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Adultery तरक्की का सफ़र
#49
सर! मैं शराब नहीं पीती, हाँ! मैं एक कोक ले लूँगी। मैंने प्रीती को वो स्पेशल कोक पकड़ा दिया। 

प्रीती ने चीयर्स कहकर उस कोक में से एक घूँट भरा। मैं कुछ नाश्ता ले कर आती हूँ, कहकर किचन की ओर चली गयी। 
 
राज तुमने उसे सब बता दिया?” एम-डी ने पूछा।
 
नहीं सर! अभी तक नहीं, पर आप चिंता ना करें मैं उसे तैयार कर लूँगा, मैंने समझाया।
 
थोड़ी देर में वो नाश्ते की प्लेट टेबल पर सजाने लगी। नीचे झुकते वक्त उसकी साड़ी का पल्लू गिर गया और उसकी छाती की गहरायी दिखने लगी। एम-डी और महेश उसके भरे भरे मम्मों को घुरे जा रहे थे। प्रीती को जब एहसास हुआ तो उसने खड़ी हो कर अपनी साड़ी ठीक कर ली।
 
ओह आज कितनी गर्मी है, कहकर उसने अपना कोक एक ही साँस में खाली कर दिया।
 
हम तीनों उस पर कोक का असर होते देख रहे थे। उसकी हालत खराब हो रही थी, एक्सक्यूज़ में, मैं अभी आयी”, कहकर वो किचन की और बढ़ गयी।
 
थोड़ी देर बाद उसकी आवाज़ आयी, राज! जरा यहाँ आना।
 
राज! तुमने मेरे कोक में क्या मिलाया?” उसने अपनी हालत को संभालते हुए पूछा।
 
मैंने कहाँ कुछ मिलाया है?” मैंने अंजान बनते हुए कहा।
 
मेरे सिर पर कसम खाकर कहो तुमने कुछ नहीं मिलाया, और सच-सच बताओ क्या बात है, तुम मुझसे कुछ छुपा रहे हो, उसने अपनी चूत को साड़ी के ऊपर से ही सहलाते हुए कहा।
 
अब समय आ गया था कि मैं प्रीती को सब कुछ सच सच बता दूँ। ठीक है सुनो! मैं तुम्हें बताता हूँ। तुम्हें याद है लास्ट संडे जब मैं कंपनी की मीटिंग में गया था। ये कहकर मैंने उसे शुरू से आखिर तक सब बता दिया सिवाय उन तसवीरों के।
 
और तुम मान गये, अपनी बीवी को उनसे चुदवाने के लिये?” उसने नाराज़ होते हुए कहा।
 
क्या करता मेरे पास कोई चारा नहीं था, इन्होंने मुझे गबन के इल्ज़ाम में जेल जाने की धमकी दे दी थी। तुम ही बताओ मैं क्या करता?”
 
मैं जेल नहीं जाना चाहता प्रीती! प्लीज़ मान जाओ और साथ दो, मैंने गिड़गिड़ाते हुए कहा।
 
नहीं मैं नहीं मानुँगी! क्या तुमने मुझे रंडी समझ रखा है?” कहकर वो अपनी चूत जोरों से खुजलाने लगी।
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RE: तरक्की का सफ़र - by rohitkapoor - 10-05-2020, 03:25 AM



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