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Adultery तरक्की का सफ़र
#44
(भाग-४)

मैं शाम को ठीक आठ बजे होटल शेराटन में एम-डी के सूईट में पहुँचा, तो वहाँ सिर्फ़ एम-डी और महेश ही थे और कोई नहीं। 

और सब लोग कहाँ हैं?” मैंने महेश से पूछा। 
 

इस मीटिंग में और कोई नहीं है, महेश ने हँसते हुए कहा, एम-डी और मुझे तुमसे कुछ अकेले में बात करनी है, तुम बैठो।

 

मुझे कुछ अजीब लग रहा था। मैं महेश की बतायी सीट पर बैठ गया।

 

राज को कुछ पीने को दो महेश, एम-डी ने कहा।

 

क्या लोगे राज?” महेश ने बार की तरफ बढ़ते हुए पूछा।

 

स्कॉच विद सोडा, मैंने जवाब दिया।

 

महेश ने ग्लास पकड़ाया और मैंने उसमें से सिप लिया, चीयर्स! काफी अच्छी है, मैंने कहा।

 

हाँ! बीस साल पुरानी स्कॉच है और इससे अच्छी स्कॉच मॉर्केट में नहीं मिलेगी, महेश ने कहा।

 

हाँ लगता तो ऐसा ही है..., पर मैं इसे अफोर्ड नहीं कर सकता, बहुत महंगी है, मैंने जवाब दिया।

 

क्या पता, आज के बाद तुम यही स्कॉच रोज़ पियो, महेश ने हँसते हुए कहा।

 

ये सोच कर कि शायद मुझे मेरी तरक्की के लिये बुलाया है, मैंने एक जोर का घूँट लिया।

 

महेश बता रहा था कि तुम बहुत अच्छा काम कर रहे हो ऑफिस में, और स्टाफ भी बहुत खुश है तुम्हारे कम से, एम-डी ने कहा।

 

सर! ये बहुत ही होशियार और मेहनती लड़का है, महेश ने कहा ।

 

थैंक यू सर।

 

राज तुम्हारी वाइफ प्रीती बहुत ही सुंदर है, उसका शरीर तो गज़ब का ही है, एम-डी ने कहा।

 
सर! उसके मम्मे मत भूलिये, और उसकी गाँड..., जब हाई-हील के सैंडलों में चलती है तो, दिल ठहर जाता है! महेश ने कहा।
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RE: तरक्की का सफ़र - by rohitkapoor - 10-05-2020, 03:12 AM



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