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Misc. Erotica हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह
#24
अमित ज़ूबी को हमारी परिस्थिति के बारे में अच्छी तरह मालूम है। उसे ये भी मालूम है की गलती उससे हुई है। वो अच्छी तरह जानती है की मैं इसकी कंपनी को बर्बाद कर सकता हूँ पर इन सबसे मेरा जो घाटा होगा वो तो पूरा नहीं होगा ना राज का गुस्सा साफ़ दिखायी दे रहा था।


ज़ूबी इस कंपनी के बोर्ड पर है और हमारी हर तरह से सहायता करने को तैयार है... है न ज़ूबी। ज़ूबी ने हाँ में अपनी गर्दन हिला दी।
 
राज ने अपना अगला कदम बढ़ाया। वो खड़ा होकर ज़ूबी के डेस्क के पास चहल कदमी करने लगा, अमित हमें इस काम को अंजाम देना है। तुम्हें अच्छी तरह पता है की कैसे अंजाम दिया जाता है।
 
फिर उसने ज़ूबी की तरफ़ देखा, ज़ूबी जरा खड़ी हो जाओ।
 
ज़ूबी काँपती टाँगों पर उसकी बात मानते हुए खड़ी हो गयी।
 
राज चलते हुए ज़ूबी के पीछे आ गया और अमित उसे घुरे जा रहा था। उस करोड़पति ने ज़ूबी का कोट उतार दिया और उसके टॉप में से झलकती चूचियाँ साफ़ दिखायी देने लगी।
 [Image: 0004.jpg]

अमित मैंने इस गुड़िया से कहा था की आज वो ब्रा नहीं पहने। ज़ूबी के निप्पल अचानक ही तन गये थे। राज ने पीछे से उसके टॉप की ज़िप खोल दी और ज़ूबी पत्थर  की मुरत बनी सहमी सी खड़ी थी। ज़ूबी की निगाहें अमित के चेहरे पर टिकी थी जो हैरत से उसकी और घूर रहा था।
 
राज ने ज़ूबी के टॉप को उसकी दोनों बाँहों से अलग करते हुए उतार दिया। अब वो कमर से उपर तक पूरी तरह नंगी खड़ी थी। पता नहीं डर के मारे या ठंड के मारे उसके निप्पल पूरी तरह से खड़े थे।
 
राज ने पीछे से उसकी चूचियों को मसलते हुए कहा, अमित तुम्हें नहीं लगता की हम इस मामले को सुलझा लेंगे।
 
हाँ... हाँ! हम सुलझा लेंगे मिस्टर राज... आप चिंता ना करें। अमित एक भूखे शिकारी की तरह ज़ूबी के बदन को घूरते हुए कहा।
 
ज़ूबी तुम्हें नहीं लगता की हम इस दलदल से बाहर आ जायेंगे। राज ने उसके स्कर्ट के हुक को खोलते हुए कहा।
 
हाँ मिस्टर राज हम जरूर बाहर आ जायेंगे। ज़ूबी ने उसकी हरकतों का बिना कोई विरोध करते हुए कहा।
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RE: हिंदी की कामुक कहानियों का संग्रह - by rohitkapoor - 26-04-2020, 07:55 PM



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