Thread Rating:
  • 6 Vote(s) - 2.33 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Misc. Erotica मैं हसीना गज़ब की
#81
उन्होंने मुझे बेडरूम में लाकर बिस्तर पर लिटा दिया। फिर वो मेरी बगल में लेट गये और मेरे चेहरे को कुछ देर तक निहारते रहे। फिर मेरे होंठों पर अपनी अँगुली फ़िराते हुए बोले, “मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि तुम जैसी कोई हसीना कभी मेरी बाँहों में आयेगी।”

 
“क्यों? भाभी तो मुझसे भी सुंदर हैं!” मैंने उनसे कहा।
 
“होगी.. लेकिन तुममें ऐसा कुछ है जिसके लिये मैं आज तक तरस रहा था.... तुम सबसे ही अलग हो।”
 
“अब और हिम्मत नहीं है लेकिन मन नहीं भरा। एक बार और मुझे वो सब दे दो। अपने दूध से मुझे भिगो दो।” मैंने उनके कान को अपने दाँतों से काटते हुए कहा।
 
“अब इसका खड़ा होना मुश्किल है। आज शाम से काफी काम करना पड़ा ना, इसलिये बेचारा मुरझा गया है”, फिरोज़ ने अपने लंड की तरफ़ इशारा करते हुए कहा।
 
“अरे! मैं किस लिये हूँ। अभी देखती हूँ कैसे ये नहीं तनता। अभी इसे खड़ा करती हूँ”, कहकर मैं उनके लंड को सहलाने लगी। कुछ देर तक सहलाने पर भी कोई खास असर नहीं पड़ा तो मैंने उनको चित्त करके लिटा कर उनके लंड को अपने दोनों मम्मों के बीच लेकर उसे अपने मम्मों से सहलाने लगी। उनके लंड में हल्का सा तनाव आ रहा था लेकिन वो कुछ ही देर में वापस चला जाता था। फिर मैंने उनके निप्पल को दाँतों से धीरे-धीरे काटना शुरू किया तो उनके जिस्म में उत्तेजना बढ़ने लगी। लेकिन अभी तक लंड अपनी पूरी जवानी पर नहीं आया था।
[+] 1 user Likes rohitkapoor's post
Like Reply
Do not mention / post any under age /rape content. If found Please use REPORT button.


Messages In This Thread
RE: मैं हसीना गज़ब की - by rohitkapoor - 24-05-2020, 07:12 PM



Users browsing this thread: 1 Guest(s)