24-05-2020, 06:43 PM
बिना कुछ कहे हुए प्रीती खड़ी हुई और एक झटके में अपना ड्रिंक पी कर उसने म्यूज़िक लगा दिया। फिर एक और बड़ा सा ड्रिंक बना कर एक ही साँस में गटकने के बाद अब वो म्यूज़िक पर थिरक रही थी।
“महेश! इसे जरा ध्यान से देखना, मेरे दोस्त कह रहे थे कि ये बहुत अच्छा करती है, मैं भी देखना चाहता था।”
प्रीती का अंदाज़ जरा ज्यादा ही निराला था। उसका झटक कर अपनी साड़ी का पल्लू गिराना और खुद से कहना, “प्लीज़ ऐसा मत करो ना मुझे शरम आयेगी।”
मैं समझ गया वो नयी दुल्हन की तरह पेश आ रही थी जैसे उसका पति उसे नंगा करना चाहता है। वो पति और पत्नी दोनों की आवाज़ में बोल रही थी।
“प्लीज़ मेरे कपड़े मत उतारो ना।” उसने अपने दांये हाथ से अपना पल्लू ठीक किया।
“प्लीज़ डार्लिंग उतारने दो ना”, और अपने बांये हाथ से फिर पल्लू गिरा दिया।
इसी तरह से अपना उत्तेजनात्मक नाटक करते हुए प्रीती अब सिर्फ़ ब्रा, पैंटी और हाई-हील सैंडल में खड़ी थी।
एम-डी और महेश दोनों गरम हो चुके थे और अपनी पैंट के ऊपर से ही अपना लंड सहला रहे थे।
“प्रीती! बाकी के कपड़े भी उतार दो, रुक क्यों गयी?” एम-डी ने कहा।
“बाकी के मैंने तुम्हारे लिये छोड़ दिये हैं।” ये सुनते ही एम-डी ने खड़े होकर प्रीती को बाँहों में भर लिया और उसकी ब्रा उतार दी। वो उसके मम्मे दबाने लगा।
महेश ने भी घुटनों के बल बैठ कर उसकी पैंटी उतार दी और उसकी चूत पर अपनी जीभ फेरने लगा। तीनों काफी उत्तेजित हो चुके थे और लंबी-लंबी साँसें ले रहे थे।
“प्रीती अब और मत तरसाओ, हमें चोदने दो ना प्लीज़”, एम-डी ने अपने कपड़े उतारते हुए कहा।
“हाँ प्रीती! देखो मेरा लंड कैसे भूखे शेर की तरह खड़ा है।” महेश ने अपने कपड़े उतार कर अपना खड़ा लंड प्रीती को दिखाया।
“ठीक है! तुम लोग मुझे चोदना चाहते हो?” प्रीती ने पूछा।
“हाँ! हम तुम्हें चोदना चाहते हैं!!” दोनों ने साथ जवाब दिया।
“और गाँड भी मारना चाहते हो?” उसने फिर पूछा।
“हाँ हाँ!!!” दोनों ने फिर जवाब दिया।
“महेश! इसे जरा ध्यान से देखना, मेरे दोस्त कह रहे थे कि ये बहुत अच्छा करती है, मैं भी देखना चाहता था।”
प्रीती का अंदाज़ जरा ज्यादा ही निराला था। उसका झटक कर अपनी साड़ी का पल्लू गिराना और खुद से कहना, “प्लीज़ ऐसा मत करो ना मुझे शरम आयेगी।”
मैं समझ गया वो नयी दुल्हन की तरह पेश आ रही थी जैसे उसका पति उसे नंगा करना चाहता है। वो पति और पत्नी दोनों की आवाज़ में बोल रही थी।
“प्लीज़ मेरे कपड़े मत उतारो ना।” उसने अपने दांये हाथ से अपना पल्लू ठीक किया।
“प्लीज़ डार्लिंग उतारने दो ना”, और अपने बांये हाथ से फिर पल्लू गिरा दिया।
इसी तरह से अपना उत्तेजनात्मक नाटक करते हुए प्रीती अब सिर्फ़ ब्रा, पैंटी और हाई-हील सैंडल में खड़ी थी।
एम-डी और महेश दोनों गरम हो चुके थे और अपनी पैंट के ऊपर से ही अपना लंड सहला रहे थे।
“प्रीती! बाकी के कपड़े भी उतार दो, रुक क्यों गयी?” एम-डी ने कहा।
“बाकी के मैंने तुम्हारे लिये छोड़ दिये हैं।” ये सुनते ही एम-डी ने खड़े होकर प्रीती को बाँहों में भर लिया और उसकी ब्रा उतार दी। वो उसके मम्मे दबाने लगा।
महेश ने भी घुटनों के बल बैठ कर उसकी पैंटी उतार दी और उसकी चूत पर अपनी जीभ फेरने लगा। तीनों काफी उत्तेजित हो चुके थे और लंबी-लंबी साँसें ले रहे थे।
“प्रीती अब और मत तरसाओ, हमें चोदने दो ना प्लीज़”, एम-डी ने अपने कपड़े उतारते हुए कहा।
“हाँ प्रीती! देखो मेरा लंड कैसे भूखे शेर की तरह खड़ा है।” महेश ने अपने कपड़े उतार कर अपना खड़ा लंड प्रीती को दिखाया।
“ठीक है! तुम लोग मुझे चोदना चाहते हो?” प्रीती ने पूछा।
“हाँ! हम तुम्हें चोदना चाहते हैं!!” दोनों ने साथ जवाब दिया।
“और गाँड भी मारना चाहते हो?” उसने फिर पूछा।
“हाँ हाँ!!!” दोनों ने फिर जवाब दिया।