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Misc. Erotica हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह
#79
जितना ज़ूबी कराहती, उतनी ही तेजी से राकेश धक्का मारता। ज़ूबी के कराहने में उसे मज़ा आ रहा था और उसका वहशीपन बढ़ता जा रहा था। वो जानवर की तरह ज़ूबी की चूत को रौंद रहा था। 

राकेश ने तभी अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाल लिया, और ज़ूबी को पलट कर बिस्तर पर चित्त लिटा दिया। ज़ूबी को थोड़ी देर के लिए राहत महसूस हुई। वो अपनी साँसों पर काबू पाने की कोशिश करने लगी। राकेश अब उसकी जाँघों के बीच आ गया। 
 
ज़ूबी ने अपनी टाँगें पूरी तरह से फैला दी। उसे ऐसा करते हुए शरम सी आ रही थी पर वो जानती थी कि ऐसा करने से राकेश का लंड आसानी सी उसकी चूत में चला जायेगा, और वो दर्द से बच जायेगी।
 
जैसे ही राकेश उसके ऊपर आया, ज़ूबी ने अपना हाथ नीचे कर के उसके तने हुए लंड को पकड़ लिया और अपनी चूत के मुँह पर लगा दिया। एक बार जब राकेश का लंड उसकी चूत में पूरा घुस गया तो वो भी अपने कुल्हे उछाल कर उसका साथ देने लगी।
 
ज़ूबी को भी आनंद आ रहा था। उसने अपनी टाँगें उठा कर उसकी कमर में कस के लपेट लीं और अपने हाथ उसकी पीठ पर कस लिये। अब ज़ोरों से सिसकते हुए वो उसके धक्कों का साथ दे रही थी।
 
हाय अल्लाह,” ज़ूबी ने सोचा, बाहर सभी को मालूम है कि मैं इस मर्द से चुदवा रही हूँ।
 
ओहहहहह हाँआँआँ! चोदो मुझे... और जोर से... ओहहहहह हाँ... जोर से ज़ूबी सिसक रही थी। उसकी चूत अब पानी छोड़ने ही वाली ही थी और वो चाहने लगी कि राकेश भी उसके साथ ही झड़े।
 
क्या तुम मेरे साथ झड़ सकते हो? ओहहह हाँ... छोड़ दो अपना पानी मेरी चूत में प्लीज़...! हाँ चोदो... और जोर से,” उसे खुद पर विश्वास नहीं हो रहा था कि वो ये भी कह सकती है।
 
तभी दरवाजे पर दस्तक हुई, पाँच मिनट रह गये हैं, जल्दी करो! एक लड़की की आवाज़ आयी।
 
राकेश ने अपनी रफ़्तार बढ़ा दी। वो ज़ूबी की जाँघें इतनी कस के पकड़ कर धक्के मारने लगा कि ज़ूबी की आँखों में आँसू आ गये। पर चुदाई का आनंद ऐसा था कि उसके लंड की हर चोट उसकी चूत में और उत्तेजना बढ़ा रही थी। तभी उसने महसूस किया कि राकेश का छूटने वाला है।
 
अभी नहीं प्लीज़ रुक जाओओह ज़ूबी चिल्ला पड़ी।
 
तभी उसे गाढ़े और गरम वीर्य का एहसास अपनी चूत में हुआ। हाय अल्लाह! इसका तो छूट रहा है और मेरा अभी बाकी है,” ज़ूबी सोचने लगी।
 
नहीं... अभी नहीं वो चिल्ला पड़ी।
 
पर उसकी चिल्लाहट का कोई असर राकेश पर नहीं हुआ। वो जोर के धक्के लगा कर अपना वीर्य उसकी चूत में छोड़ रहा था। ज़ूबी की उत्तेजना अपनी चरम सीमा पर थी। अब ज़ूबी खुद नीचे से धक्के लगा कर अपनी उत्तेजना को शाँत करने की कोशिश करने लगी। वो बेशरम की तरह नीचे से धक्के लगा रही थी। आखिर उसकी चूत ने भी पानी छोड़ दिया।
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RE: हिंदी की कामुक कहानियों का संग्रह - by rohitkapoor - 07-06-2020, 02:30 AM



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