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Misc. Erotica हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह
#98
मेरे भी हाथ बबीता के चूत्तड़ों को सहला रहे थे। बबीता उत्तेजना में मुझे चूमे जा रही थी। तभी मैंने देखा कि प्रशाँत ने अपना एक हाथ प्रीती के टॉप में डाल कर उसके मम्मों पे रख दिया था। जब उसने प्रीती की तरफ़ से कोई प्रतिक्रिया नहीं देखी तो उसने हाथ पीठ की और ले जाकर उसकी ब्रा के हुक खोल दिए। मुझे उस पारदर्शी टॉप से साफ दिखायी दे रहा था कि प्रशाँत के हाथ अब प्रीती के मम्मों को सहला रहे थे। 

माहोल में जब चुदाई का आलम फ़ैलता है तो सब पीछे रह जाता है। मैंने भी आगे बढ़ कर बबीता के चूत्तड़ से हाथ निकाल उसकी जींस के बटन खोल जींस उतार दी। पैंटी तो उसने पहनी ही नहीं थी। 
 
मैं सोच रही थी कि तुम्हें इतनी देर क्यों लग रही है। बबीता अपने सैंडल युक्त पैरों से अपनी जींस को अलग करती हुए बोली। प्लीज़ मुझे प्यार करो ना!
 
मैंने अपना हाथ बढ़ा कर उसकी चूत पे रख दिया। हाथ रखते ही मैंने पाया कि उसकी चूत एक दम सफ़ाचट थी। उसने अपनी चूत के बाल एक दम शेव किए हुए थे। बिना झाँटों की एक दम नयी चूत मेरे सामने थी। मैंने अपने हाथ का दबाव बढ़ा दिया और उसकी चूत को जोर से रगड़ने लगा। मैंने अपनी एक अँगुली उसकी चूत के मुहाने पर घुमायी तो पाया कि उसकी चूत गीली हो चुकी थी।
 
तुम अपनी अँगुली मेरी चूत में क्यों नहीं डालते, जिस तरह मेरे पति ने अपनी अँगुली तुम्हारी बीवी की चूत में डाली हुई है। उसने कहा तो मैंने घूम कर देखा और पाया कि प्रशाँत का एक हाथ मेरी बीवी की चूचियों को मसल रहा है और दूसरा हाथ उसकी खुली जींस से उसकी चूत पे था। उसके हाथ वहाँ क्या कर रहे थे मुझे समझते देर नहीं लगी।
 
अचानक मेरी बीवी प्रीती ने अपनी आँखें खोली और मेरी तरफ़ देखा। वो एक अनजान आदमी के हाथों को अपनी चूत पे महसूस कर रही थी और मैं एक परायी औरत की चूत में अँगुली कर रहा था। वो मेरी तरफ़ देख कर मुस्कुरायी और मैं समझ गया कि आज की रात हम दोनों के ख्वाब पूरे होने वाले हैं। प्रीती मुस्कुराते हुए अपनी जींस और पैंटी पूरी उतार कर नंगी हो गयी।
 
जैसे ही उसने अपनी जींस और पैंटी उतारी, उसने प्रशाँत के कान में कुछ कहा। प्रशाँत ने उसकी ब्रा और टॉप भी उतार दिए। अब वो एक दम नंगी उसकी बांहों में थी। प्रशाँत  के हाथ अब उसके नंगे बदन पर रेंग रहे थे।
 
लगता है हम उनसे पीछे रह गये। कहकर बबीता ने मुझसे अलग होते हुए अपना टॉप उतार दिया। जैसे हम किसी प्रतिस्पर्धा में हों। बबीता अब बिल्कुल नंगी हो गयी, उसने सिर्फ पैरों में हाई-हील के सैंडल पहने हुए थे।
 
लगता है कि हमें उनसे आगे बढ़ना चाहिए,” कहकर बबीता ने मेरी जींस के बटन खोल मेरे लंड को अपने हाथों में ले लिया। बबीता मेरे लंड को सहला रही थी और मेरा लंड उसके हाथों की गर्माहट से तनता जा रहा था। बबीता एक अनुभवी चुदक्कड़ औरत की तरह मेरे लंड से खेल रही थी।
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RE: हिंदी की कामुक कहानियों का संग्रह - by rohitkapoor - 28-06-2020, 07:12 PM



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