Thread Rating:
  • 13 Vote(s) - 2.62 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Misc. Erotica हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह
#97
हम दोनों गाने की धुन पर एक दूसरे के साथ नाच रहे थे। बबीता ने अपने दोनों हाथ मेरी गर्दन पर रख हुए थे और मुझसे सटते हुए नाच रही थी। उसके बदन की गर्मी मुझे मदहोश कर रही थी। मैंने भी अपने दोनों हाथ उसकी कमर पे रख उसे अपने और करीब खींच लिया। 

उसके बदन की गर्माहट और बदन से उठती खुशबू ने मुझे मजबूर कर दिया और मैंने कसके उसे अपनी छाती से चिपका लिया। मेरा लंड उसकी चूत पे ठोकर मार रहा था। तभी मुझे खयाल आया कि मेरी बीवी और उसका पति भी इसी कमरे में हैं। मैंने गर्दन घुमा के देखा तो पाया की प्रीती प्रशाँत को खींच कर डाँस के लिये खड़ा कर चुकी है। 
 
शायद मेरी बीवी की सुंदरता और खुलेपन ने प्रशाँत को डाँस करने पे मजबूर कर दिया था, इसलिए वो प्रीती को मना नहीं कर पाया। दोनों एक दूसरे को बांहों में ले हमारे पास ही डाँस कर रहे थे। नाचते-नाचते प्रीती ने लाईट धीमी कर दी। कमरे में बहुत ही हल्की रोशनी थी। हम चारों कामुक्ता की आग में जल रहे थे।
 
बबीता मुझसे और चिपकती हुई मेरे कान में बोली, अच्छा है थोड़ा अंधेरा हो गया।
 
मैंने उसे और कस के अपनी बांहों में ले अपने होंठ उसके होंठों पे रख दिए। उसने भी सहयोग देते हुए अपना मुँह खोल दिया और जीभ मेरे मुँह में डाल दी। हम दोनों एक दूसरे की जीभ चुभलाने लगे।
 
मेरे दोनों हाथ अब उसके चूत्तड़ों को सहला रहे थे। बबीता के हाथ मेरी पीठ पर थे और वो कामुक हो मेरी पीठ को कस के भींच लेती थी। मेरा लंड पूरा तन कर उसकी चूत को जींस के ऊपर से ही रगड़ रहा था। अच्छा था कि वो हाई हील की सैंडल पहनी हुई थी जिससे की उसकी चूत बिल्कुल मेरे लंड के स्तर तक आ रही थी। बबीता ने अपने आप को मुझे सोंप दिया था। मैंने पीछे से अपने दोनों हाथ उसकी जींस में डाल दिए और पाया की उसने पैंटी नहीं पहनी हुई है। मेरे हाथ अब उसके मुलायम चूत्तड़ों को जोर से भींच रहे थे, वो भी उत्तेजित हो अपनी चूत मेरे लंड पे रगड़ रही थी।
 
मेरी बीवी प्रीती का खयाल आते ही मैंने गर्दन घुमा के देखा तो चौंक पड़ा। दोनों एक दूसरे से चिपके हुए गाने की धुन पर डाँस कर रहे थे। प्रशाँत के हाथ प्रीती के शरीर पर रेंग रहे थे। प्रीती भी उसे अपने बांहों में भर उसके होंठों को चूस रही थी।
 
मैं बबीता को बांहों में ले इस पोज़िशन में डाँस करने लगा कि मुझे प्रीती और प्रशाँत साफ़ दिखायी पड़ें। चार साढ़े-चार इंच की हाई हील की सैंडल पहने होने के बावजूद प्रीती प्रशाँत के कंधे तक मुश्किल से ही पहुँच पा रही थी। प्रशाँत का एक हाथ प्रीती की चूचियों को सहला रहा था और दूसरा हाथ दूसरी चूँची को सहलाते हुए नीचे की और बढ़ रहा था, और नीचे जाते हुए अब वो उसकी चूत को उसकी टाईट जींस के ऊपर से सहला रहा था।
 
मुझे हैरानी इस बात की थी कि उसे रोकने कि बजाय प्रीती प्रशाँत को सहयोग दे रही थी। उसने अपनी टाँगें थोड़ी फैला दी जिससे प्रशाँत के हाथों को और आसानी हो। पर मैं कौन होता हूँ शिकायत करने वाला। मैं खुद उसकी बीवी को बांहों में भरे हुए उसे चोदने के मूड में था। 
[+] 5 users Like rohitkapoor's post
Like Reply


Messages In This Thread
RE: हिंदी की कामुक कहानियों का संग्रह - by rohitkapoor - 28-06-2020, 07:11 PM



Users browsing this thread: 2 Guest(s)