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Misc. Erotica हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह
#96
नये पड़ोसी

लेखक: राज अग्रवाल


मैं राज और मेरी पत्नी प्रीती मुम्बई शहर के सब-अर्ब मलाड में रहते हैं। ये कहानी करीब आज से छः महीने पहले शुरू हुई जब हमारे बगल के फ्लैट में नये पड़ोसी रहने के लिये आये।

हमारे नये पड़ोसी मिस्टर प्रशाँत एक कंसल्टेंट हैं, और उनकी पत्नी बबीता एक घरेलू महिला थी। वैसे तो मुम्बई इतना व्यस्त शहर है कि यहाँ किसी को किसी के लिये फुर्सत ही नहीं है। नये पड़ोसी होने के नाते हमारी जान पहचान बढ़ी और हम दो परिवार काफी घुल मिल गये थे। 
 
मैं और मेरी पत्नी प्रीती के विचार एक समान थे। हम दोनों खुले सैक्स में विश्वास रखते थे। शादी के पहले ही हम दोनों सैक्स का मज़ा ले चुके थे। हम दोनों अपनी पूरानी सैक्स घटनाओं के बारे में अक्सर एक दूसरे को बताते रहते थे। चुदाई के किस्से सुनाते या सुनते वक्त प्रीती इतनी उत्तेजित हो जाती की उसकी चूत की प्यास मिटाना कभी मुश्किल हो जाता था।
 
मैंने और प्रीती ने इस शनिवार को प्रशाँत और बबीता को अपने यहाँ खाने की दावत दी। दोनों राज़ी हो गये। प्रशाँत एक शानदार व्यक्तित्व का मालिक था, ६’२ ऊँचाई और कसरती बदन। बबीता भी काफी सुंदर थी, गोल चेहरा, लंबी टाँगें और खास तौर पर उसकी नीली आँखें। पता नहीं उसकी आँखों में क्या आकर्षण था कि जी करता हर वक्त उसकी आँखों में इंसान झाँकता रहे।
 
शनिवार की शाम ठीक सात बजे प्रशाँत और बबीता हमारे घर पहुँचे। प्रशाँत ने शॉट्‌र्स और टी-शर्ट पहन रखी थी, जिससे उसका कसरती बदन साफ़ झलक रहा था। बबीता ने कॉटन का टॉप और जींस पहन रखी थी। उसके कॉटन के टॉप से झलकते उसके निप्पल साफ़ बता रहे थे की उसने ब्रा नहीं पहन रखी है। उसकी काली जींस भी इतनी टाईट थी की उसके चूत्तड़ों की गोलाइयाँ किसी को भी दीवाना कर सकती थी। उसके काले रंग के ऊँची हील के सैंडल उसकी लंबी टाँगों को और भी सैक्सी बना रहे थे। उसे इस सैक्सी पोज़ में देख मेरे लंड में सरसराहट होने लग गयी थी।
 
मैंने देखा की प्रीती प्रशाँत की और आकर्षित हो रही है। वो अपने अधखुले ब्लाऊज़ से प्रशाँत को अपनी चूचियों के दर्शन करा रही थी। आज प्रीती अपनी टाईट जींस और लो-कुट टॉप में कुछ ज्यादा ही सुंदर दिख रही थी। वहीं बबीता भी मेरे साथ ऐसे बरताव कर रही थी जैसे हम कई बरसों पुराने दोस्त हों।
 
हम चारों आपस में ऐसे बात कर रहे थे कि कोई देख के कह नहीं सकता था कि हमारी जान पहचान चंद दिनों पूरानी है। पहले शराब का दौर चला और फिर खाना खाने के बाद हम सब ड्राईंग रूम में बैठे थे।
 
मैंने स्टीरियो पर एक री-मिक्स की कैसेट लगा दी। बबीता ने खड़ी हो कर प्रशाँत को डाँस करने के लिये कहा, किंतु उसने उसे मना कर दिया। शायद उसे नशा हो गया था, मगर उसने बबीता को मेरे साथ डाँस करने को कहा। बबीता ने मुझे खींच कर खड़ा कर दिया।
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RE: हिंदी की कामुक कहानियों का संग्रह - by rohitkapoor - 28-06-2020, 07:09 PM



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