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Misc. Erotica हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह
#73
यहाँ पर मर्द लोग आते हैं, और मेरी लड़कियों में से किसी को चुनते हैं... वो लड़की फिर उसका दिल बहलाती है... उस औरत ने जवाब दिया। 

दिल बहलाती है?” ज़ूबी ने चौंकते हुए कहा। 
 
मिस्टर राज ने झूठ नहीं कहा था कि तुम बेवकूफ़ हो... अरे यार वो लड़की उस मर्द को एक कमरे में ले जाती है और फिर उससे चुदाई करवा कर उसका दिल बहलाती है।
 
उस औरत की ये बात सुन कर ज़ूबी का दिल बैठ गया। राज ने उसे पूरी तरह रंडी बनाने कि ठान ली थी। क्या वो ये सब कर पायेगी। क्या उसके पास इन सब से बचने के लिए कोई रास्ता है। तुम ये कहना चाहती हो कि मैं यहाँ रंडी बन जाऊँ?” ज़ूबी ने उस औरत से पूछा।
 
क्या तुमने इसके पहले ये सब नहीं किया है?”
 
ज़ूबी देर तक उसकी आँखों में झाँकती रही और फिर अपनी गर्दन ना में हिला दी।
 
देखो,” उस औरत ने कहा, तुम्हारा शरीर इतना सुंदर है कि कोई भी मर्द तुम्हें नापसंद नहीं कर सकता। तुम्हारे इस सुंदर चेहरे और कसावदार बदन को देख कर मुझे लगता है कि तुममें रंडी बनने के सब गुण हैं।
 
पर एक रंडी,” ज़ूबी ने कहा, लोग क्या कहेंगे!
 
किसी को पता नहीं चलेगा, डरो मत।
 
उस औरत का अनुभव इतना था कि उसे पता था कि उसे ये नहीं पूछना था कि ज़ूबी तुम ये करोगी कि नहीं, बल्कि उसने उससे ये कहा कि वो सब संभाल लेगी, पैसों की वो चिंता ना करे उसे बस आने वाले मर्दों को सिर्फ़ खुश करना है।
 
अब जब तुम पहनने के लिये कुछ लायी नहीं हो, तो ऐसा करो उस कमरे में चली जाओ और अपने कपड़े उतार दो, सिर्फ़ ब्रा और पैंटी पहने रहना और हाँ अपनी ऊँची ऐड़ी की सैंडल भी मत उतारना उस औरत ने एक कमरे की और इशारा करते हुए कहा।
 
ज़ूबी जैसे ही मरे हुए कदमों से उस कमरे की तरफ़ बढ़ी उसे फोन कि घंटी सुनायी दी और फिर उस औरत को बात करते सुना।
 
हेलो,” उस औरत की खुशी से भरी आवाज़ सुनायी दी,हाँ, राकेश तुम आ सकते हो। ओह... हाँ एक नयी चिड़िया आयी है... तुम्हें पसंद आयेगी। बहुत ही सुंदर, जवान और मस्त है। हाँ...! हाँ... मेरे राजा! जल्दी आओ... अरे किसी और को दिखाऊँगी भी नहीं... जल्दी आना। हाँ आज उसका पहला दिन है।
 
ज़ूबी की साँसें तेज हो गयी थीं, उसका दिल घबरा रहा था और अंगुलियाँ ब्लाऊज़ के बटन खोलते हुए काँप रही थी। बड़ी मुश्किल से उसने अपने कपड़े उतारे और फिर धीरे से दरवाजा खोल कर झाँकने लगी।
 
उस औरत ने उसे बाहर आने को कहा। ज़ूबी बहुत ही अपमानित और शर्मिंदगी महसूस कर रही थी। तकदीर भी अजीब खेल खेल रही थी उसके साथ। कहाँ एक स्वाभिमानी वकील, अच्छे संसकारों में पली बड़ी वो आज अपने बदन का सौदा करने पर मजबूर  थी।
 
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RE: हिंदी की कामुक कहानियों का संग्रह - by rohitkapoor - 31-05-2020, 07:44 PM



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