26-04-2020, 08:05 PM
(This post was last modified: 20-08-2022, 12:08 AM by rohitkapoor. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
ज़ूबी ने अमित की ओर देखा जो कामुक निगाहों से उसके बदन को घुरे जा रहा था। थोड़ी देर में उसने उसका हाथ अपने चूत्तड़ पर रेंगते हुए महसूस किया। उसके एक चूत्तड़ पर राज हाथ फिरा रहा था और दूसरे पर अमित का।
इतने में राज ने अपनी एक अँगुली ज़ूबी की चूत मे घुसा दी और अंदर बाहर करने लगा। ज़ूबी की निगाहें अपने केबिन के दरवाजे पर लगी हुई थी और वो अल्लाह से दुआ कर रही थी कि उसके केबिन में कोई ना आये। वो सिर्फ हाई हील के सैंडल पहने मेज़ का सहारा ले कर घोड़ी बन गयी थी।
ज़ूबी ने अपने पीछे कपड़ों की सरसराहट सुनी। राज ने थोड़ी देर के लिए अपने हाथ उसके चूत्तड़ से हटा कर अपनी बेल्ट को खोला और अपनी पैंट के बटन खोल कर उसे नीचे सरका दिया। उसने अपने खड़े लंड को ज़ूबी की चूत के छेद पर टिका दिया।
“नहीं प्लीज़ नहीं” वो धीरे से बोली।
“अमित हम ये मामला सुलझा कर रहेंगे। मैं जानता हूँ कि जो लोग मेरे लिए कम करते हैं वो हर हाल में मेरा कहा मानेंगे।” कहकर राज ने अपने हाथों से उसके चूत्तड़ को थोड़ा फ़ैलाया और अपने लंड को उसकी चूत में घुसा दिया। ज़ूबी के मुँह से एक चींख निकल पड़ी।
राज ने अपना लंड थोड़ा बाहर निकाला और जोर के धक्के के साथ पूरा लंड उसकी चूत मे डाल दिया। चींख की जगह एक सिस्करी निकल पड़ी ज़ूबी के मुँह से।
“साली कुत्तिया! अपनी टाँगें फ़ैला” राज गुस्से में बोला, “जब तक तू अपनी टाँगें नहीं फ़ैलायेगी, मैं अपना लंड तेरी चूत की जड़ तक कैसे पेलूँगा।”
राज का आधा लंड उसकी चूत मे घुसा हुआ था। बड़ी मुश्किल से ज़ूबी ने अपनी टाँगें फ़ैलायीं। जैसे ही उसकी टाँगें फ़ैलीं, राज ने उसे कंधों से पकड़ा और जोर के धक्के लगाने लगा। उसके हर धक्के के साथ ज़ूबी की चूचियाँ उछल रही थीं।
राज ने उसकी एक चूंची मसलते हुए जोर का धक्का मार कर अपना पानी उसकी चूत मे छोड़ दिया। जब उसके लंड से एक-एक बूँद निकल चुकी थी तो वो अपने लंड को बाहर निकाल कर उसके चूत्तड़ पर रगड़ने लगा।
ज़ूबी ने थोड़ी राहत की साँस ली। राज वक्त से पहले ही झड़ गया था। वो सीधी हो कर अपने कपड़े पहनने का विचार बना ही रही थी की, “तुम ये क्या कर रही हो?” राज ने पूछा।
“कपड़े पहन रही हूँ और क्या!” ज़ूबी ने जवाब दिया।
“ये अमित के साथ नाइंसाफ़ी होगी ज़ूबी डियर!” राज ने जैसे ही ये कहा ज़ूबी ने अमित की तरफ़ देखा और वो दंग रह गयी। अमित अपने कपड़े उतार कर अपने लंड को सहला रहा था और ज़ूबी के नंगे बदन को देखे जा रहा था।
“तुम जहाँ हो वहीं रुको?” राज ने जैसे उसे आदेश दिया।
इतने में राज ने अपनी एक अँगुली ज़ूबी की चूत मे घुसा दी और अंदर बाहर करने लगा। ज़ूबी की निगाहें अपने केबिन के दरवाजे पर लगी हुई थी और वो अल्लाह से दुआ कर रही थी कि उसके केबिन में कोई ना आये। वो सिर्फ हाई हील के सैंडल पहने मेज़ का सहारा ले कर घोड़ी बन गयी थी।
ज़ूबी ने अपने पीछे कपड़ों की सरसराहट सुनी। राज ने थोड़ी देर के लिए अपने हाथ उसके चूत्तड़ से हटा कर अपनी बेल्ट को खोला और अपनी पैंट के बटन खोल कर उसे नीचे सरका दिया। उसने अपने खड़े लंड को ज़ूबी की चूत के छेद पर टिका दिया।
“नहीं प्लीज़ नहीं” वो धीरे से बोली।
“अमित हम ये मामला सुलझा कर रहेंगे। मैं जानता हूँ कि जो लोग मेरे लिए कम करते हैं वो हर हाल में मेरा कहा मानेंगे।” कहकर राज ने अपने हाथों से उसके चूत्तड़ को थोड़ा फ़ैलाया और अपने लंड को उसकी चूत में घुसा दिया। ज़ूबी के मुँह से एक चींख निकल पड़ी।
राज ने अपना लंड थोड़ा बाहर निकाला और जोर के धक्के के साथ पूरा लंड उसकी चूत मे डाल दिया। चींख की जगह एक सिस्करी निकल पड़ी ज़ूबी के मुँह से।
“साली कुत्तिया! अपनी टाँगें फ़ैला” राज गुस्से में बोला, “जब तक तू अपनी टाँगें नहीं फ़ैलायेगी, मैं अपना लंड तेरी चूत की जड़ तक कैसे पेलूँगा।”
राज का आधा लंड उसकी चूत मे घुसा हुआ था। बड़ी मुश्किल से ज़ूबी ने अपनी टाँगें फ़ैलायीं। जैसे ही उसकी टाँगें फ़ैलीं, राज ने उसे कंधों से पकड़ा और जोर के धक्के लगाने लगा। उसके हर धक्के के साथ ज़ूबी की चूचियाँ उछल रही थीं।
राज ने उसकी एक चूंची मसलते हुए जोर का धक्का मार कर अपना पानी उसकी चूत मे छोड़ दिया। जब उसके लंड से एक-एक बूँद निकल चुकी थी तो वो अपने लंड को बाहर निकाल कर उसके चूत्तड़ पर रगड़ने लगा।
ज़ूबी ने थोड़ी राहत की साँस ली। राज वक्त से पहले ही झड़ गया था। वो सीधी हो कर अपने कपड़े पहनने का विचार बना ही रही थी की, “तुम ये क्या कर रही हो?” राज ने पूछा।
“कपड़े पहन रही हूँ और क्या!” ज़ूबी ने जवाब दिया।
“ये अमित के साथ नाइंसाफ़ी होगी ज़ूबी डियर!” राज ने जैसे ही ये कहा ज़ूबी ने अमित की तरफ़ देखा और वो दंग रह गयी। अमित अपने कपड़े उतार कर अपने लंड को सहला रहा था और ज़ूबी के नंगे बदन को देखे जा रहा था।
“तुम जहाँ हो वहीं रुको?” राज ने जैसे उसे आदेश दिया।