17-05-2020, 08:07 PM
मेरे मन में जलन की भावना उठी, पर इस कुरबानी के बदले मुझे जो मिलने वाला था, ये सोच कर मैं खुश हो रहा था।
“अब मुझसे नहीं रहा जाता”, कहकर महेश प्रीती के दोनों मम्मे अपने हाथों में पकड़ कर भींचने लगा और अपना लंड प्रीती की गाँड पर रगड़ने लगा। महेश प्रीती की नंगी गर्दन और पीठ पर चुम्मे ले रहा था।
नाचते हुए जैसे ही वो मेरे पास से गुजरे, मैंने प्रीती के पेटीकोट के नाड़े को पकड़ा और उसका पेटीकोट खुल गया और उसके साथ ही उसकी साड़ी। उधर महेश ने उसके ब्लाऊज़ के बाकी के बटन खोल कर उसकी ब्रा भी उतार दी।
दोनों ही काफी उत्तेजित हो चुके थे। उन्होंने अपनी पैंटें उतार दी और अपने अंडरवीयर भी उतार दिये। एम-डी का लंड इतना मोटा और लंबा नहीं था पर महेश का लंड काफी लंबा और मोटा था पर मेरे लंड से ज्यादा नहीं। मैंने प्रीती की पैंटी में अपनी अँगुली फँसा कर उसकी पैंटी भी उतार दी। अब वो उन दोनों के बीच में सिर्फ अपने सफ़ेद रंग के हाई-हील सैंडल पहने बिल्कुल नंगी थी।
उसके मम्मे दबाते हुए महेश अपना लंड प्रीती की गाँड पर रगड़ रहा था और एम-डी अपना लंड उसकी चूत पर घिस रहा था।
“मममम... कितना अच्छा लग रहा है”, कहकर प्रीती ने अपने दोनों हाथों से दोनों लंड पकड़ लिये। अब वो उन्हें धीरे-धीरे हिला रही थी।
“महेश मुझसे अब रहा नहीं जाता, मैं अब इसे चोदना चाहता हूँ”, एम-डी ने सिसकरी भरते हुए कहा।
एम-डी ने प्रीती को गोद में उठाकर बिस्तर पे लिटा दिया। और खुद उस पर लेट कर पहले उसके मम्मे चूसने लगा और निप्पल पर अपने दाँत गड़ाने लगा। फिर नीचे की ओर खिसक कर उसकी चूत को चाटने लगा।
“ये आप क्या कर रहे हैं सर! मैंने आज तक किसी की चूत नहीं चाटी।” महेश ने आश्चर्य में कहा।
“तुम्हें नहीं पता तुम आज तक क्या मिस करते आये हो”, ये कहकर एम-डी जोर जोर से प्रीती की चूत चाटने लगा और फिर अपनी जीभ उसकी चूत में घुसा कर उसे चोदने लगा।
महेश ने प्रीती के मम्मे खाली देखे तो उन्हें पीने लगा और जोर से भींचने लगा। प्रीती ने दोनों के सिर पर दबाव बढ़ाते हुए कहा, “हाँ इसी तरह मेरी चूत चाटो, पियो मेरे मम्मों को..., भींच डालो मेरी चूचियों को।”
“ओहहहहहह कितना अच्छा लग रहा है हाँआँआँ इसी तरह चोदो... ओहहहहहह गॉड!!!! हाँआआआआआँ और अंदर तक अपनी जीभ डाल दो और जोर से चोदो.... ऊऊऊऊहहहहह मेरा छूटने वाला है.... हाँ और जोर से”, कहकर प्रीती की चूत ने अपना पानी एम-डी के मुँह पर छोड़ दिया।
“अब मुझसे नहीं रहा जाता”, कहकर महेश प्रीती के दोनों मम्मे अपने हाथों में पकड़ कर भींचने लगा और अपना लंड प्रीती की गाँड पर रगड़ने लगा। महेश प्रीती की नंगी गर्दन और पीठ पर चुम्मे ले रहा था।
नाचते हुए जैसे ही वो मेरे पास से गुजरे, मैंने प्रीती के पेटीकोट के नाड़े को पकड़ा और उसका पेटीकोट खुल गया और उसके साथ ही उसकी साड़ी। उधर महेश ने उसके ब्लाऊज़ के बाकी के बटन खोल कर उसकी ब्रा भी उतार दी।
दोनों ही काफी उत्तेजित हो चुके थे। उन्होंने अपनी पैंटें उतार दी और अपने अंडरवीयर भी उतार दिये। एम-डी का लंड इतना मोटा और लंबा नहीं था पर महेश का लंड काफी लंबा और मोटा था पर मेरे लंड से ज्यादा नहीं। मैंने प्रीती की पैंटी में अपनी अँगुली फँसा कर उसकी पैंटी भी उतार दी। अब वो उन दोनों के बीच में सिर्फ अपने सफ़ेद रंग के हाई-हील सैंडल पहने बिल्कुल नंगी थी।
उसके मम्मे दबाते हुए महेश अपना लंड प्रीती की गाँड पर रगड़ रहा था और एम-डी अपना लंड उसकी चूत पर घिस रहा था।
“मममम... कितना अच्छा लग रहा है”, कहकर प्रीती ने अपने दोनों हाथों से दोनों लंड पकड़ लिये। अब वो उन्हें धीरे-धीरे हिला रही थी।
“महेश मुझसे अब रहा नहीं जाता, मैं अब इसे चोदना चाहता हूँ”, एम-डी ने सिसकरी भरते हुए कहा।
एम-डी ने प्रीती को गोद में उठाकर बिस्तर पे लिटा दिया। और खुद उस पर लेट कर पहले उसके मम्मे चूसने लगा और निप्पल पर अपने दाँत गड़ाने लगा। फिर नीचे की ओर खिसक कर उसकी चूत को चाटने लगा।
“ये आप क्या कर रहे हैं सर! मैंने आज तक किसी की चूत नहीं चाटी।” महेश ने आश्चर्य में कहा।
“तुम्हें नहीं पता तुम आज तक क्या मिस करते आये हो”, ये कहकर एम-डी जोर जोर से प्रीती की चूत चाटने लगा और फिर अपनी जीभ उसकी चूत में घुसा कर उसे चोदने लगा।
महेश ने प्रीती के मम्मे खाली देखे तो उन्हें पीने लगा और जोर से भींचने लगा। प्रीती ने दोनों के सिर पर दबाव बढ़ाते हुए कहा, “हाँ इसी तरह मेरी चूत चाटो, पियो मेरे मम्मों को..., भींच डालो मेरी चूचियों को।”
“ओहहहहहह कितना अच्छा लग रहा है हाँआँआँ इसी तरह चोदो... ओहहहहहह गॉड!!!! हाँआआआआआँ और अंदर तक अपनी जीभ डाल दो और जोर से चोदो.... ऊऊऊऊहहहहह मेरा छूटने वाला है.... हाँ और जोर से”, कहकर प्रीती की चूत ने अपना पानी एम-डी के मुँह पर छोड़ दिया।