28-06-2020, 07:18 PM
जब मैं उसकी चूत पे पहुँचा तो मैं दंग रह गया। प्रशाँत ने बबीता के पीछे से अपने दोनों हाथों से उसकी चूत की पंखुड़ियाँ पकड़ के इस कदर फैला दी थीं, जिससे मुझे उसकी चूत को चाटने में आसानी हो। जैसे ही मैंने अपने जीभ उसकी चूत पे फ़िरायी, मैंने पाया कि मेरी बीवी प्रीती ठीक मेरे बगल में बैठी थी और उसकी निगाहें बबीता की चूत पे टिकी हुई थी।
प्रशाँत को अच्छी तरह पता थी कि मर्द की कौन सी हर्कत उसकी बीवी की चूत में आग लगा सकती थी, “अब अपनी जीभ से इसकी चूत के चारों और चाटो”, उसने कहा।
आज मैं कई सालों के बाद किसी दूसरी औरत की चूत को चाट रहा था, वो भी जब कि मेरी बीवी छः इंच की दूरी पे बैठी मुझे निहार रही थी। मैंने अपना एक हाथ बढ़ा कर प्रीती की चूत पे रखा तो पाया कि उत्तेजना में उसकी चूत भी गीली हो चुकी थी। मैं अपनी दो अँगुलियाँ उसकी चूत में घुसा कर अंदर बाहर करने लगा। मैं बबीता की चूत को चाटे जा रहा था और प्रीती मेरे लंड को पकड़ कर सहलाने लगी।
“अब इसकी चूत को नीचे से ऊपर तक चाटो और करते जाओ?” प्रशाँत ने बबीता की चूत और फ़ैलाते हुए कहा। मैंने वैसे ही किया जैसा उसने करने को कहा। बबीता की चूत से उठी मादक खुशबू मुझे और पागल किये जा रही थी।
“अब अपनी पूरी जीभ बबीता की चूत में डाल दो?” प्रशाँत ने कहा। बबीता ने भी अपनी टाँगें और फैला दी जिससे मुझे और आसानी हो सके। मैं अपनी जीभ उसकी चूत में घुसा कर उसे जोर से चोद रहा था। बबीता की सिस्करियाँ शुरू हो चुकी थी, “हाँ राज... चूसो मेरी चूत को... निचोड़ लो मेरी चूत का सारा पानी, ओहहहहह हँआआआआआआँ!” प्रशाँत बबीता के चूत को फ़ैलाये उसके पीछे खड़ा था। मैं और तेजी से उसकी चूत को चूसने लगा। इतने में बबीता का शरीर अकड़ा और जैसे कोई नदी का बाँध खोल दिया गया हो, उस तरह से उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया। मेरा पूरा मुँह उसके रस से भर गया। बबीता जमीन पे बैठ कर अपनी उखड़ी साँसों को संभालने लगी।
थोड़ी देर सुस्ताने के बाद उसने मेरे चेहरे को अपने नज़दीक कर मुझे चूम लिया, “राज अब मैं चुदवाने के लिये तैयार हूँ!” इतना कहकर बबीता मेरा हाथ पकड़ मुझे सोफ़े के पास ले गयी।
बबीता सोफ़े पे झुक कर घोड़ी बन गयी, और थोड़ा नीचे झुकते हुए उसने अपने गोरे चूत्तड़ ऊपर उठा दिए। उसकी गुलाबी और गीली चूत और उठ गयी थी। मैं अपने हाथ से उसके चूत्तड़ सहलाने लगा। फिर मैं अपना लंड उसकी चूत पर रख कर घिसने लगा। मैंने गर्दन घुमा कर देखा तो प्रशाँत और प्रीती मेरे बगल में खड़े एक दूसरे के नंगे बदन को सहला रहे थे, मगर उनकी आँखें मेरे लंड पे टिकी हुई थी। मैंने अपने लंड को धीरे से बबीता की चूत में घुसा दिया।
