31-05-2020, 07:37 PM
मंजू झुक कर अपनी गाँड प्रीती को दिखाने लगी। “शुक्र है!!! कुछ खास नहीं हुआ है, थोड़ी सी सूजन है... वो कुछ घंटों में ठीक हो जायेगी”, प्रीती ने उसकी गाँड को परखते हुए कहा और सिगरेट का धुँआ उसकी गाँड में छोड़ दिया।
“मुझे भी यही लगता है, कि कुछ लगाने की जरूरत नहीं है, इतनी सारी दवाई जो अंदर गयी हुई है”, मंजू ने हँसते हुए कहा, “भैया आपको हमारी चुदाई कैसी लगी?”
ओह गॉड कितनी सुंदर थी दोनों। उनके उभरे और भरे हुए मम्मे और उस पर काले निप्पल गज़ब ढा रहे थे। उनकी बिना बालों की चूत ऐसे निखर रही थी क्या कहना। मैं दावे के साथ कह सकता हूँ कि प्रीती के कहने पर ही उन्होंने अपनी झाँटें साफ़ करी होंगी। मुझे शर्म आ रही है ये कहते हुए कि उनका गोरा बदन देख कर मेरा लंड भी एक दम तन कर खड़ा हो गया था।
“चुप रहो और जाके कपड़े पहनो”, मैं चिल्ला कर बोला।
“देखो इसके तने हुए लंड को”, प्रीती ने मेरे खड़े लंड की और इशारा करते हुए कहा, “जाओ जा कर कपड़े पहनो इसके पहले कि तुम्हारे भैया का सब्र टूटे और ये तुम्हें चोदने लगे।”
“मुझे बुरा नहीं लगेगा”, अंजू ने कहा, “आओ भैया और अपना लंड मेरी चूत में डाल दो, भाभी ने बताया है कि इन्होंने जितने भी लंड का स्वाद चखा है उसमें तुम्हारा लंड सबसे जानदार और अच्छा है।”
“हाँ भैया! हम दोनों को चोदो... हम तैयार हैं...” मंजू ने भी कहा।
“इससे पहले कि मैं तुम दोनों की पिटायी करूँ, यहाँ से दफ़ा हो जाओ और जा कर कपड़े पहनो...” मैं जोर से चिल्लाया। वो दोनों घबरा कर रूम में भाग गयीं।
थोड़ी देर बाद वो अपने कपड़े पहन कर आ गयी और सोफ़े पर बैठ गयी। मैंने प्रीती की तरफ देखते हुए कहा, “प्रीती!!! अब इनकार मत करना! मैं समझ गया हूँ कि इस सब के पीछे तुम्हारा हाथ है।”
“इनकार कौन कर रहा है, बल्कि मैं तो खुश हूँ कि मैंने अकेले ही ये सब कर दिखाया”, उसने जवाब दिया।
“लेकिन प्रीती तुमने ऐसा क्यों किया? झगड़ा तुम्हारे मेरे बीच था, उसमें मेरी बहनों को घसीटने की क्या जरूरत थी?” मैंने सवाल किया।
“जरूरत थी राज!!! मैं भी तुम्हें उतना ही दुख देना चाहती थी जितना तुमने मुझे दिया था। मुझे मालूम है तुम अपनी बहनों से बहुत प्यार करते हो, इसलिये जो आज हुआ इसी से मेरा बदला पूरा हो सकता था”, प्रीती ने जवाब दिया।
“लेकिन क्यों प्रीती, क्यों?” मैं धीरे से बोला।
“भाभी!!! हम बतायें या आप बतायेंगी?” अंजू ने पूछा।
“नहीं अंजू! मुझे ही इसका आनंद लेने दो, तुम लोग भी बैठ जाओ... इस कहानी को सुनने में थोड़ा वक्त लगेगा...” प्रीती ने कहा और अपने लिये एक ड्रिंक बना कर और सिगरेट सुलगा कर बैठ गयी।
“मुझे भी यही लगता है, कि कुछ लगाने की जरूरत नहीं है, इतनी सारी दवाई जो अंदर गयी हुई है”, मंजू ने हँसते हुए कहा, “भैया आपको हमारी चुदाई कैसी लगी?”
ओह गॉड कितनी सुंदर थी दोनों। उनके उभरे और भरे हुए मम्मे और उस पर काले निप्पल गज़ब ढा रहे थे। उनकी बिना बालों की चूत ऐसे निखर रही थी क्या कहना। मैं दावे के साथ कह सकता हूँ कि प्रीती के कहने पर ही उन्होंने अपनी झाँटें साफ़ करी होंगी। मुझे शर्म आ रही है ये कहते हुए कि उनका गोरा बदन देख कर मेरा लंड भी एक दम तन कर खड़ा हो गया था।
“चुप रहो और जाके कपड़े पहनो”, मैं चिल्ला कर बोला।
“देखो इसके तने हुए लंड को”, प्रीती ने मेरे खड़े लंड की और इशारा करते हुए कहा, “जाओ जा कर कपड़े पहनो इसके पहले कि तुम्हारे भैया का सब्र टूटे और ये तुम्हें चोदने लगे।”
“मुझे बुरा नहीं लगेगा”, अंजू ने कहा, “आओ भैया और अपना लंड मेरी चूत में डाल दो, भाभी ने बताया है कि इन्होंने जितने भी लंड का स्वाद चखा है उसमें तुम्हारा लंड सबसे जानदार और अच्छा है।”
“हाँ भैया! हम दोनों को चोदो... हम तैयार हैं...” मंजू ने भी कहा।
“इससे पहले कि मैं तुम दोनों की पिटायी करूँ, यहाँ से दफ़ा हो जाओ और जा कर कपड़े पहनो...” मैं जोर से चिल्लाया। वो दोनों घबरा कर रूम में भाग गयीं।
थोड़ी देर बाद वो अपने कपड़े पहन कर आ गयी और सोफ़े पर बैठ गयी। मैंने प्रीती की तरफ देखते हुए कहा, “प्रीती!!! अब इनकार मत करना! मैं समझ गया हूँ कि इस सब के पीछे तुम्हारा हाथ है।”
“इनकार कौन कर रहा है, बल्कि मैं तो खुश हूँ कि मैंने अकेले ही ये सब कर दिखाया”, उसने जवाब दिया।
“लेकिन प्रीती तुमने ऐसा क्यों किया? झगड़ा तुम्हारे मेरे बीच था, उसमें मेरी बहनों को घसीटने की क्या जरूरत थी?” मैंने सवाल किया।
“जरूरत थी राज!!! मैं भी तुम्हें उतना ही दुख देना चाहती थी जितना तुमने मुझे दिया था। मुझे मालूम है तुम अपनी बहनों से बहुत प्यार करते हो, इसलिये जो आज हुआ इसी से मेरा बदला पूरा हो सकता था”, प्रीती ने जवाब दिया।
“लेकिन क्यों प्रीती, क्यों?” मैं धीरे से बोला।
“भाभी!!! हम बतायें या आप बतायेंगी?” अंजू ने पूछा।
“नहीं अंजू! मुझे ही इसका आनंद लेने दो, तुम लोग भी बैठ जाओ... इस कहानी को सुनने में थोड़ा वक्त लगेगा...” प्रीती ने कहा और अपने लिये एक ड्रिंक बना कर और सिगरेट सुलगा कर बैठ गयी।
॥॥। क्रमशः॥॥