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Adultery तरक्की का सफ़र
#64
एक दिन शाम को महेश ने मुझे अपने केबिन में बुलाया और मेरी तरफ एक प्रिंटेड फोर्म बढ़ाते हुए कहा कि राज! इस भर के दे दो।


सर ये क्या है? ये तो नेशनल क्लब का एपलीकेशन फोर्म है, मैंने आश्चर्य में कहा। 
 
हाँ! हमारे एम-डी तुम्हारे काम से बहुत खुश हैं, इसलिये वो चाहते है कि तुम इस क्लब के मेंबर बन जाओ।
 
मैंने खुश होते हुए फोर्म भर के दे दिया।
 
करीब एक महीने बाद महेश मुझसे बोला, राज तुम्हारी क्लब की एपलीकेशन मंजूर हो गयी है और अब तुम उस क्लब के मेंबर हो। और क्लब की परंपरा के अनुसार नये मेंबर्स को एक गेट-टू-गेदर में बुलाया जाता है.... जहाँ उनका सबसे परिचय कराया जाता है। तुम शनिवार को शाम को क्लब पहुँच जाना और प्रीती को लान ना भूलना। पार्टी शाम आठ बजे है।
 
मैंने घर पहुँच कर ये खबर प्रीती को सुनायी और पूछा, क्या तुम चलोगी?”
 
क्यों नहीं चलुँगी?” उसने जवाब दिया।
 
शनिवार को हम लोग पार्टी में पहुँचे, जहाँ एम-डी ने हमारा परिचय सबसे कराया। वहाँ उनकी वाइफ, ’मिसेज मिली’ और हमारे एक्स एम-डी की वाइफ ’मिसेज योगिता’ भी थी। एम-डी और प्रीती काफी घुल मिल कर बातें कर रहे थे और प्रीती ड्रिंक्स में एम-डी का पूरा साथ दे रही थी। पार्टी में बहुत मज़ा आया।
 
घर लौटते वक्त मैंने प्रीती से पूछा,पार्टी कैसी लगी?”
 
अच्छी थी! उसने जवाब दिया।
 
एक दिन महेश ने मुझसे कहा, राज! इस शनिवार को प्रीती को ठीक आठ बजे क्लब भेज देना। मैं कार भेज दूँगा।
 
मैंने प्रीती को बताया और कहा, प्रीती तुम्हें वहाँ नहीं जाना चाहिये।
 
क्यों नहीं जाना चाहिये? अब मैं बड़ी हो गयी हूँ! एम-डी से कहना, मैं पहुँच जाऊँगी।
 
शनिवार को शाम प्रीती काफी सज़ धज़ कर तैयार हो गयी। मैंने कहा, प्रीती! तुम्हें अकेले नहीं जाना चाहिये, मैं भी तुम्हारे साथ चलता हूँ।
 
नहीं! तुम चल कर क्या करोगे? वैसे भी एम-डी की कार आ चुकी है। उसने जाते हुए कहा, हाँ!!! मेरा इंतज़ार मत करना, हो सकता है मुझे लेट हो जाये।
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RE: तरक्की का सफ़र - by rohitkapoor - 24-05-2020, 06:39 PM



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