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Misc. Erotica मैं हसीना गज़ब की
#59
भाग ५

ये देख कर मैं ने अपना हाथ वहाँ से हटा लिया। अचानक मुझे अपने पीछे कुछ आवाज आयी। मैंने अपने होंथों को जावेद की पकड़ से छुड़ाया और पीछे घूम कर देखा कि पीछे बिस्तर के पास फिरोज़ खड़े हम तीनों को देख रहे थे। कमरे में अंधेरा था। नाईट लैंप और टीवी की हल्की रोशनी में उनका भोला सा चेहरा बहुत मासूम लग रहा था। शायद उन्हें भी अपने छोटे भाई की किसमत पर जलन हो रही थी। इसलिये चुपचाप खड़े हमारी हरकतों को निहार रहे थे। उन्हें इस तरह खड़े देख कर मुझे उनपर मोहब्बत उमड़ आयी। मैंने अपने आप को जावेद के बंधन से अलग किया और अपने हाथ उनकी ओर उठा कर अपने आगोश में बुला लिया, “आओ ना कब से तुम्हारा इंतज़ार कर रही हूँ।” 

वो मेरे इस तरह उन्हें बुलाने से बहुत खुश हुए और मेरी बगल में लेट गये। हम दोनों की ओर देख कर जावेद दूसरी तरफ़ सरक गया और हमें जगह दे दी। अब मेरा मजनू मेरी बाँहों में था इसलिये मुझे कहीं और देखने की जरूरत नहीं थी। मैं उनके जिस्म से चिपकते ही सारी दुनिया से बेखबर हो गयी। मुझे अब किसी बात की या किसी भी आदमी की चिंता नहीं थी। बस चिंता थी तो सिर्फ इतनी कि ये मेरा जेठ जो मुझे बेहद चाहता है, उसे मैं दुनिया भर की खुशी दे दूँ।

फिरोज़ मेरे नंगे जिस्म से बुरी तरह लिपट गये। मैं भी उनसे किसी बेल की तरह लिपट गयी। हम दोनों को देख कर ऐसा लग रहा था मानो जन्मों के भूखे हों और पहली बार सामने स्वादिष्ट भोजन मिला हो। उनके होंठ मेरे होंठों को रगड़ रहे थे। मैं भी उनके निचले होंठ को कभी काट रही थी तो कभी उनके मुँह के अंदर अपनी जीभ घुमाने लगती और वो अपनी जीभ से मेरी जीभ को सहलाने लगते।

“बहुत प्यासे हो?” मैंने उनके कानों में फुसफुसा कर कहा जिसे हम दोनों के अलावा किसी ने नहीं सुना।

“हम्म्म्म,” उन्होंने सिर्फ इतना कहा और मेरे जिस्म को चूमना जारी रखा।

“आज की सारी रात तुम्हारी है। आज जितना जी चाहे मुझे अपने रस से भिगो लो फिर पता नहीं कब मिलना हो। ना तो आज की रात मैं सोऊँगी ना एक पल को तुम्हें सोने दूँगी।” मैंने अपने दाँतों से उनके कान के नीचे की लो को काटते हुए कहा, “आज रात भर हम दोनों एक दूसरे की प्यास बुझायेंगे।”

उन्होंने मेरे मम्मों को अपने हाथों में थाम लिया और उसे चूमने लगे। मेरी नज़र अचानक पास में दूसरे जोड़े पर गयी। उनकी चुदाई शुरू हो चुकी थी। जावेद नसरीन भाभी जान को पीछे से ठोकते हुए हम दोनों को देख रहा था। नसरीन भाभी जान, “आआहहऽऽऽ ऊऊऊहहहऽऽऽऽ” कर रही थीं।
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RE: मैं हसीना गज़ब की - by rohitkapoor - 10-05-2020, 02:49 AM



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