Thread Rating:
  • 7 Vote(s) - 3.14 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Adultery तरक्की का सफ़र
#32
ओह नहीं!!!!! तीनों एक साथ बोली। 

उनके चेहरे पर दुख देख कर मैं बोला, सुनो हम लोगों के रिश्ते में कोई फ़र्क नहीं आने वाला। मैं तुम तीनों का यहाँ ऑफिस में ख्याल रखुँगा और अपनी बीवी का घर पर... समझी! चलो सब अपने काम पर जाओ और मुझे भी सब समझने दो, शाम को स्टोर रूम में मिलेंगे।

वो तीनों खुश होकर चली गयी पर असली शामत तो रजनी से आने वाली थी। पता नहीं मेरी शादी की बात सुनकर वो क्या कहेगी, क्या करेगी। जो होगा देखा जायेगा। 
 
समय गुजर रहा था। मैं अपने लंड से तीनों एसिस्टेंट्स को ऑफिस में और प्रीती को घर पर मज़े देता था।
 
हमारी कंपनी हर साल एक बहुत बड़ी पार्टी रखती थी जिसमें हर स्टाफ को उसके परिवार के साथ बुलाया जाता था।
 
इस बार की पार्टी शहर के सबसे बड़े क्लब, नेशनल क्लब में रखी गयी थी। मैं और प्रीती तैयार होकर क्लब पहुँचे। क्लब में घुसते हुए मैंने प्रीती से कहा, प्रीती! ये इस शहर का सबसे बड़ा क्लब है और मैं एक दिन इसका मेंबर बनना चाहता हूँ, क्यों सुंदर है ना?”
 
हाँ! काफी सुंदर है, उसने जवाब दिया।
 
हम लोग लॉन में पहुँचे तो मैंने देखा कि काफी लोग आ चुके थे। आओ प्रीती! मैं तुम्हें अपने साथियों और दोस्तों से मिलाता हूँ, मैंने उसका हाथ पकड़ते हुए कहा।
 
जब हम मेरे दोस्तों के बीच पहुँचे तो एक ने कहा, आओ राज! अरे ये क्या, तुम्हारे हाथ में ड्रिंक नहीं है?”
 
मैं अभी तो आया हूँ, जल्दी क्या है आ जायेगी, मैंने जवाब दिया।
 
अरे ये वेटर सब आलसी हैं, जाओ... तुम खुद बार पर से ड्रिंक क्यों नहीं ले आते, उसने जवाब दिया।
 
मैं प्रीती को वहीं छोड़ कर बार की तरफ ड्रिंक लेने के लिये बढ़ा तो देखा कि रजनी सेल्स मैनेजर से बात कर रही थी। उससे नज़रें बचाते हुए मैं अपनी ड्रिंक ले कर एक भीड़ में जा कर खड़ा हो गया जिससे वो कोई तमाशा ना खड़ा कर सके।
 
अचानक मैंने अपने कंधों पर किसी का हाथ महसूस किया। पलट कर देखा तो रजनी खड़ी थी। हाय राज! कैसे हो?” उसकी आवज़ में दर्द था।
 
हाय रजनी! मैं ठीक हूँ, तुम कैसी हो?” मैंने जवाब दिया। 
[+] 3 users Like rohitkapoor's post
Like Reply


Messages In This Thread
RE: तरक्की का सफ़र - by rohitkapoor - 26-04-2020, 07:42 PM



Users browsing this thread: 9 Guest(s)