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Misc. Erotica मैं हसीना गज़ब की
#80
भाग ६ 
हम दोनों एक दूसरे को चूमते हुए और सहलाते हुए व्हिस्की और कॉफी सिप कर रहे थे।

“आपको भाभी जान कैसे झेलती होंगी। मेरी तो हालत पतली करके रख दी आपने। ऐसा लग रहा है कि सारी हड्डियों का कचूमर बना दिया हो अपने।” मैंने उनके होंठों पर लगी झाग को अपनी जीभ से साफ़ करते हुए कहा, “देखो क्या हालत कर के रख दी है”, मैंने अपने गोरे मम्मों पर उभरे लाल नीले निशानों को दिखाते हुए कहा।

“इतनी बुरी तरह मसला है आपने कि कईं दिन तक ब्रा पहनना मुश्किल हो जायेगा।” नशे में मेरी आवाज़ भी थोड़ी सी बहकने लगी थी।

फिरोज़ भाई जान ने मेरे मम्मों को चूमते हुए अचानक अपनी दो अँगुलियाँ मेरी रस से भरी चूत में घुसा दी। जब अँगुलियाँ बाहर निकाली तो दोनों अँगुलियों से रस चू रहा था। उन्होंने एक अँगुली अपने मुँह में रखते हुए दूसरी अँगुली मेरी ओर की जिसे मैंने अपने मुँह में डाल लिया। दोनों एक-एक अँगुली को चूस कर साफ़ करने लगे।

“मज़ा आ गया आज। इतना मज़ा सैक्स में मुझे पहले कभी नहीं आया था”, फिरोज़ भाई जान ने मेरी तारीफ़ करते हुए कहा, “तुम बराबर का साथ देती हो तो सैक्स में मज़ा बहुत आता है। नसरीन तो बस बिस्तर पर पैरों को फैला कर पड़ जाती है मानो मैं उससे जबरदस्ती कर रहा हूँ।”

“अब आपको कभी उदास होने नहीं दूँगी। जब चाहे मुझे अपनी गोद में खींच लेना.... अब तो इस जिस्म पर आपका भी हक बन गया है।”

हम दोनों इसी तरह बातें करते हुए अपनी व्हिस्की या कॉफी सिप करते रहे। उनकी कॉफी खत्म हो जाने के बाद वो उठे। उन्होंने मुझे अपने ग्लास में फिर व्हिस्की डालते हुए देखा तो मुझे रोक दिया। “बहुत पी चुकी हो तुम..... बहुत नशा हो गया.... और पियोगी तो फिर तबियत बिगड़ जायेगी”, कहते हुए उन्होंने झुक कर मुझे अपनी गोद में ले लिया और मुझे अपनी बाँहों में उठाये बेडरूम की तरफ़ बढ़े।

“मैंने कभी कॉलेज के दिनों में किसी से इश्क नहीं किया था। आज फिर लगता है मैं उन ही दिनों में लौट गयी हूँ”, कहते हुए मैंने उनके सीने पर अपने होंठ रख दिये। उन्होंने मुझे और सख्ती से जकड़ लिया। मेरे मम्मे उनके सीने में पिसे जा रहे थे। मैंने उनके बाँह के मसल्स जो मुझे गोद में उठाने के कारण फूले हुए थे, उसे काटने लगी।
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RE: मैं हसीना गज़ब की - by rohitkapoor - 24-05-2020, 07:11 PM



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