26-04-2020, 07:40 PM
मैं जोर-जोर से उसकी गाँड मार रहा था और अपनी अँगुली से उसकी चूत को चोद रहा था। मेरा पानी छूटने वाला था और उसके बदन की कंपन देख कर मुझे लगा कि वो भी अब छूटने वाली है। अपने धक्कों की रफ़्तार बढ़ाते हुए मैंने अपना पानी उसकी गाँड में छोड़ दिया। उसका भी शरीर कंपकंपाया और उसकी चूत ने मेरे हाथों पर पानी छोड़ दिया।
मैंने अपना लंड उसकी गाँड में से निकाले बगैर पूछा, “क्यों प्रीती डार्लिंग! अपनी गाँड की पहली चुदाई कैसी लगी?”
“कुछ अच्छी नहीं, बहुत दर्द हो रहा है! अच्छा अब अपना लौड़ा मेरी गाँड से बाहर निकालो”, उसने अपनी आँखों से आँसू पौंछते हुए कहा।
“अभी नहीं मेरी जान! मैं एक बार और तुम्हारी गाँड मारना चाहता हूँ”, मैंने अपने लंड को फिर उसकी गाँड में अंदर तक घुसा दिया।
“क्या राज!!!! ये करना जरूरी है क्या? मुझे तुम्हारा लंड मेरी गाँड में घुसते ही कुछ ज्यादा मोटा और लंबा होता लग रहा है”, वो छटपटायी। मैं अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा। उसकी गाँड में मेरा पानी होने से इस बार इतनी तकलीफ नहीं हो रही थी और मेरा लंड आराम से उसकी गाँड की जड़ तक समा जाता।
मैं जोर-जोर से उसकी गाँड मारने लगा और अपनी अंगुलियों से फिर उसकी चूत को चोद रहा था। उसे भी मज़ा आने लगा और वो बोल पड़ी, “हाँ राज!!! जोर-जोर से..., मज़ा आ रहा है।”
जब हम दोनों का पानी छूट गया तो मैंने उसे बाँहों में भरते हुए पूछा, “क्यों अबकी बार कैसा लगा?”
“पहली बार से अच्छा था”, उसने जवाब दिया।
“जैसे-जैसे चुदवाओगी... तुम्हें और मज़ा आने लगेगा। याद है तुम मेरा वीर्य पीना नहीं चाहती थी और अब तुम एक बूँद छोड़ती नहीं हो”, ये कहकर मैं उसे बाँहों में भर कर सो गया।
दूसरे दिन अपनी मोटर-साइकल पर ऑफिस जाते हुए मैं सोच रहा था कि ऑफिस में मेरी तीनों असिसटेंट और रजनी मेरी शादी की बात सुनकर क्या कहेंगी... क्या सोचेंगी।
मेरे केबिन में पहुँचते ही तीनों ने मुझे घेर लिया, “थैंक गॉड! राज तुम आ गये”, शबनम ने मुझे गले लगाते हुए कहा।
“समीना मुझे स्टोर रूम की चाबी दो, मैं तो एक सैकेंड भी अब इंतज़ार नहीं कर सकती”, नीता ने कहा।
“नहीं!! राज से पहले मैं चुदवाऊँगी, मेरी चूत में बहुत खुजली हो रही है”, समीना ने अपनी चूत को सहलाते हुए कहा।
“रुको! तुम तीनों रुको! पहले मेरी बात सुनो, मेरे पास तुम लोगों के लिये एक खबर है”, उनका रियेक्शन देखने के लिये मैं थोड़ी देर रुका फिर बोला, “मैंने शादी कर ली है।”
मैंने अपना लंड उसकी गाँड में से निकाले बगैर पूछा, “क्यों प्रीती डार्लिंग! अपनी गाँड की पहली चुदाई कैसी लगी?”
“कुछ अच्छी नहीं, बहुत दर्द हो रहा है! अच्छा अब अपना लौड़ा मेरी गाँड से बाहर निकालो”, उसने अपनी आँखों से आँसू पौंछते हुए कहा।
“अभी नहीं मेरी जान! मैं एक बार और तुम्हारी गाँड मारना चाहता हूँ”, मैंने अपने लंड को फिर उसकी गाँड में अंदर तक घुसा दिया।
“क्या राज!!!! ये करना जरूरी है क्या? मुझे तुम्हारा लंड मेरी गाँड में घुसते ही कुछ ज्यादा मोटा और लंबा होता लग रहा है”, वो छटपटायी। मैं अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा। उसकी गाँड में मेरा पानी होने से इस बार इतनी तकलीफ नहीं हो रही थी और मेरा लंड आराम से उसकी गाँड की जड़ तक समा जाता।
मैं जोर-जोर से उसकी गाँड मारने लगा और अपनी अंगुलियों से फिर उसकी चूत को चोद रहा था। उसे भी मज़ा आने लगा और वो बोल पड़ी, “हाँ राज!!! जोर-जोर से..., मज़ा आ रहा है।”
जब हम दोनों का पानी छूट गया तो मैंने उसे बाँहों में भरते हुए पूछा, “क्यों अबकी बार कैसा लगा?”
“पहली बार से अच्छा था”, उसने जवाब दिया।
“जैसे-जैसे चुदवाओगी... तुम्हें और मज़ा आने लगेगा। याद है तुम मेरा वीर्य पीना नहीं चाहती थी और अब तुम एक बूँद छोड़ती नहीं हो”, ये कहकर मैं उसे बाँहों में भर कर सो गया।
दूसरे दिन अपनी मोटर-साइकल पर ऑफिस जाते हुए मैं सोच रहा था कि ऑफिस में मेरी तीनों असिसटेंट और रजनी मेरी शादी की बात सुनकर क्या कहेंगी... क्या सोचेंगी।
मेरे केबिन में पहुँचते ही तीनों ने मुझे घेर लिया, “थैंक गॉड! राज तुम आ गये”, शबनम ने मुझे गले लगाते हुए कहा।
“समीना मुझे स्टोर रूम की चाबी दो, मैं तो एक सैकेंड भी अब इंतज़ार नहीं कर सकती”, नीता ने कहा।
“नहीं!! राज से पहले मैं चुदवाऊँगी, मेरी चूत में बहुत खुजली हो रही है”, समीना ने अपनी चूत को सहलाते हुए कहा।
“रुको! तुम तीनों रुको! पहले मेरी बात सुनो, मेरे पास तुम लोगों के लिये एक खबर है”, उनका रियेक्शन देखने के लिये मैं थोड़ी देर रुका फिर बोला, “मैंने शादी कर ली है।”