28-06-2020, 07:20 PM
मैंने देखा कि प्रशाँत और प्रीती हमारे पास आ गये हैं। प्रीती ने ठीक बबीता के बगल में सोफ़े पर लेट कर अपनी टाँगें फैला दी। उसकी चूत का मुँह और खुल गया था। उसकी गुलाबी चूत इतनी प्यारी थी और जैसे कह रही हो कि आओ मुझे चोदो। प्रशाँत उसकी टाँगों के बीच आकर अपना खड़ा लंड उसकी चूत पे घिसने लगा।
मैं बबीता की चूत को पीछे से चोद रहा था इसलिए मुझे साफ और अच्छी तरह दिखायी दे रहा था कि प्रशाँत किस तरह अपना लंड प्रीती की चूत पे रगड़ रहा था। बबीता ने अपना एक हाथ बढ़ा कर प्रशाँत के लंड को अपने हाथों में ले लिया और उसे प्रीती की चूत के मुँह पे रख दबाने लगी।
क्या नज़ारा था, एक औरत दूसरे मर्द से चुदवा रही थी और अपने पति का लंड उस मर्द की बीवी की चूत पे रगड़ उसे चोदने को कह रही थी। मैं उत्तेजना के मारे बबीता के चूत्तड़ पकड़ कर कस-कस के धक्के लगा रहा था। बबीता ने प्रीती की चूत अपने हाथों से और फैला दी और प्रशाँत के लंड को ठीक वहीं पे रख दिया। प्रशाँत ने इशारा समझ कर एक ही धक्के में अपना लंड पूरा पेल दिया।
प्रशाँत मेरी बीवी प्रीती को जोर के धक्कों के साथ चोद रहा था और मैं उसकी बीवी बबीता की चूत मे अपना लंड पेल रहा था। मैंने अपने धक्कों की स्पीड बढ़ायी तो बबीता पीछे की और घूम कर बोली, “राज थोड़ा धीरे-धीरे चोदो और अपनी बीवी को देखो।”
मैंने देखा कि प्रीती की टाँग मुड़ कर उसकी चूचियों पे थी और प्रशाँत धीमे धक्कों के साथ उसे चोद रहा था। उसका मोटा लंड वीर्य रस से लसा हुआ लाईट में चमक रहा था। इतने में बबीता अपनी एक अँगुली प्रीती की चूत में डाल अंदर बाहर करने लगी। बबीता की अँगुली और प्रशाँत का लंड एक साथ प्रीती की चूत में आ जा रहे थे। प्रीती भी पूरी उत्तेजना में अपने चूत्तड़ उछाल कर प्रशाँत के धक्कों का साथ दे रही थी।
इतनी जोरदार चुदाई देख मैंने भी अपने धक्कों में तेजी ला दी। बबीता भी अपने चूत्तड़ पीछे की और धकेल कर ताल से ताल मिला रही थी। मैंने अपनी एक अँगुली बबीता की चूत में डाल कर गीली की और फिर उसकी गाँड के छेद पे घुमा कर धीरे से अंदर डाल दी। बबीता सिसक पड़ी, “ओहहहहह राज क्याआआआआ कर रहे हो?” मैंने उसकी बात पे ध्यान नहीं दिया और उसे जोर से चोदते हुए अपनी अँगुली उसकी गाँड के अंदर बाहर करने लगा। अब उसे भी मज़ा आने लगा था। वहीं पर प्रशाँत भी जम कर प्रीती की चुदाई कर रहा था। मैंने बबीता के शरीर को अकड़ता पाया, और उसने मेरे लंड को अपनी चूत की गिरफ़्त में ले लिया।
मैं जोर-जोर के धक्के लगा रहा था, मेरा भी पानी छूटने वाला था। मैंने दो चार धक्के मारे और मेरे लंड ने बबीता की चूत में बौंछार कर दी, साथ ही बबीता की चूत ने भी अपना पानी छोड़ दिया।
मैं फिर भी धक्के मारे जा रहा था और अपनी बीवी प्रीती को देख रहा था। उसकी साँसें तेज थी और वो सिसक रही थी, “ओहहहहहह आआहहहहह प्रशाँत... चोदो मुझे... और जोर से.... हाँआआआ ऐसे ही चोदो.... और जोर से....!”
