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Misc. Erotica हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह
#72
राज के जाने के थोड़ी देर बद वो फोन पर उस नंबर को मिलाने लगी जो राज ने उसे दिया था। वो सोच रही थी कि पता नहीं तकदीर ने उसके लिए भविष्य में क्या-क्या बचा कर रखा है। 

फोन मिलते ही एक औरत ने जवाब दिया और ज़ूबी ने उसे अपना परिचय दिया। 
 
ओहहह... हाँ उसने मुझसे कहा था कि तुम जरूर फोन करोगी, दिल्ली में तुम्हारा स्वागत है उस औरत ने कहा।
 
उस औरत का दोस्ती और प्यार भरा अंदाज़ पाकर ज़ूबी को थोड़ी राहत सी हुई। ज़ूबी पहले तो हिचकिचायी और फिर धीरे से बोली, मुझे नहीं पता कि मैं आपको क्यों फोन कर रही हूँ।
 
उसके लिये तुम्हें मेरे ऑफिस में आना पड़ेगा जहाँ हम बात कर सकेंगे,” उस औरत ने जवाब दिया। फिर उसने ज़ूबी को एक पता लिखाया और दो घंटे में वहाँ पहुँचने के लिए कहा, याद रखना सुबह के साढ़े दस तक पहुँच जाना।
 
ठीक है मैं पहुँच जाऊँगी,” कहकर ज़ूबी ना फोन रख दिया।
 
ज़ूबी तुरंत बिस्तर से उठी और नहाने के लिए बाथरूम में घुस गयी। शॉवर के नीचे खड़ी वो बाथरूम में लगे आइने में अपने बदन को देखने लगी। वो अपने कसे हुए बदन को देख रही थी और उसे पता था कि सारे मर्द उसके इस तराशे हुए बदन पर मरते हैं। उसने घंटों जिम में मेहनत कर के अपने बदन को कसा हुआ रखा था।
 
नहाते वक्त जब वो अपने निप्पल पर और चूत पर साबून लगाती तो एक अनजानी सी सनसनी शरीर में दौड़ जाती। वो जानती थी कि उसे फँसाया गया है और आने वाले कुछ दिनो में वसना के बहके मर्द उसके शरीर को इस्तमाल करने वाले है।
 
ज़ूबी ने उस बंगले के दरवाजे की घंटी बजायी। थोड़ी देर बाहर खड़े रहने के बाद दरवाजा खुला और उसने बंगले के अंदर कदम रखा। कमरे के अंदर कई सोफ़े पड़े थे और ढेर सारी कुर्सियाँ भी थी। एक कोने में टी.वी चल रहा था। कमरे में कोई नहीं था सिवाय उस औरत के जिसने दरवाजा खोला था। उसने ड्राइंग रूम के साथ बने ऑफिस में उसे पहुँचा दिया।
 
हमारा काम आधे घंटे में शुरू होगा,” उस औरत ने कहा, तुम अपने साथ कुछ कपड़े लायी हो बदलने के लिए।
 
नहीं,” ज़ूबी ने जवाब दिया, मुझे पता नहीं था कि कपड़े भी साथ लाने हैं।
 
वैसे तो तुम्हें कपड़ों की ज़रूरत नहीं पड़ेगी,” वो औरत हंसते हुए बोली, तुम हो ही इतनी सुंदर कि तुमने क्या पहन रखा है इससे कोई फ़रक नहीं पड़ता।
 
पर मुझे यहाँ करना क्या होगा?” ज़ूबी ने थोड़ा सहमते हुए पूछा।
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RE: हिंदी की कामुक कहानियों का संग्रह - by rohitkapoor - 31-05-2020, 07:43 PM



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