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Misc. Erotica हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह
#43
जब उसका लंड पूरा अंदर घुस गया तो वो एक कुशल घुड़सवार की तरह उसकी चूत की सवारी करने लगा। ज़ूबी भी उसके धक्कों का साथ अपने कुल्हे आगे पीछे कर के दे रही थी। 

उस लड़के ने ज़ूबी के चेहरे पर आये उसके बलों को हटाते हुए कहा कि वो उसका चेहरा आइने में देखना चाहता है। ज़ूबी भी उसे देख रही थी कि किस तरह वो अपने लंड को उसकी चूत के अंदर बाहर कर रहा था। सबसे बड़ी बात कि बाथरूम के खुले दरवाजे से रूम में बैठे तीनों मर्द उसे चुदवाते देख रहे थे। 
 
वो जवान लड़का उसके कुल्हों को पकड़ कर इतने करारे धक्के मार रहा था कि ज़ूबी की चूत ने थोड़ी देर में ही पानी छोड़ दिया। वो लड़का भी और दो धक्के मार कर उसकी चूत में झड़ गया।
 
ज़ूबी इस कदर थक गयी थी कि वो अपनी कमजोर टाँगों से खड़ी नहीं हो पायी और बाथरूम की ज़मीन पर लुढ़क गयी। उसकी हालत बेहोशी जैसी थी। तभी उसे राज की आवाज़ सुनायी दी,ज़ूबी एक अच्छे मेहमान नवाज़ की तरह इसके लौड़े को चाट कर साफ़ करो।
 
बिना कुछ कहे ज़ूबी ने अपना मुँह खोला और उस लड़के का लंड अपने मुँह में ले कर चूसने लगी। जब उस लड़के का लंड एक दम साफ़ हो गया तो उसने महसूस किया कि किसी के हाथों ने उसे उठाया और बिस्तर पर लिटा दिया है। उस रात कितनी बार किसने उसे चोदा उसे याद नहीं था और वो एक गहरी नींद में सो गयी।
 
कईं घंटे तक ज़ूबी सोती रही। पूरी रात मर्दों ने उसे रगड़ा और मसला था। पूरा शरीर दर्द के मारे कराह रहा था। वो उठी और नहाने के लिये बाथरूम में घुस गयी। वो अपने शरीर से गुनाहों के उन निशानों को मिटाने की कोशिश करने लगी जो उससे जबरदस्ती करवाये गये थे।
 
ज़ूबी का पूरा शरीर दर्द के मारे कराह रहा था। उसकी चूत सूज कर फूल गयी थी। लंड चूस-चूस के उसके मुँह में और जबड़ों में भी दर्द हो रहा था। उसने गरम पानी से स्नान किया जिससे उसके बदन को राहत मिल सके। अपने बदन को अच्छी तरह टॉवल से पोंछने के बाद वो बेडरूम में आ गयी।
 
बेडरूम में आते ही उसके दिल की धड़कनें तेज हो गयी। उसके कपड़े कहीं दिखायी नहीं दे रहे थे। शायद दूसरे मर्द उसकी चुदाई कर रहे थे तब राज उसके कपड़ों को अपने साथ ले गया था। राज के द्वारा लाये हुए सफ़ेद हाई हील के सैंडल जरूर वहाँ मौजूद थे क्योंकि पुरी रात चुदते समय वो उन्हें पहने हुए थी और अभी नहाने के पहले ही उसने वो उतारे थे।
 
ज़ूबी के माथे पर पसीना आ गया। अपने आपको बेइज्जती से बचाने के लिये उसे कुछ सोचना होगा। ज़ूबी ने घड़ी की तरफ़ देखा। सुबह के साड़े सात बज चुके थे। ज़ूबी जानती थी कि वो किसी को अपनी मदद के लिये नहीं बुला सकती थी, वरना उसे कईं सवालों के जवाब देने पड़ सकते थे।
 
अपने किसी परिचित को बुलाने के बजाय उसने उस नौजवान लड़के को बुलाना उचित समझा जो रात को उसे चोद चुका था। ज़ूबी ने फोन उठाया और रूम सर्विस का नंबर मिलाया। वो अल्लाह से दुआ करने लगी कि वही लड़का फोन उठाये। उसकी किस्मत ने साथ दिया और उसी लड़के ने फोन उठाया। ज़ूबी ने उसे अपने कमरे में आने के लिये कहा।
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RE: हिंदी की कामुक कहानियों का संग्रह - by rohitkapoor - 10-05-2020, 04:07 AM



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