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Adultery दो आर्मी नर्सों की चुदाई **Completed**
#38
उसके बाद पहली बार मैंने फौज़िया के साथ चुदाई शुरू की। वो भी चुदाई में काफी एक्सपर्ट थी। इसी दौरान अहमद ने भी पहली बार शाज़िया को चूमना शुरू किया। पता नहीं क्यों मुझे अच्छा नहीं लग रहा था जब अहमद उसको किस कर रहा था, लेकिन अभी हम चारों इतने करीब आ गये थे और खुल चुके थे कि और कोई रास्ता नहीं था।

उसके बाद मैं दोबारा गरम हुआ और मैंने फौज़िया को एक ज़बरदस्त तरीके से चोदा। इसके साथ-साथ अहमद ने भी शाज़िया को आला तरीके से चोदा। अहमद का लंड मेरे से कुछ छोटा था, मगर वो भी चोदने में मास्टर था। आखिरकर हमने उस दिन ग्रुप सैक्स कर ही लिया। उस दिन हमने काईं दफा चुदाई की और फिर वापसी की तैयारी करने लगे तो मैंने सबको इकट्ठा करके एक वादा लिया कि हम में कोई बात छुपी नहीं रहेगी और ना कोई दिल में कोई बात रखेगा। जो भी बात होगी वो ओपन करनी होगी, जिसका भी जिसके साथ भी चुदाई करने का दिल चाहेगा वो खुल कर बोलेगा और बगैर किसी जलन के चुदाई करेंगे। मैं जानता था कि अगर ये वादा नहीं लेता तो हमारी दोस्ती और सैक्सी रिलेशन खराब हो सकते थे। मेरी ये बात सुन कर सबने हलफ़ दिया और सब खुश हो गये।
 
उसके बाद अहमद की कार में हम चारों उनके होस्टल आये, पर फिर अहमद के साथ मैं उसके फ़्लैट आया क्योंकि मेरी मोटर बाइक वहाँ थी। फ्लैट पर आकर मैंने सारी बात साफ़-साफ़ अहमद को बतायी और वादा लिया कि हमारी दोस्ती में कोई फ़रक नहीं आयेगा, और ना हम कोई बात छिपायेंगे। हर बात खोल कर करेंगे।
 
उसके बाद हमारी ज़िंदगी बहुत ही ज़बरदस्त तरीके से गुज़र रही थी क्योंकि हम चारों बहुत अच्छे और जिगरी दोस्त थे। उसके बाद काफी दफा हमने साथ में ग्रुप सैक्स किया। काफी दफा मैं सिर्फ़ शाज़िया को या सिर्फ़ फौज़िया को फ़्लैट पर लेकर गया। इसी तरह अहमद भी काफी दफा सिर्फ़ शाज़िया को और काफी दफ़ा सिर्फ़ फौज़िया को लेकर फ़्लैट पर गया और हम उन दोनों की चूत की आग बुझाते रहे। अहमद ही शराब और खाने वगैरह का खर्च उठाता था और चूंकि दोनों लड़कियों को रोज़ाना शराब पीने की आदत थी, इसलिये उनकी रोज़ की बोतल भी अहमद ही सपलायी करता था। दिन में या शाम को वो दोनों हमसे चुदवाती थीं और रात में होस्टल में दोनों चुदैलें नशे में चूर होकर लेस्बियन चुदाई करती थीं।
 
दिसंबर में मेरी यूनिट की एक्सरसाईज़ शुरू हुई और मैं पंद्रह दिनों के लिये बादीन (सिंध) के बोर्डर पर गया, मगर पीछे से अहमद ने बहुत ज़बर्दस्त वक्त उन दोनों चुदैलों को दिया और काफी दफा दोनों को साथ में भी चोदा। मैं एक्सरसाईज़ में उन लोगों को बहुत मिस करता रहा, लेकिन वो लोग मुझे मुसलसल मोबाइल पर फोन करते थे, बल्कि अहमद तो कभी-कभी जब उनकी चूत मारता था तो चुदाई करते-करते मुझे फोन करता और कहता कि ये चुदाई तुम्हारी तरफ़ से हो रही है। अहमद ने बताया कि दोनों लड़कियों के चूत की गर्मी इस हद तक बढ़ गयी है कि कईं बार वो अकेला उनकी तसल्ली नहीं कर पाता था। मैं बेचारा बादीन के रेगिस्तान में अपने टेंट में मुठ मारता था और उन दोनो की चूतों को मिस करता था।
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RE: दो आर्मी नर्सों की चुदाई - by rohitkapoor - 10-05-2020, 02:34 AM



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