बबीता की चूत काफी गीली थी और एक बार वो झड़ भी चुकी थी, फिर भी मुझे उसकी चूत में लंड घुसाने में बहुत जोर लगाना पड़ रहा था। इतनी कसी चूत थी उसकी। मैंने एक जोर का धक्का मार अपना लंड उसकी चूत की जड़ तक डाल दिया और उसे चोदने लगा।
प्रशाँत को अच्छी तरह पता थी कि मर्द की कौन सी हर्कत उसकी बीवी की चूत में आग लगा सकती थी, “अब अपनी जीभ से इसकी चूत के चारों और चाटो”, उसने कहा।
आज मैं कई सालों के बाद किसी दूसरी औरत की चूत को चाट रहा था, वो भी जब कि मेरी बीवी छः इंच की दूरी पे बैठी मुझे निहार रही थी। मैंने अपना एक हाथ बढ़ा कर प्रीती की चूत पे रखा तो पाया कि उत्तेजना में उसकी चूत भी गीली हो चुकी थी। मैं अपनी दो अँगुलियाँ उसकी चूत में घुसा कर अंदर बाहर करने लगा। मैं बबीता की चूत को चाटे जा रहा था और प्रीती मेरे लंड को पकड़ कर सहलाने लगी।
“अब इसकी चूत को नीचे से ऊपर तक चाटो और करते जाओ?” प्रशाँत ने बबीता की चूत और फ़ैलाते हुए कहा। मैंने वैसे ही किया जैसा उसने करने को कहा। बबीता की चूत से उठी मादक खुशबू मुझे और पागल किये जा रही थी।
“अब अपनी पूरी जीभ बबीता की चूत में डाल दो?” प्रशाँत ने कहा। बबीता ने भी अपनी टाँगें और फैला दी जिससे मुझे और आसानी हो सके। मैं अपनी जीभ उसकी चूत में घुसा कर उसे जोर से चोद रहा था। बबीता की सिस्करियाँ शुरू हो चुकी थी, “हाँ राज... चूसो मेरी चूत को... निचोड़ लो मेरी चूत का सारा पानी, ओहहहहह हँआआआआआआँ!” प्रशाँत बबीता के चूत को फ़ैलाये उसके पीछे खड़ा था। मैं और तेजी से उसकी चूत को चूसने लगा। इतने में बबीता का शरीर अकड़ा और जैसे कोई नदी का बाँध खोल दिया गया हो, उस तरह से उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया। मेरा पूरा मुँह उसके रस से भर गया। बबीता जमीन पे बैठ कर अपनी उखड़ी साँसों को संभालने लगी।
थोड़ी देर सुस्ताने के बाद उसने मेरे चेहरे को अपने नज़दीक कर मुझे चूम लिया, “राज अब मैं चुदवाने के लिये तैयार हूँ!” इतना कहकर बबीता मेरा हाथ पकड़ मुझे सोफ़े के पास ले गयी।
बबीता सोफ़े पे झुक कर घोड़ी बन गयी, और थोड़ा नीचे झुकते हुए उसने अपने गोरे चूत्तड़ ऊपर उठा दिए। उसकी गुलाबी और गीली चूत और उठ गयी थी। मैं अपने हाथ से उसके चूत्तड़ सहलाने लगा। फिर मैं अपना लंड उसकी चूत पर रख कर घिसने लगा। मैंने गर्दन घुमा कर देखा तो प्रशाँत और प्रीती मेरे बगल में खड़े एक दूसरे के नंगे बदन को सहला रहे थे, मगर उनकी आँखें मेरे लंड पे टिकी हुई थी। मैंने अपने लंड को धीरे से बबीता की चूत में घुसा दिया।
बबीता की चूत काफी गीली थी और एक बार वो झड़ भी चुकी थी, फिर भी मुझे उसकी चूत में लंड घुसाने में बहुत जोर लगाना पड़ रहा था। इतनी कसी चूत थी उसकी। मैंने एक जोर का धक्का मार अपना लंड उसकी चूत की जड़ तक डाल दिया और उसे चोदने लगा।