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Misc. Erotica हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह
#88
इसे चूस कर साफ़ करो?” सीमा ने उसके कान मे धीरे से कहा। 

ज़ूबी ने अपने मुँह में उस अँगुली को कसा और जीभ में फँसा कर चूसने लगी। प्रशाँत ने अपनी अँगुली उसके मुँह से बाहर निकाली और उसे खिंच कर अपनी और झुका लिया। ज़ूबी की चूचियाँ अब उसकी छाती को छू रही थी। 
 
प्रशाँत ने खींच कर उसे अपने सामने इस तरह खड़ा कर लिया कि उसका लंड ज़ूबी के पीठ को छू रहा था। प्रशाँत अब अपना हाथ उसके चूतड़ों पर फिराने लगा। ज़ूबी नहीं जानती थी कि ये मर्द उससे क्या चाहता है, फिर भी उसने अपनी टाँगें थोड़ी फैला दी जिससे उसे आसानी हो।
 
प्रशाँत ने उसके चूतड़ों को सहलाते हुए अचानक अपनी अँगुली उसकी चूत में घुसा दी। थोड़ी देर अँगुली को अंदर बाहर करने के बाद उसने अपनी अँगुली बाहर निकाली और उसकी गाँड के छेद पर फिराने लगा। ज़ूबी ने महसूस किया कि उसकी चूत से  पानी बह कर उसकी चूत के बाहरी हिस्सों के साथ उसकी जाँघों और टाँगों तक बह रहा है।
 
प्रशाँत अब अपनी गीली अँगुलियों से उसकी गाँड के छेद मे अपनी अँगुली घुसाने की कोशिश करने लगा।
 
नहीं वहाँआँआँ नहीं,” ज़ूबी जोर से चिल्लायी।
 
ज़ूबी ने हाथ पैर पटक कर बहुत कोशिश की कि वो उस मर्द को उसकी गाँड में अँगुली डालने से रोक सके, पर वो सफ़ल ना हो सकी। उस मर्द के मजबूत हाथ और साथ में सीमा कि पकड़ ने उसे ऐसा करने नहीं दिया। अचानक उसे अपनी गाँड मे जोरों का दर्द महसूस हुआ। उस मर्द की अँगुली उसकी गाँड में घुस चुकी थी।
 
ज़ूबी की छटपटाहट और दर्द देख कर प्रशाँत को मज़ा आने लगा था। उसने उसे और परेशान करने के लिये जोर से उसके चूतड़ों पर थप्पड़ मार दिया।
 
ज़ूबी के चूतड़ों पर पड़ते थप्पड़ की आवाज़ कमरे में गूँज उठी। दर्द के मारे ज़ूबी की आँखों में आँसू आ गये। एक तो गाँड में अँगुली का अंदर बाहर होना और साथ में इतनी जोर के थप्पड़ - उसे बेहताशा दर्द हो रहा था।
 
ज़ूबी प्रशाँत के थप्पड़ों से बचने के लिये विरोध करती रही और प्रशाँत था कि अब जोरों से उसके चूतड़ों पर थप्पड़ मार रहा था।
 
आआआआआवववव ओंओंओंओंओं,” ज़ूबी सुबक रही थी। उसकी आँखों में आँसू आ गये थे। आज से पहले कभी किसी ने उसे मारना तो दूर की बात है, कभी छुआ तक नहीं था।
 
सीमा से भी ये देखा नहीं गया और वो बोल पड़ी, रुक जाओ मत करो ऐसा।
 
पर जैसे प्रशाँत के कानों पे उसकी आवाज़ का कोई असर नहीं हुआ।
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RE: हिंदी की कामुक कहानियों का संग्रह - by rohitkapoor - 14-06-2020, 07:04 PM



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