17-05-2020, 08:27 PM
अब वो पीछे से धक्के मार रहे थे। उनके हाथ सामने आकर मेरे दोनों मम्मों को आटे की तरह मथ रहे थे। मैं उनके चोदने के तरीकों पर मार मिटी। उनसे चुदाई करते समय मुझे इतना मज़ा मिल रहा था जितना मुझे आज तक नहीं मिला था। वो पीछे से जोर-जोर से धक्के मार रहे थे। पैन में दूध उबल कर उफ़नने लगा। लेकिन हम दोनों को कहाँ फ़ुर्सत थी। मैंने देखा कि दूध उफ़न कर नीचे गिर रहा है। मैंने ये देख कर गैस ऑफ कर दी। क्योंकि इस हालत में कॉफी बनाना कम से कम मेरे बस का तो नहीं था। मेरा आधा जिस्म किचन स्लैब के ऊपर लगभग लेट सा गया। मेरे खुले बाल चेहरे के चारों ओर फ़ैले हुए थे, इसलिये कुछ भी दिखायी नहीं दे रहा था। मैं अपने आप को संभालने के लिये अपना हाथ स्लैब से हटाती तो उनके जोरदार धक्कों से स्लैब के ऊपर गिरने को होती इसलिये मैंने कुछ भी ना करके सिर्फ इंजॉय करना शुरू किया। कुछ ही देर में मेरी चूत से रस की धार बह निकली। एक के बाद एक, दो बार झड़ने से मेरा रस जाँघों से बहता हुआ घुटनों तक पहुँच रहा था। वो मुझे जोर-जोर से ठोक रहे थे और मैं उनके हर धक्के पर सामने की ओर झुक रही थी। काफी देर तक इस तरह मुझे ठोकने के बाद हम अलग हुए तो उन्होंने मुझे उठा कर किचन स्लैब के ऊपर बिठा दिया और मेरी टाँगें अपने कंधों पर रख कर मेरी चूत में वापस लंड डाल कर ठोकना शुरू किया। कभी तो मैं सहारे के लिये अपने हाथों को स्लैब पर रखती तो कभी उनके गले के इर्दगिर्द डाल देती और कभी अपना ग्लास लेकर एक-दो घूँट ड्रिंक पीने लगती। मेरा सिर पीछे कि ओर झुक गया था। मैंने उनके होंठों को अपने होंठों में दबा कर काटना शुरू किया। वो कुछ देर तक इसी तरह चोदने के बाद मुझे उसी हालत में लेकर ड्राइंग रूम में आ गये। मैंने उनके गले में अपनी बाँहों का घेरा डाल रखा था और अपना आधा भरा हुआ व्हिस्की का ग्लास भी एक हाथ में पकड़ा हुआ था। उन्होंने मुझे किसी फूल की तरह अपनी गोद में उठा रखा था।
ड्राइंग रूम में सोफ़े के ऊपर मुझे पटक कर अब वो वापस जोर-जोर से ठोकने लगे। समझ में नहीं आ रहा था कि दो बार अपना रस निकालने के बाद भी उनमें कैसे इतना दमखम बचा हुआ है। सोफ़े पर मुझे कुछ देर तक चोदने के बाद वापस मेरी चूत को अपने रस से लबालब भर दिया। उनके लंड से इस बार इतना रस निकला कि चूत के बाहर बहता हुआ सोफ़े के कपड़े को गीला कर दिया था। मैं भी उनके ही साथ वापस खल्लास हो गयी थी। कुछ देर तक वहीं पड़े हुए अपना पैग खत्म करने के बाद मैं वापस उठ कर किचन में गयी। अब मुझ पर व्हिस्की की मदहोशी छाने लगी थी और ऊँची हील के सैंडल में मुझे अपने कदम बहकते हुए से महसूस हो रहे थे। इस बार फिरोज़ भाई जान वहीं सोफ़े पर ही पसरे रह गये थे। रात के दो बज रहे थे लेकिन हमारे आँखों में नींद का कोई नामो निशान नहीं था।
मैं उनके लिये कॉफी बना कर ले आयी। मैंने देखा कि वो मेरे खाली ग्लास में फिर से व्हिस्की भर रहे थे। जब उन्होंने वो ग्लास अपने होंठों से लगाया तो मैंने उनसे वो ग्लास अपने हाथ में ले लिया। “आप कॉफी पीजिये... अभी तो आपको बहुत मेहनत करनी है.... ड्रिंक पियेंगे तो मेरा साथ नहीं दे पायेंगे।” फिर वहीं उसी हालत में सोफ़े पर मैं उनकी गोद में बैठ कर व्हिस्की पीने लगी और वो कप से कॉफी पीने लगे।
ड्राइंग रूम में सोफ़े के ऊपर मुझे पटक कर अब वो वापस जोर-जोर से ठोकने लगे। समझ में नहीं आ रहा था कि दो बार अपना रस निकालने के बाद भी उनमें कैसे इतना दमखम बचा हुआ है। सोफ़े पर मुझे कुछ देर तक चोदने के बाद वापस मेरी चूत को अपने रस से लबालब भर दिया। उनके लंड से इस बार इतना रस निकला कि चूत के बाहर बहता हुआ सोफ़े के कपड़े को गीला कर दिया था। मैं भी उनके ही साथ वापस खल्लास हो गयी थी। कुछ देर तक वहीं पड़े हुए अपना पैग खत्म करने के बाद मैं वापस उठ कर किचन में गयी। अब मुझ पर व्हिस्की की मदहोशी छाने लगी थी और ऊँची हील के सैंडल में मुझे अपने कदम बहकते हुए से महसूस हो रहे थे। इस बार फिरोज़ भाई जान वहीं सोफ़े पर ही पसरे रह गये थे। रात के दो बज रहे थे लेकिन हमारे आँखों में नींद का कोई नामो निशान नहीं था।
मैं उनके लिये कॉफी बना कर ले आयी। मैंने देखा कि वो मेरे खाली ग्लास में फिर से व्हिस्की भर रहे थे। जब उन्होंने वो ग्लास अपने होंठों से लगाया तो मैंने उनसे वो ग्लास अपने हाथ में ले लिया। “आप कॉफी पीजिये... अभी तो आपको बहुत मेहनत करनी है.... ड्रिंक पियेंगे तो मेरा साथ नहीं दे पायेंगे।” फिर वहीं उसी हालत में सोफ़े पर मैं उनकी गोद में बैठ कर व्हिस्की पीने लगी और वो कप से कॉफी पीने लगे।