एक शर्त लगाते हैं। जो शर्त हार जायेगा उसे घूमने का सारा खर्च उठाना पड़ेगा... बोलो मंजूर है?” 

पर शर्त क्या होगी?” मैंने प्रशाँत से पूछा। 
 
शर्त ये होगी कि अगले दस दिन तक हम सफ़र की तैयारी करेंगे। इन दस दिनों में हम चारों चुदाई के गुलाम होंगे। हम एक दूसरे से कुछ भी करने को कह सकते हैं, जो पहले काम के लिए मना करेगा वो शर्त हार जायेगा,” उसने कहा।
 
प्रीती ये बात सुनते ही उछल पड़ी मुझे मंजूर है। जब प्रीती हाँ बोल चुकी थी तो मैं कौन होता था ना करने वाला, बल्कि मैं तो तुरंत बबीता के ख्यालों में खो गया कि मैं उसके साथ क्या-क्या कर सकता हूँ, और अगर उसने इनकार किया तो छुट्टियाँ फ़्री में हो जायेंगी, पर मुझे क्या मालुम था कि आगे क्या होने वाला है।
 
ठीक है प्रशाँत हमें मंजूर है,” मैंने कहा।
 
तो ठीक है हमारी शर्त कल सुबह से शुरू होगी,” कहकर प्रशाँत चला गया।
 
मुझमें और प्रशाँत में शर्त लग चुकी थी। अब हम अपनी ख्वाहिशें आजमाने का इंतज़ार करने लगे। दूसरे दिन प्रशाँत शाम को हमारे घर आया और शर्त को शुरू कर दिया। उसने प्रीती को अपने पास बुलाया, प्रीती तुम अपने कपड़े उतार कर नंगी हो जाओ।
 
प्रीती ने अपने पूरे कपड़े उतारे और नंगी हो गयी। प्रशाँत ने उसकी चूत पे हाथ फिराते हुए कहा,प्रीती पहले तुम अपनी झाँटें साफ़ करो, मुझे चूत पे बाल बिल्कुल भी पसंद नहीं है और उस दिन जैसे ही कोई सैक्सी से हाई हील के सैंडल अपने पैरों में पहन लो।
 
प्रीती वहाँ से उठ कर बाथरूम में चली गयी। थोड़ी देर बाद प्रीती बाथरूम से बाहर निकल कर आयी। मैंने देखा कि उसकी चूत एक दम चिकनी और साफ लग रही थी। बालों का नामो निशान नहीं था। प्रीती ने लाल रंग के हाई हील के सैंडल भी पहन लिये थे। प्रशाँत ने उसे अपनी गोद में बिठा लिया और उसे चूमते हुए उसकी चूत में अपनी अँगुली डाल दी।
 
वाह क्या चूत है तुम्हारी,” कहकर प्रशाँत अपनी दूसरी अँगुली उसकी चूत में डाल अंदर बाहर करने लगा।
 
प्रशाँत ने प्रीती को खड़ा किया और खुद खड़ा हो अपने कपड़े उतारने लगा। उसका खड़ा लंड शॉट्‌र्स के बाहर निकल कर फुँकार रहा था। प्रीती आगे बढ़ कर उसके लंड को अपने हाथों में ले सहलाने लगी।
 
दोनों एक दूसरे के अँगों को सहला रहे थे, भींच रहे थे। कमरे में मेरी मौजूदगी का जैसे किसी को एहसास नहीं था। आज मैं तुम्हें ऐसे चोदूँगी कि तुम ज़िंदगी भर याद करोगे?” इतना कहकर प्रीती प्रशाँत को खींच कर बिस्तर पे ले गयी।
[+] 5 users Like rohitkapoor's post
Like Reply


Messages In This Thread
RE: हिंदी की कामुक कहानियों का संग्रह - by rohitkapoor - 28-06-2020, 07:27 PM



Users browsing this thread: 1 Guest(s)