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Misc. Erotica मैं हसीना गज़ब की
#62
अब हम परफेक्ट 69 के पोज़ में थे। मैं उनके लंड को चाट और चूस रही थी और वो मेरी चूत पर अपनी जीभ फ़िरा रहे थे। जावेद और नसरीन भाभी एक दूसरे के नंगे जिस्म से खेलते हुए हमें देखते-देखते नींद की आगोश में चले गये थे। दोनों नंगे ही एक दूसरे की बाँहों में सो गये थे। लेकिन हम दोनों कि आँखों से नींद कोसों दूर थी। आज तो पूरी रात थकना और फिरोज़ भाई जान को थकाना था। 

फिरोज़ भाई जान मेरे चूत की फाँकों को अपने दोनों हाथों की अँगुलियों से फैला कर अपनी जीभ मेरी क्लिट से लेकर अंदर तक फिराने लगे। मैंने भी उनके उस मोटे लंड को अपने हाथों से पकड़ कर अपने मुँह में लिया। बीच-बीच में अपनी जीभ निकाल कर उनके लंड पर ऊपर से नीचे तक फिराने लगती। मैं उनके लंड के नीचे लटकते हुए टट्टों को अपने मुँह में भर कर चूसने लगी। मैंने उन्हें सताने के लिये उनके लंड के टोपे पर हल्के से अपने दाँत गड़ा दिये। वो “आआआह” कर उठे और मुझसे बदला लेने के लिये मेरी क्लिटोरिस को अपने दाँतों के बीच दबा दिया। मैं उत्तेजना से छटपटा उठी। वो काफी गरम हो चुके थे उनको शायद इस पोज़िशन में मज़ा नहीं आ रहा था क्योंकि उनकी जबरदस्तियों को मैं ऊपर होने की वजह से नाकाम कर रही थी। उन्होंने मुझे करवट बदल कर नीचे पटका और खुद ऊपर सवार हो गये। अब मैं नीचे थी और वो मेरे ऊपर। मैंने अपनी टाँगों को मोड़ कर अपनी चूत को उनकी तरफ़ आगे किया और उनके सिर को अपनी दोनों जाँघों के बीच दबा दिया। मैंने दोनों जाँघों से उनके सिर को भींच रखा था जिससे उनको भागने का कोई रास्ता नहीं मिले। लेकिन दूसरी ओर मेरी हालत उन्होंने खराब कर रखी थी। उनका लंड मेरे गले में ठोकर मार रहा था। मैंने जितना हो सकता था अपने मुँह को फाड़ रखा था लेकिन उनके लंड का साइज़ कुछ ज्यादा ही था। मेरा मुँह दुखने लगा था और जीभ दर्द करने लगी थी। उन्होंने अपनी कमर को मेरे मुँह पर दबा रखा था। मैंने उनके लंड की जड़ को अपनी मुठ्ठी में पकड़ कर उनके लंड को पूरा अंदर घुसने से रोका लेकिन उन्होंने अपने हाथों से जबरदस्ती मेरे हाथ को अपने लंड पर से हटा दिया और एक धक्का मारा। मेरी साँस रुकने लगी क्योंकि उनका लंड गले में घुस गया था। मैं छटपटाने लगी तो उन्होंने अपने लंड को कुछ बाहर खींच कर पल भर के लिये मुझे कुछ राहत दी लेकिन फिर पूरे जोर से वापस अपने लंड को गले के अंदर डाल दिया। अब मैंने अपनी साँसें उनके धक्कों के साथ ट्यून कर लीं जिससे दोनों को ही कोई दिक्कत नहीं हो। हर धक्के के साथ उनके टट्टे मेरी नाक को भी बंद कर देते थे। उनके घुंघराले बाल मेरे नथुनों में घुस कर गुदगुदी करने लगते। वो तेजी से अपनी कमर को आगे पीछे कर रहे थे और ऐसा लग रहा था मानो उन्होंने मेरे मुँह को मेरी चूत समझ रखा हो। मैंने भी अपनी टाँगों से उनके सिर को कैंची की तरह अपनी चूत में दाब रखा था। उनका लंड मेरे थूक से गीला हो कर चमक रहा था। कुछ देर तक इसी तरह मुझे रगड़ने के बाद जब उनके लंड में झटके आने लगे तो उन्होंने मुझे एकदम से छोड़ दिया नहीं तो मेरे मुँह में ही धार छोड़ देते। मेरा तो कब का छूट चुका था। जब वो मुझ पर से उतरे तो मैंने देखा कि मेरे रस से उनके होंठ लिसड़े हुए हैं। वो अपनी जीभ निकाल कर अपने गीले होंठों पर फ़ेर रहे थे।
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RE: मैं हसीना गज़ब की - by rohitkapoor - 10-05-2020, 02:57 AM



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