Thread Rating:
  • 6 Vote(s) - 2.33 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Misc. Erotica मैं हसीना गज़ब की
#84
उन्होंने मुझे अपने ऊपर से उठाया और बिस्तर पर चौपाया बना कर झुका दिया। मेरे हाथ मुड़ गये और मेरा मुँह तकिये में धंस गया। उन्होंने मेरी कमर को बिस्तर के किनारे करके घुमाया और बिस्तर के नीचे खड़े हो गये। इस हालत में मैं अपनी कमर उनकी तरफ़ उठा कर बिस्तर में धंसी हुई थी। वो बिस्तर से उतर कर नीचे खड़े हो गये और पीछे से मेरी चूत पर अपने लंड को सटा कर धक्का मार दिया। मेरी चूत एक बार फिर दर्द से काँप गयी। मेरा मुँह तकिये में धंसा होने के कारण सिर्फ कुछ “गूँ-गूँ” जैसी आवाज निकली और मेरी चूत पर उनका वार चालू हो गया। इस तरह मैं अपने जिस्म को उठाये हुए नहीं रख पा रही थी। नशे में मेरा जिस्म उनके धक्कों से बार-बार इधर उधर लुढ़कने लगता और इसलिये उन्हें अपने हाथों से चूत को सामने की ओर रखना पड़ रहा था। इस तरह जब बार-बार परेशानी हुई तो उन्होंने मुझे बिस्तर से नीचे उतार कर पहले बिस्तर के कोने में कुशन रखा और फिर मुझे घुटनों के बल झुका दिया। अब मेरी टाँगें ज़मीन पर घुटनों के बल टिकी हुई थीं और कमर के ऊपर का जिस्म कुशन के ऊपर से होता हुआ बिस्तर पर पसरा हुआ था। कुशन होने के कारण मेरे नितंब ऊपर की ओर उठ गये थे। ये पोज़िशन मेरे लिये ज्यादा सही थी। मेरे किसी भी अंग पर अब ज्यादा जोर नहीं पड़ रहा था। इस हालत में उन्होंने बिस्तर के ऊपर अपने हाथ रख कर अपने लंड को वापस मेरी चूत में ठोक दिया। कुछ देर तक इस तरह ठोकने के बाद उनके लंड से रस झड़ने लगा। उन्होंने मेरी चूत में से अपना लंड निकाल कर मुझे सीधा किया और अपने वीर्य की धार मेरे चेहरे पर और मेरे बालों पर छोड़ दी। इससे पहले कि मैं अपना मुँह खोलती, मैं उनके वीर्य से भीग चुकी थी। इस बार झड़ने में उन्हें बहुत टाईम लग गया। 

मैं थकान और नशे से एकदम निढाल हो चुकी थी। मुझमें उठकर बाथरूम में जाकर अपने को साफ़ करने की भी हिम्मत नहीं थी। मैं उसी हालत में आँखें बंद किये पड़ी रही। मेरा आधा जिस्म बिस्तर पर था और आधा नीचे। ऐसी अजीबोगरीब हालत में भी मैं गहरी नींद में डूब गयी। पता ही नहीं चला कब फिरोज़ भाई जान ने मुझे सीधा करके बिस्तर पर लिटा दिया और मेरे नंगे जिस्म से लिपट कर खुद भी सो गये। 
 
बीच में एक बार जोर की पेशाब आने की वजह से नींद खुली तो मैंने पाया कि फिरोज़ भाई जान मेरे एक मम्मे पर सिर रखे सो रहे थे। मैंने उठने की कोशिश की लेकिन मेरा सिर नशे में घूम रहा था और पूरा जिस्म दर्द से टूट रहा था। इसलिये मैं दर्द से कराह उठी। मुझसे उठा नहीं गया तो मैंने फिरोज़ भाई जान को उठाया।
[+] 1 user Likes rohitkapoor's post
Like Reply


Messages In This Thread
RE: मैं हसीना गज़ब की - by rohitkapoor - 24-05-2020, 07:16 PM



Users browsing this thread: 2 Guest(s)