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Misc. Erotica मैं हसीना गज़ब की
#69
काफी देर तक इसी तरह चुदवाने के बाद जब मैंने महसूस किया कि फिरोज़ भाई जान के धक्कों में कुछ नरमी आ रही है तो कमान मैंने अपने हाथों में संभाल ली। हमने पोज़ बदल लिया। अब वो नीचे लेटे थे और मैं उनके ऊपर चढ़ कर अपनी चूत से उनको चूस रही थी। उन्होंने मेरे कूदते हुए दोनों मम्मों को अपने हाथों से सहलाना शुरू कर दिया। मैंने अपनी चूत का दबाव उनके लंड पर बनाया और अब मैं उनके रस को जल्दी निकाल देना चाहती थी क्योंकि मेरा कईं बार निकल चुका था और मैं थक गयी थी। लेकिन वो थे कि अपने लंड का फाऊँटेन चालू ही नहीं कर रहे थे। मुझे भी उनको ऊपर से करीब-करीब पंद्रह मिनट तक चोदना पड़ा तब जा कर मुझे महसूस हुआ कि अब उनके लंड से धार छूटने वाली है। इतना समझते ही मेरी चूत ने उनसे पहले ही अपना रस छोड़ दिया। वो भी मेरे साथ अपने रस का मेरी चूत में मिलाप करने लगे। 

जैसे ही उनका छूटने को हुआ, उन्होंने मेरे निप्पल को अपनी मुठ्ठी में भींच कर अपनी ओर खींचा। नतीजा यह हुआ कि मैं उनके सीने से लग गयी। उन्होंने मुझे अपनी बाँहों में सख्ती से जकड़ लिया और अपना रस छोड़ने करने लगे। उनकी बाजुओं में इतनी ताकत थी कि मुझे लगा मेरे सीने की दो चार हड्डियाँ टूट जायेंगी। काफी देर तक हम दोनों इसी तरह एक दूसरे की बाँहों में लेटे रहे। मैंने उनके सीने पर अपना सिर रख दिया और आँखें मूँद कर उनके निप्पल से खेलने लगी। 
 
काफी देर तक हम एक दूसरे के जिस्म को सहलाते हुए लेटे रहे। मोहब्बत करते हुए फिरोज़ भाई जान को झपकी आने लगी, लेकिन आज तो सरी रात का प्रोग्राम था, इतनी जल्दी मैं कैसे उनको छोड़ सकती थी।
 
“क्या नींद आ रही है?” मैंने उनसे पूछा। वो बिना कुछ कहे मुझसे और सख्ती से लिपट गये और अपना मुँह मेरे दोनों मम्मों के बीच में दबा कर अपनी जीभ उनके बीच फिराने लगे। एक तो उनकी जीभ और दूसरी उनकी गरम सांसें..... मुझे ऐसा लग रहा था जैसे सीधे मेरे दिल में ही उतरती जा रही हैं। मैंने उनको हटा कर उठाते हुए कहा, “मेरा तो सारा नशा उतर गया है.... आओ एक-दो पैग लगाते हैं.....”
 
“मुझे तो नींद सी आ रही है.... कॉफी पिलाओगी?” उहोंने कहा।
 
“अभी बना कर लाती हूँ.... तुम्हें आज पूरी रात जागना है मेरे लिये.... पर मैं तो व्हिस्की ही पीयूँगी..... तब जा कर मदहोशी में सारी रात मज़ा कर सकुँगी”, कह कर मैं बिस्तर से उठी। जैसे ही मैं अपने जिस्म को छुड़ा कर बिस्तर से नीचे उतरी तो उन्होंने मुझे हाथ पकड़ कर खींच कर वापस अपने ऊपर गिरा लिया और मेरे जिस्म को चूमने लगे।
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RE: मैं हसीना गज़ब की - by rohitkapoor - 17-05-2020, 08:23 PM



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