17-05-2020, 08:24 PM
“इतने उतावले भी नहीं बनो। अभी तो पूरी रात पड़ी है। अभी आपको तरो ताज़ा बनाती हूँ एक कड़क कॉफी पिला कर”, कहते हुए मैं वापस बिस्तर से उठी। मैंने नीचे उतर कर अपने कपड़े उठाने चाहे मगर उन्होंने झपट कर मेरे कपड़े अपने पास ले लिये और मुझे उसी तरह नंगी ही जाने को कहा। मैं शरम से दोहरी हुई जा रही थी। उन्होंने मेरे कपड़े बिस्तर पर दूसरी ओर फ़ेंक दिये और उन्होंने भी बिस्तर से नंगी हालत में उतर कर मुझे अपनी बाँहों में ले लिया। मुझे उसी तरह बाँहों में समेटे हुए वो ड्रैसिंग टेबल के सामने ले कर आये। फिर मुझे अपने सामने खड़ी कर के मेरे हाथ उठा कर अपनी गर्दन के पीछे रख लिये। मेरे बालों की लटों को मेरे मम्मों पर से हटा कर मुझे आइने के सामने बिल्कुल नंगी हालत में खड़ा कर दिया। हम दोनों एक दूसरे को निहार रहे थे।
“कैसी लग रही है हम दोनों की जोड़ी?” उन्होंने पूछा। मैं कुछ नहीं बोली और हम बस एक दूसरे को देखते रहे। चार इंच ऊँची हील के सैंडल पहने होने के बावजूद मैं उनके कंधे तक ही आ रही थी। कुछ देर बाद जब उन्होंने मुझे छोड़ा तो मैं किचन की ओर चली गयी। पीछे-पीछे वो भी आ गये।
मैंने कॉफी के लिये दूध चढ़ा दिया था और गैस ओवन के पास नंगी हालत में खड़ी अपने पैग की चुसकियाँ लेने लगी। पता ही नहीं चला कि कब वो मेरे पीछे आ कर खड़े हो गये। अपनी गर्दन पर जब किसी की गरम साँसों का एहसास हुआ तो मैं एकदम से चौंक उठी।
“इसमें दूध मत डालना.... तुम्हारा यूज़ कर लेंगे!” उन्होंने कहते हुए मेरी बगलों के नीचे से अपने हाथ निकाल कर मेरे दोनों मम्मों को थाम लिया और अपने हाथों से हल्के-हल्के उन पर फिराने लगे। उनके इस तरह सहलाने से मेरे निप्पल फ़ोरन खड़े हो गये। मैंने अपने मम्मों को सहलाते उनके हाथों को देख कर कहा, “बुद्धू अभी तक इनमें दूध आया कहाँ है। अभी तो ये खाली हैं।”
“चिंता क्यों करती हो.... इसी तरह मिलती रही तो वो दिन दूर नहीं जब तेरे दोनों मम्मे और मम्मों के नीचे का हिस्सा, दोनों फूल उठेंगे।”
“तो मना कब किया है.... फुला दो ना। मैं उसी का तो इंतज़ार कर रही हूँ।” वो मेरे निप्पल से खेल रहे थे। “आपने मुझे बिकुल बेशरम बना दिया है। देखो हमारा रिश्ता पर्दे का है और हम दोनों किस तरह नंगे खड़े हैं। वो दोनों जाग गये तो क्या कहेंगे?” मैंने अपना पैग खत्म करते हुए कहा।
“कैसी लग रही है हम दोनों की जोड़ी?” उन्होंने पूछा। मैं कुछ नहीं बोली और हम बस एक दूसरे को देखते रहे। चार इंच ऊँची हील के सैंडल पहने होने के बावजूद मैं उनके कंधे तक ही आ रही थी। कुछ देर बाद जब उन्होंने मुझे छोड़ा तो मैं किचन की ओर चली गयी। पीछे-पीछे वो भी आ गये।
मैंने कॉफी के लिये दूध चढ़ा दिया था और गैस ओवन के पास नंगी हालत में खड़ी अपने पैग की चुसकियाँ लेने लगी। पता ही नहीं चला कि कब वो मेरे पीछे आ कर खड़े हो गये। अपनी गर्दन पर जब किसी की गरम साँसों का एहसास हुआ तो मैं एकदम से चौंक उठी।
“इसमें दूध मत डालना.... तुम्हारा यूज़ कर लेंगे!” उन्होंने कहते हुए मेरी बगलों के नीचे से अपने हाथ निकाल कर मेरे दोनों मम्मों को थाम लिया और अपने हाथों से हल्के-हल्के उन पर फिराने लगे। उनके इस तरह सहलाने से मेरे निप्पल फ़ोरन खड़े हो गये। मैंने अपने मम्मों को सहलाते उनके हाथों को देख कर कहा, “बुद्धू अभी तक इनमें दूध आया कहाँ है। अभी तो ये खाली हैं।”
“चिंता क्यों करती हो.... इसी तरह मिलती रही तो वो दिन दूर नहीं जब तेरे दोनों मम्मे और मम्मों के नीचे का हिस्सा, दोनों फूल उठेंगे।”
“तो मना कब किया है.... फुला दो ना। मैं उसी का तो इंतज़ार कर रही हूँ।” वो मेरे निप्पल से खेल रहे थे। “आपने मुझे बिकुल बेशरम बना दिया है। देखो हमारा रिश्ता पर्दे का है और हम दोनों किस तरह नंगे खड़े हैं। वो दोनों जाग गये तो क्या कहेंगे?” मैंने अपना पैग खत्म करते हुए कहा।