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Misc. Erotica मैं हसीना गज़ब की
#49
जावेद ने डी-वी-डी ऑन करके ब्लू फ़िल्म चला दी। फिर बिस्तर के सिरहाने पर पीठ लगा कर हम चारों बैठ गये। एक किनारे पर जावेद बैठा था और दूसरे किनारे पर फिरोज़ भाई जान थे। बीच में हम दोनों औरतें थीं। दोनों ने नशे में मस्त अपनी-अपनी बीवियों को अपनी बाँहों में समेट रखा था। इस हालत में हम ब्लू फ़िल्म देखने लगे। फिल्म जैसे-जैसे आगे बढ़ती गयी, कमरे का माहौल गरम होता गया। दोनों मर्द बिना किसी शरम के अपनी अपनी बीवियों के गुप्ताँगों को मसलने लगे। जावेद मेरे मम्मों को मसल रहा था और फिरोज़ नसरीन भाभी के। जावेद ने मुझे उठा कर अपनी टाँगों के बीच बिठा लिया। मेरी पीठ उनके सीने से सटी हुई थी। वो अपने दोनों हाथ मेरे गाऊन के अंदर डाल कर अब मेरे मम्मों को मसल रहे थे। मैंने देखा नसरीन भाभी जावेद को चूम रही थी और जावेद के हाथ भी नसरीन भाभी जान के गाऊन के अंदर थे। मुझे उन दोनों को इस हालत में देख कर पता नहीं क्यों कुछ जलन सी होने लगी। हम दोनों के गाऊन कमर तक उठ गये थे। और नंगी जाँघें सबके सामने थीं। जावेद अपने एक हाथ को नीचे से मेरे गाऊन में घुसा कर मेरी चूत को सहलाने लगे। मैं अपनी पीठ पर उनके लंड की ठोकर को महसूस कर रही थी। 

फिरोज़ ने नसरीन भाभी के गाऊन को कंधे पर से उतार दिया था और एक मम्मे को बाहर निकाल कर चूसने लगे थे। ये देख कर जावेद ने भी मेरे एक मम्मे को गाऊन के बाहर निकालने की कोशिश की। मगर मेरे इस गाऊन का गला कुछ छोटा था इसलिये उसमें से मेरा स्तन बाहर नहीं निकल पाया। उन्होंने काफी कोशिशें की मगर सफ़ल ना होते देख कर गुस्से में एक झटके में मेरे गाऊन को मेरे जिस्म से हटा दिया। अब सिर्फ हाई-हील के सैंडल पहने मैं सबके सामने बिल्कुल नंगी हो गयी क्योंकि प्रोग्राम के अनुसार हम दोनों औरतों ने गाऊन के अंदर कुछ भी नहीं पहन रखा था। मैं शरम के मारे अपने हाथों से अपने मम्मों को छिपाने लगी और अपनी टाँगों को एक दूसरे से सख्ती से दबा लिया जिससे मेरी चूत के दर्शन ना हों। 
 
“क्या करते हो.. शरम करो बगल में फिरोज़ भाई और नसरीन भाभी जान हैं.... तुमने उनके सामने मुझे नंगी कर दिया। छी-छी क्या सोचेंगे जेठ जी?” मैंने फुसफुसाते हुए जावेद के कानों में कहा जिससे बगल वाले नहीं सुन सकें।
 
“तो इसमें क्या है? नसरीन भाभी जान भी तो लगभग नंगी ही हो चुकी हैं। देखो उनकी तरफ़..” मैंने अपनी गर्दन घूमा कर देखा तो पाया कि जावेद सही कह रहा था। फिरोज़ भाई जान ने भाभी के गाऊन को छातियों से भी ऊपर उठा रखा था। वो भाभी जान की चूचियों को मसले जा रहे थे। वो भाभी जान के एक निप्पल को अपने दाँतों से काटते हुए दूसरे बूब को अपनी मुठ्ठी में भर कर मसलते जा रहे थे। नसरीन भाभी ने फिरोज़ भाई जान के पायजामे को खोल कर उनके लंड को अपने हाथों में लेकर सहलाना शुरू कर दिया था।
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RE: मैं हसीना गज़ब की - by rohitkapoor - 02-05-2020, 07:59 PM



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