17-05-2020, 08:10 PM
एम-डी का पानी छूट चुका था पर वो अपना लंड प्रीती की चूत के अंदर बाहर करने की पूरी कोशिश कर रहा था।
“हाँ!! इसी तरह चोदते रहो, मेरा छूटने वाला है अगर रुके तो जान से मार दूँगी... दो तीन धक्कों की बात है... हाँ इसी तरह ऊऊऊऊऊहहहहह..... मेरा छूट गया”, अपना पानी छोड़ कर प्रीती बिस्तर पर निढाल पड़ गयी।
प्रीती एम-डी का चेहरा अपने हाथों में ले कर उसे किस करने लगी। जैसे ही एम-डी उस पर से उठा तो मैंने देखा कि मुट्ठी भर पानी प्रीती की चूत से निकल कर बिस्तर पर गिर पड़ा। प्रीती ने एम-डी को परे ढकेल दिया और अपनी उखड़ी साँसों पर काबू पाने लगी।
एम-डी ने भी अपनी साँसें संभालते हुए कहा, “महेश अब तुम इसे चोदो! सच कहता हूँ, आज तक इतनी मस्त चूत नहीं चोदी।”
“हाँ सर! चोदूँगा, पर मैं पहले इसकी गाँड मारना चाहता हूँ, इसकी गाँड ने मुझे पहले दिन से ही दीवाना बना कर रखा हुआ है”, जवाब देते हुए महेश ने पलट कर प्रीती से कहा, “रंडी पलट कर लेट!!! अब मैं अपना लंड तेरी गाँड में घुसाऊँगा।”
मुझे आश्चर्य हुआ जब प्रीती बिना किसी आनाकानी के घोड़ी बन गयी। महेश ने अपना लंड प्रीती की गाँड में घुसाना शुरू किया, “ओईईई माँआआआ!!!!, प्रीती जोर से दर्द के मारे चिल्लायी, हरामजादे!!!! क्या मुझे मार डालेगा???? पहले इस पर कुछ लगा तो ले।”
महेश ने उसकी गाँड पर थूक कर एक जोर का धक्का दिया और अपना पूरा लंड उसकी गाँड में समा दिया। “ओयीईईईईईईई माँआआआआआ बहुत दर्द हो रहा है”, प्रीती चिल्लायी, “साले हरामी!!!!”
महेश थोड़ी देर के लिये रुक गया, “सर! आप भी इसकी गाँड मार के देखिये, मैं सच कहता हूँ इसकी गाँड इसकी चूत से ज्यादा टाइट और मस्त है, लगता है राज इसकी गाँड इतनी नहीं मारता”, महेश ने एम-डी से कहा।
“चुप करो हरामजादों!!! तुम लोग कोई कंपनी की मीटिंग में नहीं हो, दर्द दिया है तो मज़ा भी देना सीखो”, इतना कहकर प्रीती पीछे की और धक्के लगाने लगी, “साले!!! अब मेरी गाँड को चोदना शुरू कर।”
प्रीती की बातें सुन महेश ने अपना लंड जोर से उसकी गाँड में घुसा दिया। “हरामजादी! मुझे हरामी कह रही थी, ले! कितना चुदवाना चाहती है”, महेश अब जोर-जोर से उसकी गाँड को रौंद रहा था, “साली!! आज तेरी गाँड का भुर्ता ना बना दिया तो मुझे कहना।”
करीब पाँच मिनट के बाद प्रीती चिल्लायी, “हाँ!!! ऐसे ही चोदते जाओ, मेरी चूत को रगड़ो.... चूत को रगड़ो।”
“हाँ!! इसी तरह चोदते रहो, मेरा छूटने वाला है अगर रुके तो जान से मार दूँगी... दो तीन धक्कों की बात है... हाँ इसी तरह ऊऊऊऊऊहहहहह..... मेरा छूट गया”, अपना पानी छोड़ कर प्रीती बिस्तर पर निढाल पड़ गयी।
प्रीती एम-डी का चेहरा अपने हाथों में ले कर उसे किस करने लगी। जैसे ही एम-डी उस पर से उठा तो मैंने देखा कि मुट्ठी भर पानी प्रीती की चूत से निकल कर बिस्तर पर गिर पड़ा। प्रीती ने एम-डी को परे ढकेल दिया और अपनी उखड़ी साँसों पर काबू पाने लगी।
एम-डी ने भी अपनी साँसें संभालते हुए कहा, “महेश अब तुम इसे चोदो! सच कहता हूँ, आज तक इतनी मस्त चूत नहीं चोदी।”
“हाँ सर! चोदूँगा, पर मैं पहले इसकी गाँड मारना चाहता हूँ, इसकी गाँड ने मुझे पहले दिन से ही दीवाना बना कर रखा हुआ है”, जवाब देते हुए महेश ने पलट कर प्रीती से कहा, “रंडी पलट कर लेट!!! अब मैं अपना लंड तेरी गाँड में घुसाऊँगा।”
मुझे आश्चर्य हुआ जब प्रीती बिना किसी आनाकानी के घोड़ी बन गयी। महेश ने अपना लंड प्रीती की गाँड में घुसाना शुरू किया, “ओईईई माँआआआ!!!!, प्रीती जोर से दर्द के मारे चिल्लायी, हरामजादे!!!! क्या मुझे मार डालेगा???? पहले इस पर कुछ लगा तो ले।”
महेश ने उसकी गाँड पर थूक कर एक जोर का धक्का दिया और अपना पूरा लंड उसकी गाँड में समा दिया। “ओयीईईईईईईई माँआआआआआ बहुत दर्द हो रहा है”, प्रीती चिल्लायी, “साले हरामी!!!!”
महेश थोड़ी देर के लिये रुक गया, “सर! आप भी इसकी गाँड मार के देखिये, मैं सच कहता हूँ इसकी गाँड इसकी चूत से ज्यादा टाइट और मस्त है, लगता है राज इसकी गाँड इतनी नहीं मारता”, महेश ने एम-डी से कहा।
“चुप करो हरामजादों!!! तुम लोग कोई कंपनी की मीटिंग में नहीं हो, दर्द दिया है तो मज़ा भी देना सीखो”, इतना कहकर प्रीती पीछे की और धक्के लगाने लगी, “साले!!! अब मेरी गाँड को चोदना शुरू कर।”
प्रीती की बातें सुन महेश ने अपना लंड जोर से उसकी गाँड में घुसा दिया। “हरामजादी! मुझे हरामी कह रही थी, ले! कितना चुदवाना चाहती है”, महेश अब जोर-जोर से उसकी गाँड को रौंद रहा था, “साली!! आज तेरी गाँड का भुर्ता ना बना दिया तो मुझे कहना।”
करीब पाँच मिनट के बाद प्रीती चिल्लायी, “हाँ!!! ऐसे ही चोदते जाओ, मेरी चूत को रगड़ो.... चूत को रगड़ो।”