Thread Rating:
  • 6 Vote(s) - 2.33 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Misc. Erotica मैं हसीना गज़ब की
#46
उन्होंने मुझे किसी बार्बी डॉल की तरह एक झटके में उठाकर हाथों और पैरों के बल घोड़ी बना दिया। मेरी टपकती हुई चूत अब उनके सामने थी। 

“मममऽऽऽ दोऽऽऽ.... डाऽऽऽल दो‍ओऽऽऽ। आज मुझे जितना जी में आये मसल डालो..... आआआह मेरी गर्मी शाँत कर दो।” मैं सैक्स की भूखी किसी वेश्या की तरह छटपटा रही थी उनके लंड के लिये। 
 
“एक मिनट ठहरो,” कहकर उन्होंने मेरा गाऊन उठाया और मेरी चूत को अच्छी तरह साफ़ करने लगे। ये जरूरी भी हो गया था। मेरी चूत में इतना रस निकला था कि पूरी चूत चिकनी हो गयी थी। उनके इतने मोटे लंड के रगड़ने का अब एहसास भी नहीं हो रहा था। जब तक लंड के रगड़ने का दर्द नहीं महसूस होता तब तक मज़ा उतना नहीं आ पाता है। इसलिये मैं भी उनके इस काम से बहुत खुश हुई। मैंने अपनी टाँगों को फैला कर अपनी चूत के अंदर तक का सारा पानी सोख लेने में मदद की। मेरी चूत को अच्छी तरह साफ़ करने के बाद उन्होंने अपने लंड पर चुपड़े मेरे रस को भी मेरे गाऊन से साफ़ किया। मैंने बेड के सिरहाने को पकड़ रखा था और कमर उनकी तरफ़ कर रखी थी। उन्होंने वापस अपने लंड को मेरी चूत के द्वार पर लगा कर एक और जोरदार धक्का दिया।
 
“हममऽऽऽफफफऽऽऽऽ” मेरे मुँह से एक आवाज निकली और मैंने उनके लंड को अपनी दुखती हुई चूत में रगड़ते हुए अंदर जाते हुए वापस महसूस किया। वो दोबारा जोर-जोर से धक्के लगाने लगे। उनके धक्कों से मेरे बड़े-बड़े स्तन किसी पेड़ पर लटके आमों की तरह झूल रहे थे। मेरे गले पर पहना हुआ भारी नेकलेस उनके धक्कों से उछल-उछल कर मेरी चूचियों को और मेरी ठुड्डी को टक्कर मार रहा था। मैंने उसके लॉकेट को अपने दाँतों से दबा लिया जिससे कि वो झूले नहीं। फिरोज़ भाई जान ने मेरी इस हरकत को देख कर मेरे नेकलेस को अपने हाथों में लेकर अपनी ओर खींचा। मैंने अपना मुँह खोल दिया। अब ऐसा लग रहा था मानो वो किसी घोड़ी की सवारी कर रहे हों और नेकलेस उनके हाथों में दबी उसकी लगाम हो। वो इस तरह मेरी लगाम थामे मुझे पीछे से ठोकते जा रहे थे।
[+] 1 user Likes rohitkapoor's post
Like Reply


Messages In This Thread
RE: मैं हसीना गज़ब की - by rohitkapoor - 02-05-2020, 07:55 PM



Users browsing this thread: 2 Guest(s)