मैं बबीता की चूत को पीछे से चोद रहा था इसलिए मुझे साफ और अच्छी तरह दिखायी दे रहा था कि प्रशाँत किस तरह अपना लंड प्रीती की चूत पे रगड़ रहा था। बबीता ने अपना एक हाथ बढ़ा कर प्रशाँत के लंड को अपने हाथों में ले लिया और उसे प्रीती की चूत के मुँह पे रख दबाने लगी।
क्या नज़ारा था, एक औरत दूसरे मर्द से चुदवा रही थी और अपने पति का लंड उस मर्द की बीवी की चूत पे रगड़ उसे चोदने को कह रही थी। मैं उत्तेजना के मारे बबीता के चूत्तड़ पकड़ कर कस-कस के धक्के लगा रहा था। बबीता ने प्रीती की चूत अपने हाथों से और फैला दी और प्रशाँत के लंड को ठीक वहीं पे रख दिया। प्रशाँत ने इशारा समझ कर एक ही धक्के में अपना लंड पूरा पेल दिया।
प्रशाँत मेरी बीवी प्रीती को जोर के धक्कों के साथ चोद रहा था और मैं उसकी बीवी बबीता की चूत मे अपना लंड पेल रहा था। मैंने अपने धक्कों की स्पीड बढ़ायी तो बबीता पीछे की और घूम कर बोली, “राज थोड़ा धीरे-धीरे चोदो और अपनी बीवी को देखो।”
मैंने देखा कि प्रीती की टाँग मुड़ कर उसकी चूचियों पे थी और प्रशाँत धीमे धक्कों के साथ उसे चोद रहा था। उसका मोटा लंड वीर्य रस से लसा हुआ लाईट में चमक रहा था। इतने में बबीता अपनी एक अँगुली प्रीती की चूत में डाल अंदर बाहर करने लगी। बबीता की अँगुली और प्रशाँत का लंड एक साथ प्रीती की चूत में आ जा रहे थे। प्रीती भी पूरी उत्तेजना में अपने चूत्तड़ उछाल कर प्रशाँत के धक्कों का साथ दे रही थी।
इतनी जोरदार चुदाई देख मैंने भी अपने धक्कों में तेजी ला दी। बबीता भी अपने चूत्तड़ पीछे की और धकेल कर ताल से ताल मिला रही थी। मैंने अपनी एक अँगुली बबीता की चूत में डाल कर गीली की और फिर उसकी गाँड के छेद पे घुमा कर धीरे से अंदर डाल दी। बबीता सिसक पड़ी, “ओहहहहह राज क्याआआआआ कर रहे हो?” मैंने उसकी बात पे ध्यान नहीं दिया और उसे जोर से चोदते हुए अपनी अँगुली उसकी गाँड के अंदर बाहर करने लगा। अब उसे भी मज़ा आने लगा था। वहीं पर प्रशाँत भी जम कर प्रीती की चुदाई कर रहा था। मैंने बबीता के शरीर को अकड़ता पाया, और उसने मेरे लंड को अपनी चूत की गिरफ़्त में ले लिया।
मैं जोर-जोर के धक्के लगा रहा था, मेरा भी पानी छूटने वाला था। मैंने दो चार धक्के मारे और मेरे लंड ने बबीता की चूत में बौंछार कर दी, साथ ही बबीता की चूत ने भी अपना पानी छोड़ दिया।
मैं फिर भी धक्के मारे जा रहा था और अपनी बीवी प्रीती को देख रहा था। उसकी साँसें तेज थी और वो सिसक रही थी, “ओहहहहहह आआहहहहह प्रशाँत... चोदो मुझे... और जोर से.... हाँआआआ ऐसे ही चोदो.... और जोर से....!”