17-05-2020, 08:47 PM
उस लड़के ने उसे अपनी होटल यूनिफॉर्म का कोट पकड़ाया जो सिर्फ़ ज़ूबी के चूत्तड़ों तक ही आ सकता था। ज़ूबी जल्दी से बिस्तर से उठी और उसने वो कोट पहन लिया। ज़ूबी ने जैसे ही कोट पहना, उसे लगा उस लड़के का वीर्य उसकी चूत से उसकी टाँगों पर बह रहा है और ज़ूबी ने जल्दी से उसे अपने हाथों से पौंछ दिया।
“मेरी गाड़ी होटल के पार्किंग में खड़ी है। तुम पीछे वाली लिफ्ट से नीचे आ जाओ, वहाँ तुम्हें कोई नहीं देख सकेगा” उसने कहा।
ज़ूबी इतनी ऊँची हील के सैंडल पहने होने के बावजूद हॉलवे में दौड़ती हुई पीछे की लिफ्ट की ओर लपकी। लड़का भी उसके पीछे-पीछे आ गया। दोनों जल्दी से नीचे पार्किंग में पहुँचे और उस लड़के की पुरानी सी गाड़ी में बैठ गये। जब उनकी गाड़ी होटल से काफी दूर आ गयी तो उस लड़के के हाथ ज़ूबी के पहने हुए कोट के बटन को ढूंढने लगे।
थोड़ी ही देर में उस लड़के ने कोट के बटन खोल दिये और उसकी चूचियों को मसलना शुरू कर दिया। ज़ूबी के निप्पल एक बार फिर तन गये।
गाड़ी चलती रही और थोड़ी देर बाद किसी गली में जाकर रुक गयी। ज़ूबी ने खिड़की के बाहर देखा तो गाड़ी किसी अंजान जगह पर खड़ी थी।
“ये कहाँ आ गये हम, ये मेरा घर तो नहीं?” ज़ूबी ने पूछा।
“सिर्फ़ दो मिनट रुको...” उस नौजवान ने जवाब दिया। वो अपना मोबाइल फोन निकाल कर कोई नंबर मिलाने लगा।
“हाँ नीचे आ जाओ... यार मैं सच कह रहा हूँ... जल्दी से नीचे आओ।”
ज़ूबी ने उस लड़के को देखा और उसकी आँखें फिर नम हो गयी। फिर एक बार वो समझ गयी कि उसे धोका दिया जा रहा है। “प्लीज़” उसने गिड़गिड़ाते हुए कहा, “तुमने जो भी कहा मैंने किया, प्लीज़ मुझे मेरे घर पर छोड़ दो।”
उस लड़के ने उसकी ओर देखा, “हाँ मैं जानता हूँ पर जैसे तुम्हारी और मेरी बात हुई थी, बस थोड़ा समय लगेगा।”
उसी समय गाड़ी के आगे का दरवाज़ा खुला और कोई अंदर आ गया। ज़ूबी थोड़ी देर तक तो उसे घूरती रही फिर अपनी सीट पर खिसक कर उसके लिये जगह बनाने लगी। कोट के अंदर नंगी होने की वजह से उसकी नंगी जाँघें और कुल्हे आने वाले मर्द को साफ़ दिखायी दे रहे थे।
जब उस मर्द ने ज़ूबी को इस हालत में देखा तो वो खुशी से उछल पड़ा, “यार तुम झूठ नहीं कह रहे थे।”
“देखा मैंने सही कहा था ना तुमसे?” उस नौजवान ने आने वाले लड़के से कहा। उस नौजवान ने ज़ूबी के कोट के बटन खोल दिये जिससे उसकी भरी और तनी हुई चूचियाँ नज़र आने लगी। आने वाले नौजवान की नज़र जैसे ही ज़ूबी की नंगी चूचियों पर पड़ी, उसका लंड तन कर खड़ा हो गया।
“मेरी गाड़ी होटल के पार्किंग में खड़ी है। तुम पीछे वाली लिफ्ट से नीचे आ जाओ, वहाँ तुम्हें कोई नहीं देख सकेगा” उसने कहा।
ज़ूबी इतनी ऊँची हील के सैंडल पहने होने के बावजूद हॉलवे में दौड़ती हुई पीछे की लिफ्ट की ओर लपकी। लड़का भी उसके पीछे-पीछे आ गया। दोनों जल्दी से नीचे पार्किंग में पहुँचे और उस लड़के की पुरानी सी गाड़ी में बैठ गये। जब उनकी गाड़ी होटल से काफी दूर आ गयी तो उस लड़के के हाथ ज़ूबी के पहने हुए कोट के बटन को ढूंढने लगे।
थोड़ी ही देर में उस लड़के ने कोट के बटन खोल दिये और उसकी चूचियों को मसलना शुरू कर दिया। ज़ूबी के निप्पल एक बार फिर तन गये।
गाड़ी चलती रही और थोड़ी देर बाद किसी गली में जाकर रुक गयी। ज़ूबी ने खिड़की के बाहर देखा तो गाड़ी किसी अंजान जगह पर खड़ी थी।
“ये कहाँ आ गये हम, ये मेरा घर तो नहीं?” ज़ूबी ने पूछा।
“सिर्फ़ दो मिनट रुको...” उस नौजवान ने जवाब दिया। वो अपना मोबाइल फोन निकाल कर कोई नंबर मिलाने लगा।
“हाँ नीचे आ जाओ... यार मैं सच कह रहा हूँ... जल्दी से नीचे आओ।”
ज़ूबी ने उस लड़के को देखा और उसकी आँखें फिर नम हो गयी। फिर एक बार वो समझ गयी कि उसे धोका दिया जा रहा है। “प्लीज़” उसने गिड़गिड़ाते हुए कहा, “तुमने जो भी कहा मैंने किया, प्लीज़ मुझे मेरे घर पर छोड़ दो।”
उस लड़के ने उसकी ओर देखा, “हाँ मैं जानता हूँ पर जैसे तुम्हारी और मेरी बात हुई थी, बस थोड़ा समय लगेगा।”
उसी समय गाड़ी के आगे का दरवाज़ा खुला और कोई अंदर आ गया। ज़ूबी थोड़ी देर तक तो उसे घूरती रही फिर अपनी सीट पर खिसक कर उसके लिये जगह बनाने लगी। कोट के अंदर नंगी होने की वजह से उसकी नंगी जाँघें और कुल्हे आने वाले मर्द को साफ़ दिखायी दे रहे थे।
जब उस मर्द ने ज़ूबी को इस हालत में देखा तो वो खुशी से उछल पड़ा, “यार तुम झूठ नहीं कह रहे थे।”
“देखा मैंने सही कहा था ना तुमसे?” उस नौजवान ने आने वाले लड़के से कहा। उस नौजवान ने ज़ूबी के कोट के बटन खोल दिये जिससे उसकी भरी और तनी हुई चूचियाँ नज़र आने लगी। आने वाले नौजवान की नज़र जैसे ही ज़ूबी की नंगी चूचियों पर पड़ी, उसका लंड तन कर खड़ा हो गया।