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Misc. Erotica मैं हसीना गज़ब की
#51
तभी जावेद ने ऐसी हरकत कि जिससे हमारे बीच बची-खुची शरम का पर्दा भी तार-तार हो गया। जावेद ने फिरोज़ भाई जान का हाथ पकड़ा और मेरे एक मम्मे पर रख दिया। फिरोज़ ने अपने हाथों में मेरे मम्मे को थाम कर कुछ देर सहलाया। ये पहली बार था जब किसी गैर मर्द ने मुझे मेरे हसबैंड के सामने ही मसला था। फिरोज़ मेरे एक मम्मे को थोड़ी देर तक मसलते रहे और फिर मेरे निप्पल को पकड़ कर अपनी अँगुलियों से उमेठने लगे। 

जावेद इसी का बहाना लेकर नसरीन भाभी के एक मम्मे को अपने हाथों में भर कर दबाने लगे। जावेद की आँखें नसरीन भाभी से मिली और नसरीन भाभी अपने सिर को फिरोज़ भाई जान की जाँघों के बीच से उठा कर आगे आ गयीं जिससे जावेद को उनके मम्मों पर हाथ फ़ेरनेके लिये ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़े। अब हम दोनों औरतें अपने-अपने हसबैंड के लंड की सवारी कर रही थीं। ऊपर नीचे होने से दोनों की बड़ी-बड़ी चूचियाँ उछल रही थीं। जावेद के हाथों की मालिश अपने मम्मों पर पाकर नसरीन भाभी की धक्के मारने की रफ़्तार बढ़ गयी और वो, “आआऽऽहहऽऽऽ ममऽऽऽऽ” जैसी आवाजें मुँह से निकालती हुई फिरोज़ भाई जान पर लेट गयी। लेकिन फिरोज़ भाई जान का तना हुआ लंड उनकी चूत से नहीं निकला। 
 
कुछ देर तक इसी तरह चोदने के बाद जावेद ने मुझे अपने ऊपर से उठा कर बिस्तर पर लिटाया और मेरी दोनों टाँगें उठा कर अपने कंधे पर रख लीं और मेरी चूत पर अपने लंड को लगा कर अंदर धक्का दे दिया। फिर वो मेरी चूत पर जोर-जोर से धक्के मारने लगे। मैं फिरोज़ की बगल में लेटी हुई उनको नसरीन भाभी को चूमते और मोहब्बत करते हुए देख रही थी। मेरे मन में जलन की आग लगी हुई थी। काश वहाँ उनके जिस्म पर नसरीन भाभी जान नहीं बल्कि मेरा नंगा जिस्म पसरा हुआ होता।
 
वो मुझे बिस्तर पर लेटे हुए ही निहार रहे थे। उनके होंठ नसरीन भाभी जान को चूम चाट रहे थे लेकिन आँखें और दिल मेरे पास था। वो अपने हाथों को मेरे जिस्म पर फेरते हुए शायद मेरी कल्पना करते हुए अपनी नसरीन को वापस ठोकने लगे। नसरीन भाभी के काफी देर तक ऊपर से चोदने के बाद फिरोज़ भाई जान ने उसे हाथों और पैरों के बल झुका दिया। ये देख जावेद ने भी मुझे उलटा करके मुझे भी उसी पोज़िशन में कर दिया। सामने आईना लगा हुआ था। हम दोनों जेठानी देवरानी पास-पास घोड़ी बने हुए थे। दोनों भाइयों ने एक साथ एक रिदम में हम दोनों को ठोकना शुरू किया। चार बड़े-बड़े मम्मे एक साथ आगे पीछे हिल रहे थे। हम दोनों एक दूसरे की हालत देख कर और ज्यादा उत्तेजित हो रहे थे। कुछ देर तक इस तरह चोदने के बाद दोनों ने हम दोनों को बिस्तर पर लिटा दिया और ऊपर से मिशनरी स्टाईल में धक्के मारने लगे। इस तरह चुदाई करते हुए हमारे जिस्म अक्सर एक दूसरे से रगड़ खा कर और अधिक उत्तेजना का संचार कर रहे थे।
 
नसरीन भाभी जान अब झड़ने वाली थी वो जोर-जोर से चींखने लगी, “हाँ हाँ.. औऽऽर जोर से‍एऽऽऽ और जोर से‍एऽऽऽ। हाँ इसी‍इऽऽऽ तरह.... फिरोज़ आज तुम में काफी जोश है.. आज तो तुम्हारा बहुत तन रहा है। आज तो मैं निहाल हो गयी....” इस तरह बड़बड़ाते हुए उसने अपनी कमर को उचकाना शुरू किया और कुछ ही देर में इस तरह बिस्तर पर निढाल होकर गिरी, मानो उसके जिस्म से हवा निकाल दी गयी हो। अब तो फिरोज़ भाई जान उसके ठंडे पड़े शरीर को ठोक रहे थे।
 
मैंने सोचा काश उनकी जगह मैं होती तो बराबर का साथ देती और उन्हें दिखाती कि मुझ में कितना स्टैमिना है। इस गेम में तो जेठ जी को हरा कर ही छोड़ती।
 
कुछ देर बाद जावेद ने अपने धक्कों की रफ़्तार बढ़ा दी और उसके लंड से गरम वीर्य की धार मेरी चूत के अंदर बहने लगी। मैंने भी उसके साथ-साथ अपने रस का द्वार खोल दिया। हम दोनों अब एक दूसरे के पास लेटे हुए लंबी-लंबी सांसें ले रहे थे। मेरा दो बार निकल जरूर गया था लेकिन अभी तक मैं गर्मी से जल रही थी। आज तो मैं इतनी उत्तेजित थी कि अगर जावेद मुझे रात भर चोदता तो मैं उसका पूरी रात साथ देती।
 
तभी फिरोज़ उठ कर बाथरूम चले गये। जावेद हम दोनों औरतों के बीच लेट गया और हम दोनों को अपनी दोनों बाँहों में भर कर अपने ऊपर खींच लिया। हम दोनों औरतें उसके नंगे जिस्म से लिपटी हुई थीं। जावेद एक बार मुझे चूमता तो एक बार अपनी भाभी को। हम दोनों औरतें उसके जिस्म को सहला रही थीं। मैंने अपना हाथ उसके लंड पर रखा तो पता चला कि वहाँ पर तो पहले से ही एक हाथ रखा हुआ था। मैंने नीचे झुक कर देखा कि नसरीन भाभी ने जावेद का लंड अपने हाथों में थाम रखा है।
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RE: मैं हसीना गज़ब की - by rohitkapoor - 02-05-2020, 08:01 PM



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