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Misc. Erotica हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह
#33
ज़ूबी भी अपना मुँह खोल कर उसकी जीभ को चूसने लगी। अब राज ने अपना दूसरा हाथ उसकी शर्ट में डाल दिया और उसकी चूचियों को मसलने लगा। उसके हाथों के  स्पर्श ने ज़ूबी के बदन में एक सिरहन सी दौड़ा दी जिससे उसके निप्पल एक दम सख्त हो गये। राज उसकी आँखों में देखते हुए उसकी चूचियों को जोरों से मसल रहा था। जब उसने वेटर को टेबल के नज़दीक आते देखा तो अपना हाथ हटा लिया। 

राज ने दोनों के लिए एक और ड्रिंक का ऑर्डर दिया। अपनी टाँगों को थोड़ा फ़ैलाओ उसने ज़ूबी की टाँगों को सहलाते हुए कहा। 
 
ना चाहते हुए भी ज़ूबी ने अपनी टाँगें फैला दी। राज के हाथ अब उसकी चूत से खेल रहे थे। वो रह रह कर अपनी हथेली से उसकी चूत को दबा देता। ज़ूबी के शरीर में भी गर्मी आ रही थी। इसका सबूत ये था कि उसकी चूत गीली हो चुकी थी। कई बार राज अपनी गीली हुई अँगुलियों को उसकी स्कर्ट से पौंछ चुका था।
 
ज़ूबी का दिमाग काम नहीं कर रहा था। दिमाग कह रहा था कि वो राज का साथ ना दे, पर बदन की गर्मी और काम वासना उस पर हावी होती जा रही थी। वो जानती थी कि आज की रात राज उसे चोदेगा और उसके पास उसके साथ सोने के अलावा कोई चारा भी नहीं था। उसे तो हर हाल में चुदवाना था चाहे मन से या बेमन से।
 
ओहहहह आहहहह ज़ूबी के मुँह से सिसकरी निकली। राज अपनी दो अँगुलियाँ उसकी चूत में डाले अंदर बाहर कर रहा था। जैसे-जैसे राज की अँगुली उसकी चूत में घुसती, उतनी ही उसकी वासना और भड़कती। उसकी सिसकरियाँ ये बता रही थी कि अब वो भी चुदवाने कि लिए पूरी तरह तैयार हो गयी है।
 
राज उसकी हालत देख कर मुस्कुरा रहा था। वो जानता था कि थोड़ी ही देर में ज़ूबी का पानी छूट जायेगा। पर उसका मक्सद ये नहीं था, वो तो उसे बताना चाहता था कि वो अपनी हरकतों से उसे कहीं भी चुदवाने को तैयार कर सकता था।
 
ज़ूबी एक काम करो... ये चाबी लो और रूम नंबर २१३ में चली जाओ... और हाँ! जाकर बेड पर रखी ड्रेस और सैंडल पहन लेना जो मैं तुम्हारे लिए लाया हूँ। मैं थोड़ी देर में आता हूँ। राज ने उसे चाबी पकड़ाते हुए कहा।
 
ज़ूबी खड़ी होकर ऊपर रूम में जाने के लिये चल दी। जैसे ही वो खड़ी हुई, उसे अपनी चूत से पानी बहता महसूस हुआ। उसकी जाँघें और चूत पूरी तरह से गीली हो  चुकी थी।
 
राज मुस्कुराते हुए ज़ूबी को पीछे से देख रहा था। उसने देखा कि उसकी स्कर्ट उसके चूत्तड़ की गोलाइयों को नहीं छुपा पा रही थी।
 
ज़ूबी जब कमरे में दाखिल हुई तो उसे बेड पर एक छोटी सी सफ़ेद पैंटी और उतनी ही छोटी ब्रा नज़र आयी। साथ ही उनसे मैचिंग सफ़ेद रंग के बहुत ही हाई हील के सैंडल रखे थे। इन अंडरगार्मेंट्स को देख कर वो समझ गयी कि राज जानबूझ कर इतने छोटे ले कर आया है ताकि उसके मम्मे और चूत्तड़ साफ़ दिखायी दे सके।
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RE: हिंदी की कामुक कहानियों का संग्रह - by rohitkapoor - 02-05-2020, 08:09 PM



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