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Misc. Erotica हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह
#51
अध्याय-३
 
ज़ूबी के लिये आज का दिन उसकी ज़िंदगी का सबसे बड़ा दिन था। आज उसका निकाह था। ज़ूबी ने पिछले कई महीने अपने शरीर पर मेहनत कर अपने शरीर को काफी कसरती और सुंदर बनाया था। उसने अपने शरीर को इस तरह ढाल दिया था जिससे उसके मंगेतर को रत्ति भर भी शक ना होने पाये कि वो पिछले कई महीनों से किन हालातों से गुज़र रही है।
 
आखिर रसमों की घड़ी आ ही गयी थी। ज़ूबी अपना समय अपने रिश्तेदारों और परिवार वालों के साथ बिता रही थी और जान रही थी कि हर तैयारी पूरी तरह से हो गयी है कि नहीं। उसने अपने बालों को अच्छी तरह गुंथा हुआ था और वो अपने कमरे में अपनी अम्मी और दादी के साथ बैठी थी।
 
एक घंटा रह गया था निकाह की रसम के लिये। वो अपना शादी का जोड़ा पहनने की तैयारी करने लगी। गुलाबी रंग का जोड़ा, उसने खास तौर पर ऑर्डर देकर बनवाया था।
 
ज़ूबी अपने चेहरे का मेक-अप कर रही थी कि तभी उसके कमरे के दरवाजे पर दस्तक हुई। उसकी नौकरानी ने दरवाजा खोला। दरवाजे पर मिस्टर राज खड़े थे। ज़ूबी वैसे तो उन्हें शादी पर बुलाना नहीं चाहती थी, पर उसने सोचा कि शायद उसके शौहर से मिलने के बाद राज का व्यवहार उसके प्रति शायद बदल जाये, और उसे वो सब करने पर मजबूर ना करे जो वो नहीं करना चाहती है।
 
राज एक बहुत ही महंगा सूट पहने हुए था। उसके हाथ में एक पैक किया हुआ तोहफा था और उसके साथ ज़ूबी की उम्र की ही एक लड़की थी।
 
हाय, ज़ूबी,” राज ने कमरे में कदम रखते हुए कहा, शादी से पहले मैं तुमसे मिलकर तुम्हें मुबारकबाद देना चाहता था।
 
आइये, कैसे हैं आप?” ना चाहते हुए ज़ूबी ने मुस्कुराते हुए कहा।
 
राज ने कमरे में आकर सभी को अपना परिचय दिया और उन्हें बताया कि ज़ूबी ने किस तरह उसकी कंपनी की मदद की है। जब उसने कमरे में मौजूद सभी सदस्यों से ये कहा कि उसे ज़ूबी से कंपनी के बारे में कुछ खास बातें करनी हैं तो सभी चौंक पड़े।
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RE: हिंदी की कामुक कहानियों का संग्रह - by rohitkapoor - 17-05-2020, 08:50 PM



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